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Delhi News: दिल्ली दंगों के आरोपी शाहरुख पठान को ओवैसी की पार्टी से मिल सकता है चुनावी टिकट!

Delhi News: दिल्ली विधानसभा चुनावों को लेकर असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने अपनी तैयारी तेज़ कर दी है। इस बीच, एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है कि ओवैसी की पार्टी दिल्ली दंगों में आरोपी रहे शाहरुख पठान को चुनावी टिकट देने पर विचार कर रही है। हाल ही में AIMIM के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष शोएब जमाई ने शाहरुख पठान के परिवार से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के दौरान शाहरुख को चुनावी टिकट देने पर चर्चा की गई थी।

क्या शाहरुख पठान को सीलमपुर से मिलेगा टिकट?

सूत्रों के अनुसार, ओवैसी की पार्टी शाहरुख पठान को दिल्ली के सीलमपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनावी टिकट देने पर विचार कर रही है। सीलमपुर एक मुस्लिम बहुल क्षेत्र है और यहां पिछले चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) ने जीत दर्ज की थी। इस सीट पर आमतौर पर मुख्य मुकाबला कांग्रेस और AAP के बीच होता है। ऐसे में, अगर शाहरुख पठान यहां से चुनावी मैदान में उतरते हैं, तो यह मुकाबला और भी दिलचस्प हो सकता है।

ओवैसी करेंगे शाहरुख पठान के चुनावी टिकट पर फैसला

इस संबंध में शोएब जमाई ने कहा कि शाहरुख पठान के चुनावी टिकट पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि शाहरुख के उम्मीदवार होने के बारे में अंतिम निर्णय AIMIM नेतृत्व ही करेगा। जमाई ने यह भी कहा कि राजनीति में कुछ भी हो सकता है, और सीलमपुर क्षेत्र एक ऐसा निर्वाचन क्षेत्र है, जहां अल्पसंख्यक वोटों का अहम प्रभाव है।

शोएब जमाई ने शाहरुख पठान के परिवार से की मुलाकात

AIMIM नेता शोएब जमाई ने ट्विटर पर यह जानकारी दी कि उन्होंने हाल ही में शाहरुख पठान की मां से उनके घर पर मुलाकात की, जो कि फिलहाल जेल में हैं। उन्होंने बताया कि दिल्ली मजलिस (AIMIM) के एक प्रतिनिधिमंडल ने शाहरुख के परिवार से मुलाकात की और उनके कानूनी मामलों के बारे में चर्चा की। इस मुलाकात का उद्देश्य शाहरुख के परिवार की स्थिति को समझना और उन्हें कानूनी सहायता प्रदान करना था। जमाई ने यह भी कहा कि उनका यह छोटा सा कदम दिल्ली में न्याय की मांग करने वाले उन परिवारों को प्रोत्साहित करेगा, जिनके बच्चे वर्षों से बिना मुकदमे के जेल में हैं। सुप्रीम कोर्ट के अनुसार, उन आरोपियों को जमानत मिलनी चाहिए जिनके मामलों की सुनवाई लंबित है।

शाहरुख पठान पर आरोप

गौरतलब है कि शाहरुख पठान पर दिल्ली दंगों से संबंधित दो मामलों में आरोप हैं। इनमें एक आरोप है कि उसने हेड कांस्टेबल दीपक दहिया को बंदूक से धमकाया था और दूसरा आरोप है कि वह रोहित शुक्ला नामक व्यक्ति की हत्या की साजिश में शामिल था। दिल्ली हाई कोर्ट ने अक्टूबर में शाहरुख पठान को दंगों के मामले में जमानत देने से इनकार कर दिया था। फिलहाल, शाहरुख पठान जेल में बंद हैं।

सीलमपुर में चुनावी मुकाबला: कौन है अग्रणी?

दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले सीलमपुर सीट एक अहम चुनावी रणक्षेत्र बन गई है। आम आदमी पार्टी ने यहां से चौधरी जुबैर अहमद को अपना उम्मीदवार बनाया है, जबकि कांग्रेस ने अब्दुल रहमान को उम्मीदवार घोषित किया है। बीजेपी ने अब तक इस सीट के लिए अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। यह सीट पारंपरिक रूप से कांग्रेस का गढ़ रही है, लेकिन पिछले दो चुनावों में आम आदमी पार्टी ने यहां जीत हासिल की है। अब, शाहरुख पठान के चुनावी मैदान में उतरने से यह सीट और भी दिलचस्प हो सकती है, क्योंकि यहां के मुस्लिम मतदाता महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

क्या होगा शाहरुख पठान का भविष्य?

शाहरुख पठान के चुनावी मैदान में उतरने को लेकर अटकलें तेज हैं। यदि AIMIM उन्हें टिकट देती है, तो यह राजनीति में एक नया मोड़ ले सकता है। शाहरुख पठान का नाम दिल्ली दंगों से जुड़ा हुआ है, और उनके खिलाफ आरोप गंभीर हैं। ऐसे में उनके चुनावी टिकट का मामला न केवल राजनीतिक दृष्टि से बल्कि कानूनी दृष्टि से भी महत्वपूर्ण बन गया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या ओवैसी पार्टी के नेतृत्व से इस मामले में कोई निर्णायक कदम उठाता है।

चुनावी राजनीति में नई दिशाएँ

शाहरुख पठान का नाम दिल्ली दंगों के आरोपों के साथ जुड़ा हुआ है, लेकिन ओवैसी की पार्टी AIMIM उनके लिए चुनावी टिकट देने पर गंभीरता से विचार कर रही है। अगर शाहरुख पठान चुनावी मैदान में उतरते हैं, तो यह न केवल दिल्ली के चुनावी राजनीति को प्रभावित करेगा, बल्कि पार्टी की दिशा और रणनीति पर भी सवाल उठाएगा। शाहरुख का नाम और उनका चुनावी मैदान में उतरना राजनीति के नए दृष्टिकोण को जन्म दे सकता है। सीलमपुर सीट पर होने वाले मुकाबले में शाहरुख पठान की उम्मीदवारी से चुनावी नतीजों पर बड़ा असर पड़ सकता है, जो दिल्ली की राजनीति में एक नया अध्याय लिख सकता है।

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