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गुरुग्राम निगम की इनफोर्समैंट टीम ने सैक्टर-23 में BJP के भ्रष्ट पार्षद के 8 अनाधिकृत निर्माण ढहाएं

सत्य ख़बर,गुरुग्राम, सतीश भारद्वाज :

नगर निगम गुरुग्राम की सीमा में अनाधिकृत निर्माणों पर इनफोर्समैंट टीमों द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है। इसी कड़ी में शनिवार को भी सेक्टर-23 में एक बीजेपी के पार्षद की शय पर बने अनाधिकृत निर्माण को तोडा गया।

निगम प्रवक्ता से मिली जानकारी के अनुसार बताया गया है कि जोन-2 क्षेत्र की इनफोर्समैंट टीम ने ड्यूटी मजिस्ट्रेट एवं सहायक अभियंता यतेन्द्र कुमार के नेतृत्व में जेसीबी व पुलिस बल लेकर सेक्टर-23 पहुंची। निगम को सीएम विंडो के माध्यम से यहां पर अनाधिकृत निर्माण की शिकायत प्राप्त हुई थी। इनफोर्समैंट टीम ने मौके पर पहुंचकर 8 अनाधिकृत निर्माणों को धराशायी कर दिया। टीम में इंचार्ज हितेश दहिया, कनिष्ठ अभियंता हिमांशु राव व प्रदीप कुमार सहित अन्य कर्मचारी शामिल थे। किसी भी प्रकार के विरोध की स्थिति से निपटने तथा मौके पर कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहा।

उल्लेखनीय है कि नगर निगम गुरुग्राम के आयुक्त डा. नरहरि सिंह बांगड़ द्वारा निगम क्षेत्र में अतिक्रमण, अवैध कब्जों व अनाधिकृत निर्माणों पर कार्रवाई के लिए चारों जोनों में 4 अलग-अलग इनफोर्समैंट टीमों का गठन किया हुआ है। सहायक अभियंता स्तर के अधिकारियों के नेतृत्व में गठित इनफोर्समैंट टीमें अपने-अपने जोन में लगातार कार्रवाई कर रही है।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि सेक्टर 21 -22 से 23 मार्किट की तरफ जो सड़क जाती है,वहां पर क्षेत्र के पार्षद भ्रष्टाचार का आरोपी रविंद्र कुमार ने मिली भगत से बिना सरकार से किसी प्रकार की अनुमति लिए बिना ही, व्यवसायिक गतिविधियां चलवा रखी थी। वहीं लोगों में यह चर्चा थी कि उसके चहेते गांव मोलाहेडा के गंगाराम, सौजी वगैरा ने किसान मंडी भी लगाई हुई थी, जिनसे अपने भाई राजबीर को कर्ताधर्ता बना कर अवैध वसूली कर रहे थे। जिनकी काफी दफा शिकायत भी उच्च अधिकारी को पहुंची हुई थी लेकिन उनकी ऊंची पहुंच के कारण कोई भी अधिकारी कार्रवाई करने से कतरा रहा था। हालांकि इससे पहले भी एक दफा इन दुकानों पर पीला पंजा चला था। मौके पर लोगों ने दबी जबान में बताया कि उस समय तो प्रदेश सरकार में एक मंत्री ने उनको बचा लिया था। जोकि सेक्टर 23 में ही निवास करते हैं।
बता दें कि जिस जगह पर तोड़फोड़ हुई थी वह भुमि भी एचएसवीपी द्वारा अधिग्रहण की जा चुकी है। जिसमें भी काफी गोलमाल का मामला है। तोड़फोड़ के समय मौके पर पार्षद व उसका भाई राजवीर वगैरा और उसके समर्थक भी काफी तोड़फोड़ का विरोध करते रहे, लेकिन भारी पुलिस बल को देखकर उनकी एक न चली।

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