SP के बास्तियों में बढ़ी Akhilesh की चिंता! BJP ने यादव नियंत्रित सीटों पर इस बड़ी बाजी की
Lok Sabha Elections 2024: इस बार 400 पार और UP की सभी 80 सीटें जीतने का दावा कर रही BJP को उन लोकसभा सीटों पर बड़ी चुनौती मिलेगी, जहां यादव मतदाताओं की संख्या अधिक है. इनमें SP का गढ़ कही जाने वाली मैनपुरी, फिरोजाबाद और एटा सीटें शामिल हैं.
इस बार BJP नई रणनीति के साथ मैदान में उतरी है. पिछले चुनाव में BJP ने गैर-यादव वोटरों को गोलबंद करने की कोशिश की थी. इस बार वह यादव वोटरों में भी सेंध लगाने की कोशिश कर रही हैं.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री Mohan Yadav को चुनाव प्रचार में उतारकर वह इसका संकेत पहले ही दे चुकी है. साथ ही यादव समुदाय के नेताओं को भी अपने पाले में लाने की कोशिश की जा रही है.
मैनपुरी सीट पर BSP ने भी यादव चेहरे को तोड़ने का इरादा जाहिर कर दिया है. विरोधियों की इस रणनीति से SP भी अनजान नहीं है. वह अपना वोट बैंक बचाने में लगी हुई है. यादव वोटरों को लेकर मचे घमासान पर Dilip Sharma की रिपोर्ट…
पिछले 28 साल से मैनपुरी पर SP का कब्जा है
मैनपुरी लोकसभा सीट पर पिछले 28 साल से समाजवादी पार्टी का कब्जा है. Mulayam और उनके परिवार के सदस्य आठ बार सांसद बने। Mulayam Singh के निधन के बाद 2022 में हुए उपचुनाव में Dimple Yadav ने बड़ी जीत हासिल की थी.
इस दबदबे की बड़ी वजह यहां यादव वोटरों का बाहुल्य माना जाता है. 17.87 लाख मतदाताओं वाले इस लोकसभा क्षेत्र में फिलहाल यादव मतदाताओं की संख्या चार लाख बतायी जाती है. दूसरे स्थान पर शाक्य मतदाता हैं जिनकी संख्या करीब ढाई लाख है.
समाजवादी पार्टी को यादव के साथ अन्य जातियों का भी वोट मिलता रहा है. पिछले चुनाव में SP के विरोधी दलों ने अन्य जातियों को गोलबंद करने की रणनीति पर काम किया था. यादव मतदाताओं के बीच सेंधमारी पर कभी ध्यान नहीं दिया गया. इस बार BJP ने इस प्रयास को सबसे आगे रखा है.
BJP ने जयवीर सिंह को मैदान में उतारा
इसी रणनीति के तहत BJP प्रत्याशी स्थानीय विधायक पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह के नामांकन में मध्य प्रदेश के Mohan Yadav को बुलाया गया था. अब वोटिंग से पहले Mohan Yadav के कई दौरे कराने की योजना बनाई जा रही है. साथ ही SP से असंतुष्ट यादव नेताओं और प्रमुखों से भी संपर्क किया जा रहा है।
नामांकन से एक दिन पहले BJP ने Mulayam Singh Yadav के राजनीतिक गुरु चौ. नाथू सिंह के पोते धीरज यादव ने उन्हें पार्टी में शामिल कर सुर्खियां बटोरीं. अब करहल और जसवन्त नगर से यादव समाज के चेहरों को पार्टी में शामिल करने की कोशिश की जा रही है।
BSP भी मैनपुरी सीट पर यादव वोट बांटने की होड़ में है। BSP ने सबसे पहले इस सीट पर गुलशन शाक्य को अपना प्रत्याशी घोषित किया था. मंगलवार को उनका टिकट बदलकर भरथना के पूर्व विधायक शिवप्रसाद यादव को दे दिया गया। शिव प्रसाद यादव कई महीनों से मैनपुरी में चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे.
उन्होंने यहां के यादव बहुल इलाकों में कई चौपालें भी आयोजित की थीं. इस माहौल को देख SP भी सतर्क हो गये हैं. SP प्रत्याशी Dimple Yadav के साथ नामांकन में पूरा परिवार एक साथ आया और अपने वोटरों को बड़ा संदेश देने की कोशिश की. समर्थक नेताओं को भी सेंधमारी को लेकर सतर्क रहने की हिदायत दी जा रही है.
एटा में भी BJP ने खेला दांव
एटा लोकसभा क्षेत्र में भी BJP यह पैंतरा आजमा रही है. क्षेत्र में यादव मतदाताओं की संख्या 2.75 लाख है. इस बार बड़ी पार्टियों का कोई भी यादव उम्मीदवार चुनाव मैदान में नहीं है. Kalyan Singh के बेटे राजवीर सिंह तीसरी बार BJP से चुनाव लड़ रहे हैं.
पिछले चुनाव में यादव जातियों का समर्थन करते रहे हैं. इस बार टिकट बंटवारे में SP ने इस सीट पर यादव मोह से बाहर आकर देवेश शाक्य को टिकट दिया है. ऐसे में BJP अपनी चुनौती को और कठिन मान रही है. पिछले चुनाव के मुकाबले इस बार यादव समीकरणों में बदलाव लाने के लिए BJP ने SP के कई यादव नेताओं को पार्टी में शामिल किया है.
कुँवर देवेन्द्र सिंह BJP में शामिल
दो बार SP सांसद रहे कद्दावर नेता कुँवर देवेन्द्र सिंह यादव भी BJP में शामिल हो गये हैं। इसके अलावा BSP छोड़ने वाले पूर्व विधायक अजय यादव भी BJP में शामिल हो गए हैं. पार्टी में कुछ ब्लॉक प्रमुख और पूर्व ब्लॉक प्रमुख भी पहुंचे हैं. BJP ने यादव कुनबे में सेंध लगाकर यादव वोटरों को ये सोचने पर मजबूर कर दिया है कि BJP यादवों के लिए अछूत नहीं है. BJP की सेंधमारी से यादव वोटरों में हलचल है और वे अपना नफा-नुकसान तौल रहे हैं.
यादव मतदाताओं में सेंध लगाने की इस रणनीति के केंद्र में दूसरी लोकसभा सीट फिरोजाबाद है. फिरोजाबाद में भी यादव मतदाता निर्णायक स्थिति में हैं. जिले के कुल 18.87 लाख मतदाताओं में से चार लाख यादव मतदाता हैं. वहीं, दो लाख मुस्लिम मतदाता हैं. इन छह लाख वोटों के आधार पर SP अपनी स्थिति मजबूत मान रही है. यहां पिछले जिला पंचायत चुनाव में BJP ने सैफई परिवार के रिश्तेदार और पूर्व विधायक हरिओम यादव को अपने पाले में कर लिया था.
विधानसभा चुनाव में उन्हें सिरसागंज सीट से उम्मीदवार बनाया गया, हालांकि वह जीत नहीं सके. तीन दिन पहले तक वह लोकसभा टिकट की दौड़ में आगे चल रहे थे. अब ठाकुर विश्वदीप सिंह को टिकट दिया गया है. पार्टी नेताओं का कहना है कि यादव समाज को बीजेपी से जोड़ने के लिए हरिओम यादव का इस्तेमाल किया जाएगा.
यहां भी नामांकन के लिए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री Mohan Yadav को बुलाने और उनके प्रचार के लिए सभाएं आयोजित करने की योजना बनाई गई है. एक सप्ताह पहले BJP ने जसराना क्षेत्र के गांव इटाहरी में 100 से अधिक यादवों को सदस्यता दिलाई थी। सेंधमारी में BJP के पूर्व जिलाध्यक्ष व ब्लॉक प्रमुख डॉ. लक्ष्मी नारायण और वरिष्ठ नेता राम कैलाश यादव भी फंस गये हैं।