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Tharoor-Soros Meeting: थरूर के आरोपों पर केंद्रीय मंत्री पुरी ने किया पलटवार, कहा- सोरोस से कोई मुलाकात नहीं

Tharoor-Soros Meeting: बीजेपी और कांग्रेस के बीच जॉर्ज सोरोस के मुद्दे पर विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। हाल ही में कांग्रेस नेता शशि थरूर के उस बयान पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने प्रतिक्रिया दी, जिसमें थरूर ने कहा था कि उन्होंने सोरोस से पुरी के घर पर अमेरिका में मुलाकात की थी।

असल में शशि थरूर का एक 15 साल पुराना ट्वीट सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें उन्होंने जॉर्ज सोरोस से अपनी मुलाकात का जिक्र किया था। इस पर थरूर ने स्पष्ट किया था कि यह मुलाकात उस समय के राजदूत हरदीप सिंह पुरी द्वारा एक डिनर के दौरान आयोजित की गई थी।

हरदीप सिंह पुरी की प्रतिक्रिया

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शशि थरूर के बयान पर अब प्रतिक्रिया दी है। पुरी ने कहा कि कांग्रेस सांसद ने पूरी बात नहीं बताई। उन्होंने कहा कि थरूर ने खुद ही डिनर में आने वाले मेहमानों की सूची उन्हें दी थी।

पुरी ने यह भी कहा कि जो व्यक्ति (जॉर्ज सोरोस) चर्चा में था, वह राजीव गांधी फाउंडेशन के एक दाता थे और उस समय के राज्य मंत्री को उनसे मिलने में रुचि थी। दरअसल, शशि थरूर उस समय विदेश राज्य मंत्री थे।

पुरी ने कहा, “भाषा का इस्तेमाल झूठ बोलने के कला के रूप में किया जाना चाहिए। मेरे कुछ कांग्रेस मित्र इस कला में माहिर हैं, लेकिन उन्हें अपनी ट्वीट करने से पहले सोचने की आवश्यकता है।”

2009 का पोस्ट हुआ वायरल

इस पूरे मामले की शुरुआत 15 दिसंबर को हुई, जब एक एक्स-यूजर ने शशि थरूर के 2009 के एक पोस्ट को साझा किया। इस पोस्ट में थरूर ने लिखा था, “मेरे पुराने मित्र शशि थरूर से मुलाकात की। भारत और पड़ोसी देशों के बारे में चर्चा की। वह सिर्फ एक निवेशक नहीं हैं, बल्कि वह दुनिया के एक गंभीर नागरिक हैं।”

पुरी के घर पर मुलाकात की बात

इस दौरान थरूर ने यह भी कहा था कि वह विदेश राज्य मंत्री के रूप में न्यूयॉर्क गए थे और उनकी मुलाकात हरदीप सिंह पुरी के घर पर हुई थी। थरूर के अनुसार, “तब के राजदूत पुरी ने कुछ प्रमुख अमेरिकी नागरिकों को डिनर के लिए आमंत्रित किया था ताकि उनके साथ चर्चा की जा सके (और इसमें कोई गलत बात नहीं थी)।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उसके बाद से वह सोरोस से संपर्क में नहीं थे।

थरूर ने अपने लंबे पोस्ट में आगे लिखा, “मेरी मुलाकात सोरोस से एक सामाजिक संदर्भ में हुई थी। मैंने न तो सोरोस से और न ही उनकी किसी संस्था से कोई पैसा लिया है, न तो अपने लिए और न ही किसी संगठन के लिए।”

आरोपों का राजनीतिक संदर्भ

कांग्रेस और बीजेपी के बीच जॉर्ज सोरोस के मुद्दे पर विवाद राजनीतिक रूप से भी काफी तूल पकड़ चुका है। बीजेपी के नेता अक्सर सोरोस पर आरोप लगाते रहे हैं कि वह भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करते हैं और विपक्षी दलों का समर्थन करते हैं।

हालांकि, शशि थरूर ने अपनी मुलाकात को व्यक्तिगत और सामाजिक संदर्भ में बताया है, लेकिन बीजेपी और कांग्रेस के बीच इस मुद्दे पर आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा।

थरूर की सफाई

शशि थरूर ने अपनी सफाई में यह भी कहा कि वह किसी राजनीतिक एजेंडे के तहत सोरोस से नहीं मिले थे। उनका यह दावा था कि वह एक सामान्य डिनर बैठक में शामिल हुए थे, जिसमें विभिन्न प्रमुख अमेरिकी नागरिकों के साथ भारत और उसकी राजनीति पर चर्चा की गई।

थरूर ने यह भी कहा कि वह सोरोस से एक सामाजिक संदर्भ में मिले थे और उनकी मुलाकात का कोई राजनीतिक पहलू नहीं था। उन्होंने साफ किया कि उन्होंने न तो सोरोस से कभी कोई वित्तीय मदद ली और न ही उनकी किसी संस्था से कोई सहयोग प्राप्त किया।

BJP और कांग्रेस के बीच विवाद

BJP द्वारा कांग्रेस के नेताओं पर जॉर्ज सोरोस के समर्थन का आरोप लगाए जाने के बाद, कांग्रेस ने इसे सिरे से नकारा। कांग्रेस का कहना है कि सोरोस से शशि थरूर की मुलाकात पूरी तरह से व्यक्तिगत थी और इसका कोई राजनीतिक अर्थ नहीं निकाला जाना चाहिए।

वहीं, BJP का कहना है कि यह मुलाकात किसी छिपे हुए एजेंडे का हिस्सा हो सकती है और कांग्रेस नेताओं की सोरोस के साथ की गई मुलाकातों को लेकर प्रश्न उठाए जा रहे हैं। बीजेपी नेताओं का कहना है कि इस मामले को लेकर कांग्रेस को जवाब देना चाहिए कि क्या सोरोस ने कभी उनके पक्ष में बयान दिया है या नहीं।

थरूर और पुरी की प्रतिक्रिया

शशि थरूर और हरदीप सिंह पुरी दोनों ही इस मामले में अपनी-अपनी स्थिति स्पष्ट कर चुके हैं। थरूर ने जहां इसे एक सामाजिक मुलाकात बताया, वहीं पुरी ने कहा कि कांग्रेस नेता ने पूरी कहानी नहीं बताई और उनके पास खुद ही मेहमानों की सूची थी।

हालांकि इस मुद्दे पर दोनों पक्षों के बयान अलग-अलग हैं, लेकिन यह स्पष्ट है कि जॉर्ज सोरोस के मुद्दे पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच विवाद और गहरा सकता है।

जॉर्ज सोरोस के साथ शशि थरूर की मुलाकात के बारे में कांग्रेस और बीजेपी के नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। जहां कांग्रेस इसे एक सामान्य सामाजिक मुलाकात बता रही है, वहीं बीजेपी इसका राजनीतिक पहलू जोड़ने की कोशिश कर रही है।

इस विवाद के साथ ही यह सवाल भी उठता है कि क्या भारतीय राजनीति में अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप के आरोपों का कोई आधार है या यह केवल राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का हिस्सा है। फिलहाल यह मामला राजनीति के गरमागरम माहौल में छाया हुआ है और इसके आने वाले परिणामों को लेकर अनुमान लगाना मुश्किल है।

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