चंडीगढ़ में सरकारी जमीनों पर बने 100 से अधिक अवैध धार्मिक ढांचों को हटाने के आदेश जारी। हाईकोर्ट का डंडा।
सत्य ख़बर, चण्डीगढ़, सतीश भारद्वाज :
चंडीगढ़ के उपायुक्त विनय प्रताप सिंह ने गुरुवार को शहर में अवैध रूप से सरकारी जमीनों पर बने 100 से अधिक अवैध धार्मिक ढांचों के संबंध में नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर इन्हें हटाने के निर्देश दिए हैं। उपयुक्त ने यह निर्देश पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट के डंडे के डर से दिए हैं। जिसका मामला हाई कोर्ट में पेंडिंग है,
वहीं सूत्रों से यह भी जानकारी मिली है कि यह कार्रवाई उपायुक्त ने एक सिविल अपील संख्या 8519/2006 (भारत संघ बनाम गुजरात राज्य एवं अन्य) में सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के बाद की गई है, जिसकी निगरानी पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय बनाम पंजाब राज्य एवं अन्य के मामले में कर रहा है। इस पर चर्चा करने के लिए एक समीक्षा बैठक भी की जा चुकी है, जिसमें सार्वजनिक एवं सरकारी जमीन से अवैध धार्मिक ढांचों को हटाने के सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश का अनुपालन करने की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया। बैठक में नगर निगम, इंजीनियरिंग विभाग, भूमि अधिग्रहण कार्यालय, चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड, एसडीएम और चंडीगढ़ पुलिस के अधिकारी शामिल हुए। विभिन्न विभागों का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिकारियों ने बताया कि इन अवैध ढांचों के प्रबंधकों एवं कब्जाधारियों को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर इन्हें हटाने का निर्देश दिया गया है। नियमों का पालन न करने पर चंडीगढ़ प्रशासन कब्जेदारों के खर्च पर इन संरचनाओं को ध्वस्त करने की स्वयं कार्यवाही करेगा।
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि जिन अवैध निर्माणों को नोटिस दिया गया है, उनमें सेक्टर 39-डी में डीएवी स्कूल के पास प्राचीन शिव मंदिर, सेक्टर 39-सी में गुरुद्वारा नानक सागर, सेक्टर 40-सी में बाल्मीकि मंदिर और सेक्टर 8 तथा सेक्टर 7 के मंदिरों के बाहर फूलों की दुकानें शामिल हैं।
इनमें से कुछ दशकों पुरानी हैं। मलोया में बाबा बालक नाथ मंदिर, जिसकी ऊंचाई 2,675 फीट है, 30 साल पहले बना था। सेक्टर 28-सी में आईटी संस्थान के अंदर प्राचीन गुगा माडी मंदिर भी 30 साल पुराना है। धनास में काली माता मंदिर, दादोमर भीमा, एक आवास योजना के लिए निर्धारित क्षेत्र में 23,495 वर्ग फीट में बना है और 16 साल पुराना है। इनमें से करीब 80 प्रतिशत धार्मिक निर्माण कंक्रीट के बने हुए हैं।
डीसी ने सभी विभागों को अवैध धार्मिक ढांचों को गिराने के लिए छह महीने की कार्ययोजना बनाकर अगले दो सप्ताह में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। इस योजना से ध्वस्तीकरण कार्यक्रम का व्यवस्थित क्रियान्वयन सुनिश्चित होगा। एसडीएम और एसडीपीओ को विभागों के साथ मिलकर सावधानीपूर्वक योजना बनाने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही इंजीनियरिंग विभाग और नगर निगम को ध्वस्तीकरण कार्यक्रम के अनुसार इन अवैध ढांचों की बिजली और पानी की आपूर्ति काटने का काम सौंपा गया है। डीसी विनय प्रताप सिंह ने स्पष्ट किया कि यह ध्वस्तीकरण कार्य सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के तहत किया जा रहा है, जिसकी नियमित निगरानी पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा की जा रही है। इस मामले में अगली सुनवाई 20 अगस्त को होनी है।