Kolkata case: ममता बनर्जी का बड़ा फैसला, पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल को हटाया, मनोज कुमार वर्मा को नई जिम्मेदारी
Kolkata case: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता में चल रहे डॉक्टरों के आंदोलन के बीच एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ने कोलकाता पुलिस कमिश्नर विनीत कुमार गोयल को पद से हटा दिया है और उनकी जगह मनोज कुमार वर्मा को कोलकाता पुलिस का नया कमिश्नर नियुक्त किया है। विनीत गोयल को अब विशेष कार्य बल (STF) का एडीजी बनाया गया है। यह कदम उस समय उठाया गया है जब जूनियर डॉक्टर RG कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक महिला डॉक्टर के साथ हुए बलात्कार और हत्या के मामले में न्याय की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं।
ममता बनर्जी का बड़ा कदम
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को जूनियर डॉक्टरों के साथ एक बैठक के बाद इस महत्वपूर्ण निर्णय की घोषणा की। इस बैठक में ममता ने पुलिस कमिश्नर, उत्तर क्षेत्र के डिप्टी कमिश्नर, स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक और मेडिकल शिक्षा के निदेशक के पदों पर बदलाव की घोषणा की। यह निर्णय डॉक्टरों के आंदोलन की तेज होती लहर और उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों के प्रति राज्य सरकार की प्रतिक्रिया के रूप में देखा जा रहा है।
विनीत गोयल का स्थानांतरण
विनीत कुमार गोयल को कोलकाता पुलिस कमिश्नर के पद से हटा दिया गया है। उनकी जगह मनोज कुमार वर्मा को नियुक्त किया गया है। विनीत गोयल को अब STF का एडीजी बनाया गया है। गोयल का स्थानांतरण तब किया गया है जब डॉक्टरों की मांगें और विरोध प्रदर्शन सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती बन गए थे।
मनोज कुमार वर्मा: नई जिम्मेदारी
मनोज कुमार वर्मा, जो कि एक 1998 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं, अब कोलकाता पुलिस के नए कमिश्नर के रूप में काम करेंगे। इससे पहले वर्मा ADG और IGP (लॉ एंड ऑर्डर) के पद पर थे। उनकी नियुक्ति को लेकर सरकार ने उम्मीद जताई है कि वे स्थिति को संभालने और पुलिस प्रशासन की कार्यक्षमता को बढ़ाने में सक्षम होंगे।
जावेद शमीम की नई जिम्मेदारी
वहीं, मनोज वर्मा की जगह ADG और IGP (लॉ एंड ऑर्डर) के पद पर जावेद शमीम को नियुक्त किया गया है। जावेद शमीम 1995 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और उनके अनुभव को देखते हुए उनकी इस पद पर नियुक्ति को सरकार द्वारा एक महत्वपूर्ण निर्णय माना जा रहा है।
डॉक्टरों का आंदोलन और उसकी पृष्ठभूमि
जूनियर डॉक्टरों का आंदोलन RG कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मामले के खिलाफ शुरू हुआ था। इस घटना ने चिकित्सा समुदाय में व्यापक आक्रोश पैदा कर दिया और डॉक्टरों ने न्याय की मांग करते हुए सड़क पर उतरने का निर्णय लिया। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस आंदोलन को देखते हुए पुलिस प्रशासन में बदलाव का निर्णय लिया, ताकि स्थिति को बेहतर तरीके से संभाला जा सके और आंदोलनकारियों की मांगों पर उचित कार्रवाई की जा सके।