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Deoband: सड़क किनारे गड्ढे में शव मिलने से गांव में फैली दहशत, हत्या की आशंका

Deoband के भैला गांव में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जब 11 वर्षीय करण और 7 वर्षीय अवनी की लाशें सड़क किनारे एक गड्ढे में पाई गईं। यह घटना गांव में हड़कंप मचा गई है, और लोगों का कहना है कि इन बच्चों की हत्या काले जादू के लिए की गई। वहीं, पुलिस इसे एक सड़क दुर्घटना मान रही है।

घटना की जानकारी

गांव के निवासी देव सिंह का 11 वर्षीय बेटा करण, अपने चाचा बित्तू की 7 वर्षीय बेटी अवनी के साथ गुरुवार को शाम 5 बजे मंदिर जाने के लिए घर से निकला था। जब वे रात तक घर नहीं लौटे, तो परिजनों ने उनकी तलाश शुरू की।

करीब रात 11 बजे गांव के लोगों को सड़क किनारे एक गड्ढे में बच्चों की लाशें मिलीं। बच्चों का शव अलग-अलग स्थानों पर पड़ा था, करण का शव सड़क के एक किनारे था जबकि अवनी का शव गड्ढे के अंदर था। घटना की सूचना मिलते ही गांव में भारी भीड़ इकट्ठा हो गई और सभी लोग इस दर्दनाक घटना पर शोक व्यक्त कर रहे थे।

अधिकारी और जांच

घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस के उच्च अधिकारी मौके पर पहुंचे। पुलिस अधीक्षक के बेटे कार्तिक राणा भी मौके पर पहुंचे और स्थिति की जानकारी ली। क्षेत्राधिकारी रविकांत पराशर और कोतवाल सुनील नगर के साथ ही उपजिलाधिकारी दीपक कुमार भी घटनास्थल पर पहुंचे और पूरे मामले की जानकारी ग्रामीणों से प्राप्त की।

फोरेंसिक टीम ने भी घटनास्थल पर पहुंचकर साक्ष्य जुटाए। इस मामले में ग्रामीणों का कहना है कि बच्चों की हत्या तंत्र क्रियाओं के कारण की गई और उनकी लाशें सड़क पर फेंकी गईं। गांववाले इस मामले को लेकर बेहद गुस्से में थे और उन्होंने सड़क जाम कर दी।

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ग्रामीणों का गुस्सा

गांववालों ने पुलिस की इस दलील को मानने से इंकार कर दिया कि यह एक साधारण सड़क दुर्घटना है। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस मामले को गंभीरता से नहीं ले रही है और जांच में ढिलाई कर रही है। ग्रामीणों ने मांग की कि उच्च अधिकारियों को मौके पर बुलाया जाए, लेकिन देर रात तक कोई जिला अधिकारी घटनास्थल पर नहीं पहुंचा।

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कई ग्रामीणों ने कहा कि इस घटना ने दीवाली के पर्व की खुशी को मातम में बदल दिया है। गांव में चहल-पहल की जगह शोक और दुख का माहौल है। सभी लोग एक-दूसरे के साथ मिलकर इस दुखद घटना की चर्चा कर रहे हैं और बच्चों के परिजनों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त कर रहे हैं।

पुलिस का बयान

क्षेत्राधिकारी रविकांत पराशर ने कहा कि प्रारंभिक जांच में मामला सड़क दुर्घटना के रूप में दिख रहा है। फोरेंसिक टीम ने साक्ष्य एकत्र किए हैं और मामले की पूरी जांच की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस पूरे मामले को गंभीरता से ले रही है और जल्दी ही सच्चाई सामने आ जाएगी।

काले जादू का संदेह

ग्रामीणों का मानना है कि यह घटना काले जादू से जुड़ी हो सकती है। कई लोगों का कहना है कि गांव में कुछ समय से तंत्र-मंत्र की गतिविधियों की चर्चा हो रही थी। इस घटना के बाद से गांव में आतंक और असुरक्षा का माहौल बन गया है। लोग अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं और यह सोचने पर मजबूर हैं कि कहीं उनके बच्चों के साथ भी ऐसा न हो जाए।

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दीवाली का मातम

दीवाली का त्यौहार हमेशा से खुशियों और उत्सव का प्रतीक माना जाता है, लेकिन इस घटना ने भैला गांव में सब कुछ बदल दिया है। लोगों ने दीवाली के जश्न को भुला दिया है और बच्चे अपने प्रियजनों के बिना इस पर्व को मनाने को मजबूर हैं।

इस घटना ने न केवल भैला गांव, बल्कि आसपास के क्षेत्रों में भी चिंता का विषय बना दिया है। पुलिस को चाहिए कि वह इस मामले की गहराई से जांच करे और सच्चाई सामने लाए ताकि गांववालों को न्याय मिल सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जा सकें। बच्चों की हत्या के पीछे की असली वजह चाहे जो भी हो, लेकिन इस घटना ने गांव में शोक और भय का माहौल पैदा कर दिया है, जिसे जल्द से जल्द समाप्त करने की आवश्यकता है।

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