Punjab: फिरोज़पुर में गोलियाँ चलीं, पंचायत चुनाव के लिए नामांकन के दौरान AAP और कांग्रेस समर्थकों में भिड़ंत, पूर्व विधायक घायल
Punjab: पंजाब के फिरोज़पुर जिले में मंगलवार को आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस के समर्थकों के बीच एक गंभीर झड़प हो गई। यह घटना जिरा, फिरोज़पुर में सरपंच के पद के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने के दौरान हुई, जहां AAP के विधायक नरेश कटारिया और पूर्व कांग्रेस विधायक कुलबीर सिंह जिरा के समर्थकों के बीच विवाद शुरू हुआ। यह विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों पक्षों के बीच पत्थरबाजी होने लगी और स्थिति और भी बिगड़ गई, जिसके परिणामस्वरूप गोलियाँ चलीं।
घटनाक्रम का विवरण
गोलियाँ चलने के इस गंभीर मामले में कुल पांच लोग घायल हुए हैं, जिनमें पूर्व विधायक कुलबीर सिंह जिरा भी शामिल हैं। इस घटना ने पंचायत चुनावों के माहौल को तनावपूर्ण बना दिया है। जैसे ही पुलिस को इस घटना की जानकारी मिली, उन्होंने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया और मामले की जांच शुरू कर दी। घायलों को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका उपचार चल रहा है।
राजनीतिक माहौल में तनाव
फिरोज़पुर में AAP और कांग्रेस के बीच यह संघर्ष एक ऐसे समय में हुआ है जब पंचायत चुनावों के लिए राजनीतिक माहौल काफी गरमाया हुआ है। दोनों पार्टियों के समर्थकों के बीच इस प्रकार की हिंसा चुनावी प्रक्रियाओं पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। नेताओं ने आरोप लगाया है कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण यह हिंसक झड़प हुई, जो कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।
पुलिस की प्रतिक्रिया
पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई की है। उन्होंने न केवल घायल लोगों को अस्पताल भेजा, बल्कि क्षेत्र में स्थिति को सामान्य करने के लिए सुरक्षा बढ़ा दी है। पुलिस ने बताया है कि वे CCTV फुटेज की जांच करेंगे और किसी भी तरह की साक्ष्य एकत्रित करेंगे ताकि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके। पुलिस ने यह भी आश्वासन दिया है कि ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई की जाएगी ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की हिंसा की पुनरावृत्ति न हो।
नेताओं की प्रतिक्रियाएँ
इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए AAP विधायक नरेश कटारिया ने कहा कि यह कांग्रेस के समर्थकों की असहिष्णुता को दर्शाता है। उन्होंने कहा, “हमने हमेशा शांतिपूर्ण चुनावों की मांग की है, लेकिन विपक्षी पार्टी हमारे नामांकन को रोकने के लिए ऐसे हिंसक तरीकों का सहारा ले रही है।” वहीं, पूर्व विधायक कुलबीर सिंह जिरा ने आरोप लगाया कि AAP के समर्थकों ने जानबूझकर स्थिति को भड़काने का प्रयास किया है।
चुनावी प्रक्रिया पर असर
इस घटना का चुनावी प्रक्रिया पर गहरा असर पड़ सकता है। राजनीतिक माहौल में इस प्रकार की हिंसा चुनावों के दौरान मतदाता के मनोबल को प्रभावित कर सकती है। पंचायत चुनावों के प्रति लोगों का विश्वास कम हो सकता है, जिससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया कमजोर होगी।
जनता की चिंता
स्थानीय लोगों ने इस घटना को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की हिंसा पंचायत चुनावों के महत्व को कम कर रही है। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “हम चाहते हैं कि हमारे नेता चुनावी प्रक्रिया को शांतिपूर्ण और पारदर्शी तरीके से संचालित करें। लेकिन इस प्रकार की हिंसा से हमारा विश्वास टूट रहा है।”
चुनाव आयोग की भूमिका
इस स्थिति में चुनाव आयोग की भूमिका भी महत्वपूर्ण है। आयोग को सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी पार्टियाँ चुनावी नियमों का पालन करें और किसी भी प्रकार की हिंसा को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए। चुनाव आयोग को इस मामले का संज्ञान लेना चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।