बच्चों की युवावस्था में एक समझदार साथी का किरदार निभाये अभिभावक – एसडीएम सांगवान
किशोरावस्था में युवाओं को कुछ नया सीखने की आवशयकता – अनिल मलिक
सत्यखबर, सफीदों – सफीदों के सरस्वती विद्या मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में जिला बाल कल्याण परिषद जीन्द द्वारा भावनात्मक समस्याओं का सुझाव अंतरावैयक्तिक एवं पारस्परिक संचार (वार्तालाप) विषय पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया। एसडीएम विरेंदर सांगवान ने कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि शिरकत की और अध्यक्षता स्कूल प्राचार्या श्रुति मुंजाल ने की। इस अवसर पर परिवार परामर्श केन्द्र से सोहन व् हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद के आजीवन सदस्य नीरज कुमार भी ख़ास तौर पर उपस्थित रहे।
मुख्य अथिति वीरेंद्र सांगवान ने अपने संबोधन में कहा कि जिला बाल कल्याण परिषद जीन्द द्वारा आयोजित किये जा रहे जागरूकता कार्यक्रम तारीफ के काबिल हैं और इस प्रकार के कार्यक्रमों की निरंतर आवश्यकता है, आज समय आ गया है कि बच्चों की जागरूकता के साथ-साथ समाज को अपनी सोच में भी बदलाव लाना होगा। उन्होंने कहा कि बच्चों को खसकर इस उम्र अथवा युवावस्था में एक समझदार साथी की आवश्यकता महसूस होती है और अगर वो साथी माता-पिता के रूप में मिलें तो उनके मन की उलझनें अपने आप सुलझती चली जाएगीं और बच्चा अपने आप को ज्यादा सुरक्षित महसूस करेगा।
इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता जिला बाल कल्याण अधिकारी अनिल मलिक ने कहा कि किशोरावस्था विकास की उम्र के साथ–साथ बदलाव व नया सीखते रहने की भी अवस्था है। इस उम्र के बच्चों को हम-समूह का साथ ज्यादा पसंद आता है क्योंकि इस समय भावनात्मक विकास के साथ-साथ हार्मोनल बदलाव भी आ रहे होते हैं।
अनिल मलिक ने कहा कि भावनाओं पर नियन्त्रण करना ही समस्याओं पर काबू पाना है, भले ही यह कहना आसान है लेकिन करना कठिन है। परन्तु आपसी रिश्तों की समझदारीपूर्ण बातें, आपसी अहसास, सही मार्गदर्शन, माता पिता के निजी अनुभव द्वारा सीखा या सीखाया जा सकता है। बच्चों को यह भी बताया कि कभी भी दूसरों के साथ खुद की तुलना ना करें, गलत आलोचना से परेशान ना हों, हर हालात और किसी भी इन्सान में अच्छाई ढूंढे, अपनी उर्जा रचनात्मक कार्यों में लगाएं तथा सही काम के लिए दूसरों की मदद करें। अंत में चाइल्ड लाइन से दोस्ती कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया।