हरियाणा में BJP को लगा झटका क्षत्रिय नेता सुरजपाल ने दिया पद से इस्तीफा।
सत्य ख़बर, गुरुग्राम, सतीश भारद्वाज :
भाजपा को गुरुग्राम में लगा बड़ा झटका पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता और राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष रह चुके सूरजपाल अम्मू ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा को भेजा है। जिसमें उन्होंने लिखा है कि पार्टी में क्षत्रिय विरोधी विचारधारा के लोगों को संरक्षण देने उनको बड़ा धक्का लगा है।
बता दें कि 1985 में हरियाणा में छात्र राजनीति से अपना राजनीतिक केरियर शुरू करने वाले सूरजपाल अम्मू 1985 में ABVP में आए थे। इसके बाद वह बीजेपी में रहते हुए मंडल अध्यक्ष से लेकर प्रदेश उपाध्यक्ष और फिलहाल में पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता के पद पर कार्यरत थे। हालांकि वह कई दफा बीच-बीच में कई पार्टियों को भी ज्वाइन कर चुके थे। लेकिन सूरजपाल अम्मू के अचानक इस्तीफा देने से खासकर गुरुग्राम में भाजपा पार्टी को भारी नुकसान होगा। अम्मू काफी तेज तर्रार नेता माने जाते हैं। उनकी पूर्व गृहमंत्री अनिल विज और पूर्व मंत्री रामबिलास शर्मा से काफी नजदीकियां रही है।
अम्मू ने राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेजे इस्तीफे में लिखा कि मैंने पार्टी में कई अहम पदों पर रहते हुए निष्काम एवं पूर्ण निष्ठा के साथ पार्टी एवं राष्ट्र की सेवा की है, किंतु विगत कुछ वर्षो से एक क्षत्रिय होने के नाते अंतर्मन से पार्टी को क्षत्रिय विरोधी विचारधारा के लोगों को संरक्षण देते देख व्यथित एवं उद्वेलित हूं। मैंने देखा पद्मावत फिल्म के समय संजय लीला भंसाली द्वारा जब क्षत्रिय समाज की भावनाओं से खिलवाड़ करने का दुस्साहस किया तब क्षत्रिय मान सम्मान को बचाने के लिए सड़कों पर प्रजातांत्रिक तरीके से अहिंसक आंदोलन कर रहे थे, तब उन पर जबरन मुकदमे दर्ज कर हमारे हजारों नौजवानों का भविष्य बर्बाद करने वाली कार्रवाई भाजपा शाषित प्रदेशों में युद्ध स्तर पर की गई।
वहीं बार-बार पार्टी पदाधिकारियों से वार्ता के बाद भी आज तक उक्त मुकदमें वापस नहीं लिए गए, जो कि अत्यंत ही खेद जनक है। वहीं उन्होंने गुरुग्राम में राजपूत समाज की जमीन पर जबरदस्ती सरकार द्वारा अधिग्रहण की कार्रवाई से भी समाज में आक्रोश बना हुआ है। आज क्षत्रिय समाज का राजनैतिक प्रतिनिधित्व भी 2014 के पश्चात भारतीय जनता पार्टी में निरंतर कम किया जा रहा है। समाज के कद्दावर नेताओं को भी पार्टी से दरकिनार किया जा रहा है। वर्तमान में गुजरात के पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा के प्रत्याशी द्वारा दिवंगत क्षत्रिय माताओं-बहनों के चरित्र पर लज्जा जनक टिप्पणी करने वाले व्यक्ति को पार्टी द्वारा टिकट दिया जाना क्षत्रिय समाज को अपमानित करने जैसा कृत्य महसूस हो रहा है। जिससे उनके मन को काफी पीड़ा पहुंची है।