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Congress Worker Protest: लखनऊ में कांग्रेस कार्यकर्ता की मौत, अजय राय ने योगी सरकार को ठहराया जिम्मेदार

Congress Worker Protest: बुधवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा के पास कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन के दौरान एक कांग्रेस कार्यकर्ता की मौत हो गई। इस घटना ने राज्य में एक बार फिर से राजनीतिक हलचल मचा दी है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने इस घटना को लेकर योगी सरकार और पुलिस अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने राज्य सरकार से मृतक के परिवार को 1 करोड़ रुपये का मुआवजा देने और एक सरकारी नौकरी प्रदान करने की मांग की है।

कांग्रेस कार्यकर्ता की मौत: एक दुखद घटना

कांग्रेस कार्यकर्ता की मौत उस समय हुई जब पार्टी के नेता और कार्यकर्ता विधानसभा के पास एक विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। अजय राय ने इस घटना को बेहद दुखद बताया और आरोप लगाया कि पुलिस ने विरोध कर रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर बर्बरता से लाठीचार्ज किया, जिसके कारण प्राभात पांडे नामक कार्यकर्ता की मौत हो गई।

अजय राय ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा, “कांग्रेस पार्टी ने इस दुखद घटना के लिए प्राभात पांडे के परिवार को 10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। हम राज्य सरकार से 1 करोड़ रुपये का मुआवजा और मृतक के परिवार के किसी सदस्य को सरकारी नौकरी की मांग करते हैं।”

Congress Worker Protest: लखनऊ में कांग्रेस कार्यकर्ता की मौत, अजय राय ने योगी सरकार को ठहराया जिम्मेदार

अजय राय का आरोप: पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग

अजय राय ने इस दुखद घटना के बाद पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा, “आज एक बहुत ही दुखद घटना घटी। हम विधानसभा का घेराव करने निकले थे, लेकिन जब हम कांग्रेस कार्यालय से विधानसभा की ओर बढ़ रहे थे, तो पुलिस ने हमारे रास्ते में बैरिकेड और कांटेदार तार लगा दिए थे। विरोध प्रदर्शन के दौरान, हमारे कार्यकर्ता प्राभात पांडे को पुलिस द्वारा पीटा गया, जिसके कारण उनकी मृत्यु हो गई।”

राय ने यह भी आरोप लगाया कि प्राभात पांडे ने हमारे दो कार्यकर्ताओं, आशीष केसरी और जुनेद इकलाम कुरैशी से कहा था कि पुलिस ने उन्हें पीटा था। जब वे कांग्रेस कार्यालय पहुंचे और लेट गए, तो वे बेहोश हो गए। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। अजय राय ने इसे एक अमानवीय घटना करार दिया और आरोप लगाया कि यह घटना असम में हुए एक अन्य घटना के समान है।

राहुल गांधी ने भी व्यक्त की शोक संवेदनाएं

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी इस घटना पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि “संविधान की हत्या” हुई है। राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा, “बीजेपी शासित असम और उत्तर प्रदेश में एक बार फिर से लोकतंत्र और संविधान की हत्या हुई है। कांग्रेस पार्टी बाबा साहब और संविधान के समर्थन में देशभर में सत्याग्रह कर रही है। हमारे कांग्रेस कार्यकर्ताओं की मौत गुवाहाटी में इस्लाम और लखनऊ में प्राभात पांडे की पुलिस की बर्बरता के कारण हुई है। यह घटना बेहद दुखद और निंदनीय है। मैं उनके शोक संतप्त परिवारों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। इन परिवारों को पूरी तरह से न्याय मिलना चाहिए।”

राहुल गांधी ने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी सत्य और संविधान के लिए संघर्ष जारी रखेगी। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस के शेर को न्याय के लिए संघर्ष करना नहीं रुकने वाला।

कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन और उसकी मांगें

कांग्रेस पार्टी ने इस घटना के बाद देशभर में विरोध प्रदर्शन किए। जम्मू, चंडीगढ़, गुवाहाटी और पटना में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राजभवनों के पास मार्च निकाले और विरोध जताया। इन विरोध प्रदर्शनों का उद्देश्य केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बीआर आंबेडकर पर दिए गए बयान, मणिपुर संकट, आदानी विवाद पर कथित निष्क्रियता और जम्मू और कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग को उठाना था।

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने इन मामलों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के विरोध को दबाने के लिए पुलिस का अत्यधिक बल प्रयोग किया है।

पुलिस कार्रवाई और कानून-व्यवस्था पर सवाल

कांग्रेस द्वारा उठाए गए आरोपों से यह साफ होता है कि पुलिस की कार्रवाई और कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। यह घटना एक बार फिर से यह साबित करती है कि विरोध प्रदर्शनों के दौरान पुलिस की कार्रवाई पर गंभीर ध्यान देने की आवश्यकता है। विरोध जताने का लोकतांत्रिक अधिकार सभी नागरिकों को है, और उसे शांतिपूर्ण तरीके से व्यक्त करने की अनुमति मिलनी चाहिए। इस तरह की घटनाएं लोकतंत्र की बुनियादी अधिकारों की हत्या करती हैं।

राजनीतिक हलचल और आने वाले प्रभाव

प्राभात पांडे की मौत ने न केवल कांग्रेस पार्टी को आक्रोशित किया है, बल्कि यह उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में राजनीतिक हलचल भी पैदा कर दी है। इस घटना को लेकर विपक्ष ने राज्य सरकार को घेरने की कोशिश की है और भाजपा को निशाना बनाते हुए राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलन को और तेज किया है।

अब यह देखना होगा कि सरकार इस घटना पर क्या कदम उठाती है और क्या पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई की जाती है। इसके अलावा, यह सवाल भी उठता है कि क्या राज्य सरकार इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस की कार्रवाई पर नियंत्रण रखने के उपाय करेगी।

कांग्रेस कार्यकर्ता की मौत एक गंभीर मामला है, जिसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए। इस घटना ने पुलिस की कार्रवाई, लोकतांत्रिक अधिकारों और राज्य सरकार की जिम्मेदारी पर कई सवाल उठाए हैं। अजय राय और राहुल गांधी द्वारा की गई मांगें और विरोध यह दर्शाते हैं कि कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे को गंभीरता से उठा रही है और मृतक के परिवार को न्याय दिलाने की कोशिश कर रही है। इस घटना को लेकर पूरे देश में राजनीतिक उथल-पुथल हो सकती है, और इसकी गूंज आगामी चुनावों में भी सुनाई दे सकती है।

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