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Stomach Cancer: छाती में जलन को न करें नजरअंदाज, यह पेट के कैंसर का हो सकता है संकेत

Stomach Cancer: यदि आपको बार-बार छाती में जलन महसूस होती है, या खट्टे डकारें आती हैं, तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए, क्योंकि यह पेट के कैंसर का संकेत हो सकता है। अधिकांश लोग इसे एसिडिटी समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, जो बाद में खतरनाक साबित हो सकता है। पेट के कैंसर का खतरा पेट के ऊपरी या निचले हिस्से में हो सकता है। यदि इसके लक्षण समय पर पहचाने न जाएं, तो यह मृत्यु का कारण भी बन सकता है। अमेरिकन कैंसर सोसाइटी जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, गले और भोजन नलिका (एसोफैगस) का कैंसर होने का खतरा भी अधिक होता है। आइए जानते हैं पेट के कैंसर के लक्षण क्या हैं।

पेट में कैंसर होने के कारण

अगर आपको अक्सर एसिडिटी की समस्या रहती है, तो इससे पेट में हेलिकोबैक्टर पाइलोरी (H. pylori) इंफेक्शन हो सकता है, जो डीएनए को नुकसान पहुंचा सकता है। बाद में यह इंफेक्शन पेट में कैंसर का कारण बन सकता है। इसलिए इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

पेट के कैंसर के लक्षण

पेट में जलन (हार्टबर्न) एक सामान्य समस्या हो सकती है, जो बैक्टीरियल इंफेक्शन या पेट में अल्सर का संकेत हो सकता है। लेकिन कुछ लोग जिनको कैंसर होता है, उन्हें अचानक हार्टबर्न और एसिड रिफ्लक्स की समस्या हो जाती है, जिसके कारण डकारें और हिचकियां बढ़ सकती हैं। इसको हल्के में नहीं लेना चाहिए।

पेट के कैंसर के मुख्य लक्षण

  1. पेट के ऊपरी या निचले हिस्से में दर्द: पेट के ऊपरी या निचले हिस्से में असहजता और दर्द का अनुभव हो सकता है। यह पेट के कैंसर का एक सामान्य लक्षण हो सकता है।
  2. भूख में कमी: कैंसर के कारण भूख में कमी आ सकती है, जिससे वजन भी कम होने लगता है। यह भी पेट के कैंसर का संकेत हो सकता है।
  3. बिना किसी कारण के वजन में कमी: अगर बिना किसी स्पष्ट कारण के आपका वजन घट रहा है, तो यह भी पेट के कैंसर का संकेत हो सकता है।
  4. खाने के बाद उल्टी आना: पेट में असहजता और खाने के बाद बार-बार उल्टी आना भी पेट के कैंसर के लक्षणों में से एक हो सकता है।
  5. पेट में सूजन या फूलने का एहसास: अगर आपको बार-बार पेट में सूजन या फूलने का एहसास हो, तो यह भी पेट के कैंसर का एक संकेत हो सकता है।

Stomach Cancer: छाती में जलन को न करें नजरअंदाज, यह पेट के कैंसर का हो सकता है संकेत

पेट के कैंसर से बचाव के उपाय

  1. तैलीय और मसालेदार खाद्य पदार्थों से दूर रहें: पेट के कैंसर से बचने के लिए आपको तैलीय और मसालेदार खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए। यह पेट पर अतिरिक्त दबाव डाल सकते हैं और कैंसर का कारण बन सकते हैं।
  2. वजन पर नियंत्रण रखें: अगर आपका वजन बढ़ रहा है, तो इसे नियंत्रित करने के प्रयास करें। अधिक वजन के कारण पेट पर दबाव पड़ता है, जिससे पेट का कैंसर होने का खतरा बढ़ सकता है।
  3. नियमित रूप से व्यायाम करें: व्यायाम से शरीर को फिट रखा जा सकता है और पेट के कैंसर से बचाव हो सकता है। रोजाना 30-45 मिनट का व्यायाम जरूर करें।
  4. संतुलित आहार लें: अपने आहार को संतुलित रखें, जिसमें फल, सब्जियां, साबुत अनाज और प्रोटीन शामिल हों। यह आपके पेट को स्वस्थ रखने में मदद करेगा।
  5. सोने से 2-3 घंटे पहले भोजन करें: सोने से कम से कम 2-3 घंटे पहले भोजन करें, ताकि पेट को आराम मिले और एसिड रिफ्लक्स की समस्या से बचा जा सके।
  6. भोजन के बाद लेटने या बैठने के बजाय चलें: खाने के बाद तुरंत न लेटें या न बैठें। हल्का-फुल्का चलना पेट की समस्याओं से बचने में मदद करता है।
  7. नशे से दूर रहें: नशे की आदतों से बचें, जैसे कि शराब और तंबाकू, जो पेट के कैंसर के जोखिम को बढ़ाते हैं।

पेट के कैंसर का इलाज

अगर पेट के कैंसर का समय पर पता चल जाए, तो डॉक्टर इसे सर्जरी, कीमोथेरेपी और रेडिएशन थेरेपी द्वारा इलाज करते हैं। समय पर इलाज से पेट के कैंसर को नियंत्रित किया जा सकता है और मरीज का जीवन बचाया जा सकता है।

कब डॉक्टर से मिलें?

अगर आपको छाती में जलन, सांस लेने में कठिनाई, पीलिया (जिगर का रोग), पेशाब करने में कठिनाई, और लंबे समय तक उल्टी की समस्या हो रही है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। यह लक्षण पेट के कैंसर के संकेत हो सकते हैं और समय रहते इलाज से बचाव संभव है।

पेट के कैंसर के लक्षणों को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। अगर आपको ऊपर बताए गए लक्षण महसूस होते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। पेट के कैंसर से बचाव के लिए एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं, संतुलित आहार लें, व्यायाम करें और तैलीय-मसालेदार आहार से दूर रहें। समय पर इलाज से पेट के कैंसर का इलाज संभव है और इससे बचा जा सकता है।

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