Punjab में DAP खाद की कमी, मुख्यमंत्री मान ने JP नड्डा से की 1.50 लाख टन की मांग
Punjab: पंजाब में गेहूं की बुआई का समय नजदीक आ रहा है, लेकिन राज्य को DAP (डाई-अमोनियम फॉस्फेट) खाद की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। अक्टूबर तक, पंजाब को 4.80 लाख टन DAP की आवश्यकता है, लेकिन अब तक केवल 3.5 लाख टन खाद ही राज्य में पहुंची है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस मुद्दे को शनिवार को केंद्रीय उर्वरक मंत्री JP नड्डा के सामने उठाया और कहा कि चूंकि पंजाब गेहूं उत्पादन में सबसे बड़ा योगदान देता है, इसलिए राज्य को 1.50 लाख टन DAP की आपूर्ति में प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण DAP की कमी
मुख्यमंत्री मान ने बताया कि केंद्रीय मंत्री ने उन्हें बताया कि भारत DAP का 70% आयात करता है और वर्तमान में रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण DAP की कमी हो रही है। हालांकि, उन्होंने आश्वासन दिया कि केंद्र पंजाब को प्राथमिकता देगा। मान ने बताया कि पंजाब में धान की खरीद और परिवहन का कार्य तेजी से चल रहा है, और शनिवार को 3.50 लाख टन धान की उठाई गई है।
धान की खरीद को तेज करने की बात
सीएम ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी बात की है और उनसे मांग की है कि पंजाब को अधिकतम रेलवे रैक प्रदान किए जाएं ताकि राज्य के गोदामों में पड़े धान को जल्दी से स्थानांतरित किया जा सके और नए धान के लिए जगह बनाई जा सके।
उन्होंने माना कि मंडी में खरीद धीमी चल रही है, लेकिन उनका प्रयास है कि इसे और तेज किया जाए। उन्होंने कहा कि किसानों, कमीशन एजेंटों और श्रमिकों की सभी समस्याओं का समाधान किया गया है, केवल शेलर मालिकों से संबंधित कुछ मुद्दे केंद्र से जुड़े हैं।
किसानों से किया अपील
मुख्यमंत्री ने कहा, “मैं किसानों से अपील करना चाहता हूं कि वे हर मुद्दे पर सड़कों पर धरना न दें, इससे आम लोगों को परेशानी होती है। हर चीज की एक सीमा होती है।” उन्होंने केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत बिट्टू के आरोपों का भी जवाब दिया और कहा कि अब जब वह राज्य मंत्री हैं, तो उन्हें अपने अधिकारियों से सही जानकारी लेनी चाहिए और आंकड़े प्रस्तुत करने चाहिए।
अकाली दल पर कटाक्ष
मुख्यमंत्री ने कहा कि क्या 100 साल पुरानी पार्टी (अकाली दल) एक भी नेता नहीं पैदा कर पाई जो सुखबीर बादल के स्थान पर प्रचार कर सके? उन्होंने कहा कि अकाली दल धार्मिक मुद्दों को उठाकर चुनावी मैदान से भाग रहा है। उन्होंने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ने कहीं भी अकाली दल को चुनाव लड़ने से नहीं रोका है।
पंजाब की राजनीति की दिशा
मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि अकाली दल को सुखबीर बादल के बिना चुनाव लड़ने की कोशिश करनी चाहिए, यह संभव है कि उन्हें पिछली बार की तुलना में अधिक वोट मिलें। पंजाब में राजनीति अब ऐसे मोड़ पर है, जहां सभी पार्टियों को अपनी रणनीतियों पर दोबारा विचार करने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री भगवंत मान का यह प्रयास स्पष्ट करता है कि वे पंजाब के किसानों के कल्याण के लिए कितने गंभीर हैं। DAP खाद की कमी और धान की खरीद के मुद्दे को लेकर उनकी सक्रियता दर्शाती है कि राज्य सरकार किसान हितों के प्रति संवेदनशील है।
किसानों की समस्याओं को हल करने और उन्हें उचित संसाधन प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री का यह प्रयास प्रशंसनीय है। उम्मीद है कि केंद्र सरकार उनकी मांगों को गंभीरता से लेगी और पंजाब को आवश्यक खाद और अन्य संसाधनों की आपूर्ति सुनिश्चित करेगी।
राजनीतिक परिदृश्य में बदलाव और किसानों के समर्थन से, पंजाब अपनी कृषि क्षमता को और बढ़ा सकता है। इस समय की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए, सही निर्णय और तेजी से कार्यान्वयन से ही पंजाब के किसान अपने भविष्य को सुरक्षित कर सकते हैं।
किसानों को समर्थन देने के लिए सभी राजनीतिक दलों को एकजुट होकर काम करना चाहिए ताकि कृषि क्षेत्र को मजबूती मिल सके और पंजाब की कृषि विकास यात्रा आगे बढ़ सके।