Punjab Panchayat Election: मतदान के दौरान हिंसा, गांव करमगढ़ में उम्मीदवार पर हमला
Punjab Panchayat Election: पंजाब में पंचायत चुनावों का मतदान आज सुबह 8 बजे से शुरू हुआ। इस बार राज्य में कुल 13,937 ग्राम पंचायतों के लिए मतदान किया जा रहा है। लेकिन मतदान की इस प्रक्रिया में हिंसा की घटनाएँ भी सामने आई हैं, जो चुनावी माहौल को प्रभावित कर रही हैं। एक ऐसी ही घटना जिले के गांव करमगढ़ में हुई, जहां पंचायत चुनाव के एक उम्मीदवार पर जानलेवा हमला किया गया।
करमगढ़ में हमला
गांव करमगढ़ में मतदान शुरू होने से कुछ घंटे पहले ही एक पंच उम्मीदवार, गुरजंट सिंह, गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्होंने बताया कि वह देर रात अपने साथी के साथ कार में घर लौट रहे थे, तभी दूसरी पार्टी के 20 से 25 व्यक्तियों ने उन पर हमला किया। हमलावरों ने उनकी कार को मोटरसाइकिल से घेर लिया और तेज धार वाले हथियारों से उन पर हमला किया। इस हमले में गुरजंट सिंह को गंभीर सिर की चोटें आईं, और उनके साथी को भी गंभीर चोटें आईं। दोनों को तत्काल सिविल अस्पताल बरनाला में भर्ती कराया गया।
पुलिस कार्रवाई
इस घटना के संदर्भ में पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की। डीएसपी महालकलां, सुबग सिंह ने जानकारी दी कि करमगढ़ में चुनाव को लेकर हुई इस झगड़े में एक पंच उम्मीदवार और एक अन्य उम्मीदवार घायल हुए हैं। उन्होंने बताया कि घायल व्यक्तियों के बयान दर्ज कर लिए गए हैं और आगे की कार्रवाई की जा रही है।
सुप्रीम कोर्ट का चुनाव पर फैसला
इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को पंजाब में पंचायत चुनावों पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि जब मतदान शुरू हो चुका है, तो इसे कैसे रोका जा सकता है। उन्होंने कहा, “यदि हम इसे रोकते हैं, तो पूरा अराजकता फैल जाएगी। चुनाव रोकना एक गंभीर मामला है।”
राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया
इस हिंसा के बाद राजनीतिक दलों में भी हलचल मच गई है। शिरोमणि अकाली दल (SAD) के नेता परमबंस सिंह रोमा ने कहा कि मामले में पुलिस ने एक एसएडी समर्थित उम्मीदवार को गिरफ्तार किया है, जो माचकी खुर्द गांव में हमला करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि हमले करने वाले के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
पंचायत चुनावों का महत्व
पंजाब में पंचायत चुनावों का आयोजन स्थानीय स्वशासन को सुदृढ़ करने के लिए किया जा रहा है। ये चुनाव ग्रामीण क्षेत्रों में विकास और राजनीतिक भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण हैं। लेकिन इस बार चुनावों में हिंसा की घटनाएं चिंता का विषय हैं। राजनीतिक दलों को चाहिए कि वे चुनावी प्रक्रिया को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए सहयोग करें।
चुनावी माहौल में तनाव
पंजाब में चुनावी माहौल हमेशा से ही संवेदनशील रहा है। पिछले कुछ समय से, चुनावों में हिंसा और तनाव की घटनाएं बढ़ी हैं। ऐसे में, मतदान का शांतिपूर्ण तरीके से होना लोकतंत्र की नींव को मजबूत करने के लिए आवश्यक है। चुनाव आयोग और स्थानीय प्रशासन को चाहिए कि वे इस बात का ध्यान रखें कि चुनावी प्रक्रिया के दौरान कोई भी अप्रिय घटना न हो।
चुनाव के बाद की स्थिति
जैसे-जैसे मतदान का दिन नजदीक आ रहा है, राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के बीच तनाव बढ़ रहा है। यह जरूरी है कि चुनाव के बाद भी राजनीतिक दल आपस में संवाद करें और एक-दूसरे के प्रति सम्मान बनाए रखें। चुनावों के दौरान हिंसा केवल लोकतंत्र के लिए नहीं, बल्कि समाज के लिए भी हानिकारक होती है।