राष्‍ट्रीयहरियाणा

P & H हाईकोर्ट की पीड़ित महिला एडवोकेट को अमृतसर पुलिस ने किया नजरबंद, हत्या करवाने का आरोप लगाया

सत्य ख़बर, गुरुग्राम,सतीश भारद्वाज :

गुरुग्राम में प्रैक्टिस कर चुकी पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट की एक महिला वकील ने सोशल मीडिया पर बदनाम करने वाली महिला के खिलाफ केस दर्ज करवाने को लेकर अमृतसर पुलिस कमिश्नर दफ्तर के बाहर धरना प्रदर्शन करना था, जिसकी सूचना उन्होंने पहले ही प्रशासन को दे दी थी, लेकिन वीरवार सुबह ही पुलिस उसके घर के बाहर पहुंच कर उसे घर में नजरबंद कर दिया। एडवोकेट को घर से बाहर ही नहीं निकलने दिया गया। वहीं दोपहर बाद सीनियर पुलिस अधिकारी पीड़ित वकील के पड़ोसियों के घर की घर कर पहुंचकर आपस में बैठकर समझौते की गुजारिश करते रहे, लेकिन वह घर एक अज्ञात भय के डर से बाहर नहीं निकली। पुलिस मुलाजिम कई घंटे तक उसके घर के आस-पास बने घरों की छतों पर चढ़कर उनसे बात करते रहे। जो बातचीत को भी वकील ने सोशल मीडिया पर लाइव होकर पुलिस पर इंसाफ न करने का आरोप भी लगाया। वहीं उसको बदनाम करने वाले लोगों से मिली भगत वह झूठे केस में फंसने की धमकी के भी लगाए। पीड़िता के घर के बाहर शाम रात्रि 8 बजे तक करीब दो दर्जन महिला और पुरुष पुलिस मुलाजिम उसपर सादी व सरकारी वर्दी पहने नज़र बनाए रहे। जिससे उसको काफी मानसिक व शारीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ा। यहां तक कि कुछ जरूरी घरेलू सामान व अन्य वस्तुओं से भी वंचित रहना पड़ा जिससे उसके स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ा। एडवोकेट ने आरोप लगाते हुए फेसबुक पर कहा कि पुलिस उसे हिरासत में लेने के लिए आई है।

पीड़िता ने कहा कि उसने सुबह पुलिस कमिश्नर दफ्तर के बाहर धरना प्रदर्शन करना था। उसके घर से निकलने से पहले ही पुलिस उसे रोकने के लिए सुबह 8 बजे ही उसके घर पहुंच कर सभी तरफ एक बहुत बड़े अपराधी की तरह घर को चारों तरफ से घेर लिया । उन्होंने कहा कि उसने पुलिस को कई बार आरोपी महिला के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग को लेकर शिकायत, चण्डीगढ़, गुरुग्राम पुलिस, हरियाणा के डीजीपी, दिल्ली पुलिस तथा अपने गृह क्षेत्र की पुलिस को दी हुई है। लेकिन पुलिस ने कोई केस दर्ज नहीं किया, उलटा उसी पर शिकायत वापस लेने समझौते का दबाव बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि महिला ने सोशल मीडिया पर उसकी बदनामी की है। पुलिस दबाव में कार्य कर रही है। उन्होंने पुलिस तथा रसूखदार लोगों से अपनी जाल माल को तथा किसी फर्जी केस में फंसाने का भी खतरा बताया है। पीड़िता ने सोशल मीडिया पर आकर साफ कहा कि अगर मैंने कुछ गलत किया है तो पुलिस मेरे पर कोई भी कार्रवाई कर सकती है, मैं उसको फेस करूंगी लेकिन मुझे न्याय चाहिए। कानून सबके लिए बराबर है।

उन्होंने इससे पहले भी अपनी जान को खतरा बताते हुए मैं दोषियों पर कार्रवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में भी गुहार लगा चुकी है।

बता दें कि पीड़िता वकील के गुरुग्राम में भी कई केस चल रहे हैं, जिनमें आरोपी बड़ी राजनीतिक पार्टियों से संबंध रखते हैं इसलिए उसको गुरुग्राम में भी आने में खतरा बना हुआ है। आरोपी हमेशा उसपर नजर बनाए हुए हुए हैं। उसका गाड़ी से भी एक्सीडेंट करवा चुके हैं।

इस बारे में अमृतसर की डीपी प्रज्ञा जैन से बात की गई तो उन्होंने कई दफा फोन नहीं उठाया बाद में केवल यह कहकर फोन बीच में ही काट दिया कि मेरे ऊपर लगाए गए आरोप झूठे और निराधार है। पुलिस नियम अनुसार जो भी कार्रवाई बनती है अवश्य करेगी। घर के बाहर बैठी गई पुलिस के बारे में चुप्पी साध ली।

वहीं जब इम मामले पर आम आदमी पार्टी के क्षेत्रीय विधायक जसवीर सिद्धु से उनके मोबाइल पर बार बार फोन किया गया तो उन्होंने फोन ही काट दिया जिसे उनके पक्ष नहीं लिया जा सका। जबकि आम आदमी पार्टी महिलाओं की सुरक्षा को लेकर बड़े-बड़े दावे मीडिया के सामने ठोकती रहती है।

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