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हरियाणा की बड़ी विधानसभा सीट के बादशाह बन कैबिनेट मंत्री बने राव नरबीर सिंह, समर्थकों ने आतिशबाजी कर मिठाई बांटी।

 

सत्य ख़बर, गुरुग्राम, सतीश भारद्वाज :

हरियाणा विधानसभा की 90 सीटों में से सबसे बड़ी सीट गुरुग्राम जिले की बादशाहपुर विधानसभा सीट है। जिस पर भाजपा की टिकट पर विधानसभा चुनाव 2024 में जीत हासिल करने वाले पूर्व मंत्री रामधन वीर सिंह पहले सीट के बादशाह बने उसके बाद प्रदेश में कैबिनेट मंत्री की वीरवार को चंडीगढ़ में नायब सैनी सरकार में मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। जिससे उनके समर्थकों ने आतिशबाजी कर एक दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी मनाई।

 

सैक्टर 23 आरडब्ल्यूए प्रधान आर एन कौशिक ने राव नरबीर सिंह के बारे में पहले ही कहा था कि वह एक सुलझे हुए राजनेता हैं, उन्होंने चुनाव मे जब भी जीत हासिल कर विधायक बने उतनी ही बार प्रदेश सरकार में मंत्री भी बने हैं। इस दफा वह चौथी बार चुनाव लड़े विधायक बने और चौथी बार मंत्री भी बने हैं। उन्होंने बताया कि वह 26 साल की उम्र में पहली दफा जाटूसाना विधानसभा क्षेत्र से राव इंद्रजीत सिंह को हराकर विधायक बने थे और तब भी मंत्री बने थे। उनकी गिनती अहीरवाल के दिग्गज राजनीतिज्ञों में से एक है। वे जितनी बार विधायकी जीती, उतनी बार प्रदेश सरकार में मंत्री बनने का रिकॉर्ड बनाया है। वह चौथी बार विधायक ही नहीं बल्कि चौथी बार मंत्री भी बने हैं। यही नहीं अलग-अलग मुख्यमंत्री के कार्यकाल में मंत्री बने। वह ताऊ देवीलाल की सरकार में भी मंत्री रहे और उनकी चौथी पीढ़ी के दुष्यंत सिंह चौटाला के साथ भी मंत्री रहे। ऐसा रिकॉर्ड फिलहाल प्रदेश के किसी अन्य नेता के नाम नहीं है।

प्रदेश की सबसे बड़ी विधानसभा सीट बादशाहपुर पर दूसरी बार कमल खिलाने वाले राव नरबीर सिंह ने चुनावी राजनीति की शुरुआत 1987 में जाटूसाना विधानसभा क्षेत्र से की थी। लोकदल के टिकट पर उन्होंने वर्तमान में अहीरवाल के सबसे बड़े नेता और तत्कालीन केंद्रीय योजना, सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) राव इंद्रजीत सिंह को मात दी थी। इसका इनाम उन्हें ताऊ देवीलाल ने अपनी सरकार में गृह राज्यमंत्री बनाकर दिया था।

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वहीं दूसरी बार वह 1996 में सोहना विधानसभा क्षेत्र से जीत हासिल कर विधानसभा पहुंचे व बंसीलाल की सरकार में परिवहन, सहकारिता एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री बने। तीसरी बार 2014 में प्रदेश की सबसे बड़ी विधानसभा सीट बादशाहपुर से जीत हासिल कर मनोहर लाल सरकार में लोक निर्माण मंत्री बने। वर्ष 2019 में भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया था। इस बार फिर उन्हें भाजपा ने बादशाहपुर से ही टिकट दिया और उन्होंने भारी मतों से जीत हासिल की। इस बार वह चौथी बार मुख्यमंत्री सैनी सरकार में मंत्री बने हैं।

 

श्री कौशिक का कहना था कि राव नरबीर सिंह के दादा स्व. राव मोहर सिंह व पिता स्व. महाबीर सिंह व चाचा महावीर सिंह भी कई दफा पंजाब व हरियाणा सरकार में विधायक रहे हैं।

 

*गुरुग्राम निवास पर समर्थकों ने आतिशबाजी कर जताई खुशी*

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राव नरबीर सिंह को कैबिनेट मंत्री बनाए जाने पर समर्थकों ने उनके सिविल लाइन स्थित आवास पर जमकर आतिशबाजी की। साथ ही मिठाइयां एक-दूसरे को खिलाकर खुशी प्रकट की। समर्थकों का कहना था कि गुरुग्राम में अब विकास की रफ्तार नहीं रुकेगी।

 

बता दें कि राव नरबीर सिंह कई दफा बड बोल और विवादों में भी घिरे रहे हैं। वहीं टिकट वितरण के समय भी काफी गुटबाजी के शिकार थे, लेकिन सार्वजनिक तौर पर उनके मुंह से निकली एक बात की हरियाणा में दो ही पार्टी है और निर्दलीय चुनाव में लडूंगा नहीं। काफी महत्वपूर्ण साबित हुई, जिस पर उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुलाया और टिकट पक्की करते हुए उन पर अपना हाथ रख दिया। जिसका नतीजा आप सबके सामने है। और आप उनके दर विरोधी भी साइलेंट मोड में दिखाई दे रहे हैं। क्योंकि उनके ऊपर एक बहुत बड़ा राजनीतिक प्रहार समझा जा रहा है।

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