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Pager blast: लेबनान में हुए पेजर धमाकों में केरल कनेक्शन का खुलासा! क्या इजरायल ने वायनाड के व्यक्ति से की थी डील

Pager blast: लेबनान में हुए पेजर धमाकों ने दुनिया भर में सनसनी फैला दी है। इस हमले में हजारों पेजर ब्लास्ट होने से 20 लोगों की मौत हो गई, और सभी लोग आतंकवादी संगठन हिज़बुल्लाह के सदस्य थे। हिज़बुल्लाह ने सीधे तौर पर इस हमले के पीछे इजरायल का हाथ होने का आरोप लगाया है। इस पूरे मामले में अब एक चौंकाने वाला मोड़ आया है, जिसमें भारत के केरल राज्य का कनेक्शन सामने आया है।

Pager blast: लेबनान में हुए पेजर धमाकों में केरल कनेक्शन का खुलासा! क्या इजरायल ने वायनाड के व्यक्ति से की थी डील

लेबनान में पेजर ब्लास्ट की कहानी

लेबनान के विभिन्न शहरों में हुए पेजर धमाकों ने दुनिया भर के सुरक्षा एजेंसियों को चौंका दिया है। यह धमाके अचानक से उस समय हुए जब हिज़बुल्लाह संगठन के सदस्यों के पेजर ब्लास्ट हो गए। इस विस्फोट में कुल 20 लोगों की मौत हो गई और इसके बाद पूरे संगठन में अफरा-तफरी मच गई। धमाके के बाद हिज़बुल्लाह ने आरोप लगाया कि इजरायल इस हमले के पीछे है, जो कि लंबे समय से इस आतंकवादी संगठन के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है।

पेजर धमाके का केरल कनेक्शन

इस पूरे मामले में जो सबसे बड़ी बात सामने आई है वह है केरल कनेक्शन। हिज़बुल्लाह के लड़ाके संचार के लिए पेजर का इस्तेमाल करते हैं। कहा जा रहा है कि इन पेजरों में इजरायल ने किसी तरह से विस्फोटक सामग्री डाल दी थी। इस घटना के बाद पेजर निर्माण से जुड़े कई शेल कंपनियों के नाम सामने आए हैं। इनमें से एक कंपनी का संस्थापक एक भारतीय है, जो केरल के वायनाड में जन्मा है।

वायनाड के व्यक्ति की कंपनी का नाम

हंगरी की मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस पेजर डील में एक बुल्गारियाई कंपनी, नॉर्टा ग्लोबल लिमिटेड का नाम सामने आया है। इस कंपनी के संस्थापक रिंसन जोस हैं, जो कि नॉर्वे के नागरिक हैं। लेकिन रिंसन जोस का जन्म मूल रूप से केरल के वायनाड जिले के मणंथवाडी में हुआ था। रिंसन जोस के बारे में बताया जा रहा है कि उन्होंने भारत में एमबीए की पढ़ाई पूरी करने के बाद नॉर्वे में जाकर अपना करियर शुरू किया।

इजरायल ने कैसे फंसाया हिज़बुल्लाह को?

इस हमले में इजरायल ने हिज़बुल्लाह के खिलाफ एक जटिल योजना बनाई। बताया जा रहा है कि इजरायल ने इस हमले में कई शेल कंपनियों का इस्तेमाल किया ताकि हिज़बुल्लाह को जांच के दौरान उलझाया जा सके। शुरुआत में हिज़बुल्लाह को लगा कि ताइवान की कंपनी गोल्ड अपोलो इस हमले के पीछे है। हालांकि बाद में इस कंपनी ने साफ किया कि जिन पेजरों में धमाका हुआ, वे उनके द्वारा निर्मित नहीं थे।

इजरायल ने कैसे किया लेबनान को हिला?

लेबनान के अधिकारियों का कहना है कि इन पेजरों में विस्फोटक सामग्री पेजर के उत्पादन के समय ही डाली गई थी। इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद पर यह आरोप लगाया जा रहा है कि उसने पेजरों के अंदर एक ऐसा सर्किट बोर्ड डाला, जिसमें विस्फोटक पदार्थ मौजूद था। इस बोर्ड में एक विशेष कोड के जरिये विस्फोट को अंजाम दिया गया। इसे किसी भी साधन से पकड़ पाना बेहद मुश्किल था, न तो कोई डिवाइस इसे पहचान सकता था और न ही कोई स्कैनर।

सूत्रों के मुताबिक, जब पेजर पर एक विशेष कोड भेजा गया, तो 5000 पेजरों में एक साथ धमाका हुआ। इस धमाके के बाद न सिर्फ विस्फोट हुआ बल्कि इसमें छुपी विस्फोटक सामग्री भी सक्रिय हो गई।

रिंसन जोस की भूमिका की जांच

हंगरी की मीडिया कंपनी टेलेक्स के अनुसार, इस डील में कागजों पर ताइवानी कंपनी गोल्ड अपोलो का नाम था, लेकिन असल में यह डील नॉर्टा ग्लोबल के जरिये की गई थी। नॉर्टा ग्लोबल को रिंसन जोस ने स्थापित किया था। यह कंपनी बुल्गारिया की राजधानी सोफिया में रजिस्टर्ड है। हालाँकि, बुल्गारिया की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (सांस) ने रिंसन जोस को क्लीन चिट दे दी है और कहा है कि उनकी सीधे तौर पर इस मामले में कोई संलिप्तता नहीं है।

हिज़बुल्लाह की उलझन और जांच

हिज़बुल्लाह ने इस हमले के बाद कई अंतरराष्ट्रीय जांच एजेंसियों की मदद से जांच शुरू की है। यह संगठन यह समझने की कोशिश कर रहा है कि कैसे उनके पेजरों में विस्फोटक सामग्री डाली गई और कैसे इस तरह के शेल कंपनियों का इस्तेमाल इजरायल ने उन्हें निशाना बनाने के लिए किया।

इसके साथ ही, रिंसन जोस की कंपनी नॉर्टा ग्लोबल की भी जांच की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या वाकई इस कंपनी का इस धमाके में कोई योगदान है या नहीं। हालांकि, अभी तक किसी पुख्ता सबूत के अभाव में रिंसन जोस पर कोई आरोप नहीं लगाए गए हैं।

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