Eid Milad-ul-Nabi: मंगलौर में ईद मिलाद-उल-नबी के दौरान तनाव, सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर विहिप और बजरंग दल कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन
Eid Milad-ul-Nabi: ईद मिलाद-उल-नबी के अवसर पर कर्नाटक के मंगलौर में तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो गई है। इस खास दिन के मौके पर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट को लेकर विश्व हिंदू परिषद (विहिप ) और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन ने शहर में भारी तनाव और अव्यवस्था का माहौल बना दिया।
सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर विरोध
सूत्रों के अनुसार, सोशल मीडिया पर एक विवादित पोस्ट ने समुदायों के बीच असहमति और विवाद उत्पन्न कर दिया। इस पोस्ट के खिलाफ विहिप और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन शुरू किया, जो जल्द ही हिंसक रूप ले लिया। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बैरिकेड्स तोड़े और सड़क पर हंगामा किया, जिससे इलाके में भारी तनाव फैल गया।
पुलिस के साथ झड़पें
प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़पें भी हुईं। जानकारी के अनुसार, हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने पुलिस के साथ भयंकर संघर्ष किया और बैरिकेड्स को तोड़ दिया। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए बल प्रयोग किया। साउथ कन्नड़ एसपी यतीश एन ने बताया कि ईद मिलाद-उल-नबी के दिन के लिए जिलेभर में पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की गई थी, लेकिन बावजूद इसके स्थिति बेकाबू हो गई।
बंटवाल में विरोध प्रदर्शन
मंगलौर के बंटवाल शहर में भी विरोध प्रदर्शन की सूचना मिली है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि बीसी रोड पर एक विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया था, जिसके लिए उचित प्रबंध किए गए थे। पुलिस यह सुनिश्चित कर रही है कि बंटवाल और जिले के अन्य हिस्सों में कोई अप्रिय घटना न हो। अधिकारी ने कहा कि कुछ लोगों के बीच समस्या चल रही है, लेकिन वे इस समस्या की पूरी जानकारी नहीं दे सकते। उनका मुख्य उद्देश्य शांतिपूर्ण माहौल सुनिश्चित करना था।
पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था
पुलिस प्रशासन ने तनावपूर्ण स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए विशेष उपाय किए हैं। पूरे जिले में अतिरिक्त बल तैनात किया गया है और संवेदनशील क्षेत्रों में गश्त बढ़ा दी गई है। पुलिस की ओर से प्रयास किया जा रहा है कि किसी भी तरह की हिंसा या दंगे को रोका जा सके और स्थिति को सामान्य बनाए रखा जा सके।
सामाजिक ताने-बाने पर असर
इस घटना ने मंगलौर और बंटवाल के सामाजिक ताने-बाने को प्रभावित किया है। ऐसे में, यह आवश्यक है कि सभी समुदाय मिलकर शांति और सौहार्द बनाए रखें। धार्मिक और सामाजिक संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए, स्थानीय प्रशासन और समाज के सभी हिस्सों को मिलकर काम करना होगा ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।