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Manipur: मणिपुर के एक गांव में उग्रवादियों ने ड्रोन से बम गिरा कर पांच घर जलाए; सुरक्षा बलों ने हमले का दिया मुहंतोड़ जवाब

Manipur: मणिपुर के इम्फाल वेस्ट जिले के एक गांव में उग्रवादियों ने ड्रोन से बम गिराए। पुलिस ने सोमवार को बताया कि उग्रवादियों ने रविवार को कोट्रुक और कडांगबंद के घाटी क्षेत्रों की ओर से पहाड़ी क्षेत्रों से अंधाधुंध फायरिंग की। मणिपुर पुलिस का दावा है कि उग्रवादियों ने हमले में रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड और ड्रोन का इस्तेमाल किया। उग्रवादी कोट्रुक गांव के बाहरी इलाके में पहुंच गए थे।

Manipur: मणिपुर के एक गांव में उग्रवादियों ने ड्रोन से बम गिरा कर पांच घर जलाए; सुरक्षा बलों ने हमले का दिया मुहंतोड़ जवाब

उग्रवादियों ने पांच खाली घरों को आग के हवाले कर दिया। इस घटना के बाद सुरक्षा बलों ने उग्रवादियों को खदेड़ दिया। इस हमले में दो लोग, जिसमें एक महिला भी शामिल है, की मौत हो गई और नौ अन्य घायल हो गए। मणिपुर सरकार ने इम्फाल वेस्ट जिले से सटे क्षेत्रों में पुलिस द्वारा सर्च ऑपरेशन करने का आदेश दिया है। इस बीच, राज्य भाजपा विधायक राजकुमार इमोह ने कहा कि मणिपुर में लगभग 60 हजार केंद्रीय बलों की मौजूदगी के बावजूद शांति नहीं आ रही है।

SOO समझौतों को रद्द करने की अपील

इसलिए केंद्रीय बलों को राज्य से वापस ले लेना चाहिए। उल्लेखनीय है कि इमोह राज्य के मुख्यमंत्री बिरेन सिंह के दामाद हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र में इमोह सिंह ने कहा कि राज्य सुरक्षा बलों को जिम्मेदारी सौंपने की अनुमति दी जानी चाहिए। उन्होंने स्वीकार किया कि राज्य सरकार और जनता के साथ सहयोग की कमी के कारण हाल ही में कुछ असम राइफल्स यूनिटों को वापस ले लिया गया। इमोह सिंह ने केंद्रीय सरकार से उन उग्रवादी और विद्रोही समूहों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की भी अपील की जिन्होंने ऑपरेशन सस्पेंशन (SOO) समझौते का उल्लंघन किया है। उन्होंने शाह से इन समूहों के साथ SOO समझौतों को रद्द करने की अपील की।

केंद्रीय सरकार पर ड्रोन के इस्तेमाल को लेकर हमले

कांग्रेस ने मणिपुर में उग्रवादी हमलों में ड्रोन के इस्तेमाल पर केंद्र सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस ने पूछा कि इस मामले में केंद्र सरकार चुप क्यों है। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस विधायक दल के नेता इबोबी सिंह ने कहा कि अगर ड्रोन की मदद से बम गिराए जाते हैं, तो यह राष्ट्रीय सुरक्षा का प्रश्न है। उन्होंने कहा, “लोगों की जान और संपत्ति की सुरक्षा कौन करेगा? केंद्र सरकार इस तरह की घटनाओं पर चुप क्यों है? राज्य में लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार कहां है?” कोट्रुक में नवीनतम घटनाक्रम से पता चलता है कि यूक्रेन और इज़राइल युद्ध में उपयोग की गई आधुनिक तकनीक अब मणिपुर में इस्तेमाल की जा रही है। उन्होंने कहा कि यह अब राष्ट्रीय सुरक्षा का प्रश्न बन गया है। क्या राजभवन और मुख्यमंत्री का बंगला ड्रोन हमलों से सुरक्षित हैं? यदि ये दोनों स्थान सुरक्षित नहीं हैं, तो बाकी क्या होगा? राज्य सरकार ने कहा कि ड्रोन, बम और उन्नत हथियारों का उपयोग कर निर्बाध ग्रामीणों पर हमले की घटना के बारे में पता चला है।

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