18th Pravasi Bharatiya Divas सम्मेलन, ओडिशा में पहली बार आयोजित
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18th Pravasi Bharatiya Divas: भारत में प्रवासी भारतीयों का एक महत्वपूर्ण योगदान है। हर साल 9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस (Pravasi Bharatiya Divas) मनाया जाता है, और इस वर्ष, यह खास कार्यक्रम ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में आयोजित किया जा रहा है। यह आयोजन भारतीय संस्कृति, भारतीयता और विदेशों में बसे भारतीयों के योगदान को एक मंच पर लाने का महत्वपूर्ण अवसर है। इस बार की 18वीं प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का आयोजन ओडिशा में पहली बार हो रहा है, जिससे ओडिशा की धरती पर यह खास कार्यक्रम मानो भारतीय संस्कृति के वैश्विक प्रचार-प्रसार का माध्यम बन गया है।
इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी हिस्सा लेंगे। इसके साथ ही, विदेश मंत्री एस. जयशंकर भी इस कार्यक्रम के दौरान ओडिशा में उपस्थित रहेंगे। तीन दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम में, लगभग 7,500 लोग, जिनमें स्थानीय प्रतिभागी भी शामिल हैं, हिस्सा लेंगे। कार्यक्रम के लिए तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है और विदेशों से आ रहे भारतीयों का स्वागत पारंपरिक रूप से किया जा रहा है।
विदेश से आने वाले प्रवासी भारतीयों का स्वागत
प्रवासी भारतीयों को ओडिशा में एक पारंपरिक स्वागत किया जा रहा है। एयरपोर्ट पर विशेष स्वागत डेस्क, हेल्प डेस्क और पुलिस कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं ताकि प्रवासी भारतीयों को कोई असुविधा न हो। इसके अलावा, राज्य सरकार ने विभिन्न निजी टूर ऑपरेटरों के सहयोग से कुछ अंतरराष्ट्रीय मेहमानों के लिए होम स्टे की व्यवस्था की है, ताकि वे ओडिशी संस्कृति और परंपरा का अनुभव कर सकें।
युवा प्रवासी भारतीय दिवस
इस कार्यक्रम की शुरुआत 8 जनवरी को युवा प्रवासी भारतीय दिवस (Young NRI Day) से होगी, जो कि विशेष रूप से युवा भारतीयों के योगदान और उनके विचारों पर केंद्रित होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 जनवरी को इस सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। इस दिन का महत्व खास है, क्योंकि यह उन भारतीयों की पीढ़ी को सम्मानित करता है, जो विदेशों में बसे हैं और जिन्होंने अपने कार्यों से भारत की छवि को गौरवान्वित किया है।
प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार
इस सम्मेलन का समापन 10 जनवरी को प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार (Pravasi Bharatiya Samman Award) समारोह से होगा। इस दौरान, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगी और उन भारतीयों को सम्मानित करेंगी जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में अपनी सफलता और भारत के लिए योगदान दिया है। यह पुरस्कार भारत सरकार की ओर से दिया जाता है, और यह उन व्यक्तित्वों को सम्मानित करने के लिए होता है जिन्होंने न केवल विदेशों में खुद को स्थापित किया है, बल्कि भारत के प्रति अपनी निष्ठा और योगदान भी प्रदर्शित किया है।
प्रवासी भारतीयों का भारत के साथ जुड़ाव
प्रवासी भारतीयों का भारत के साथ संबंध हमेशा से गहरा रहा है। वे केवल अपनी व्यक्तिगत सफलता से ही नहीं, बल्कि भारत के सांस्कृतिक, आर्थिक और सामाजिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। प्रवासी भारतीयों का योगदान भारतीय समाज और अर्थव्यवस्था में अविस्मरणीय है। विशेषकर उनके द्वारा किए गए निवेश, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और भारत के प्रति उनके स्नेहपूर्ण संबंधों का महत्व हमेशा बना रहता है।
धौहा गाइडा का स्वागत
इस बार, 18वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में कोरिया से धौहा गाइडा भी पहुंची हैं। वह भारत की यात्रा पर पहली बार आई हैं, लेकिन भारतीय संस्कृति और परंपराओं के बारे में उनकी जानकारी बहुत गहरी है। धौहा गाइडा ने कहा कि उन्होंने भारतीय फिल्मों को देखा है और उनकी बहन ने उन्हें भारत की संस्कृति और भोजन के बारे में बहुत कुछ सिखाया है। उन्हें भारतीय भोजन बहुत पसंद है, खासकर करी और मसालेदार व्यंजन। यह बयान भारतीय संस्कृति की वैश्विक उपस्थिति और प्रभाव को दर्शाता है।
ओडिशा में यात्रा के अवसर
सम्मेलन में भाग लेने आए प्रवासी भारतीयों के लिए ओडिशा सरकार ने 31 प्रमुख पर्यटन स्थलों का दौरा करने की व्यवस्था की है। ओडिशा की सांस्कृतिक धरोहर, किले, मंदिर और अन्य ऐतिहासिक स्थल प्रवासी भारतीयों को यहां की संस्कृति और इतिहास से अवगत कराने का बेहतरीन अवसर प्रदान करेंगे। ओडिशा के पारंपरिक घरों में होम स्टे का अनुभव भी उन्हें राज्य की संस्कृति को नजदीकी से जानने का अवसर देगा।
ओडिशा की भूमिका
ओडिशा इस बार प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का आयोजन कर एक नई मिसाल पेश कर रहा है। यह राज्य न केवल भारत का एक प्रमुख पर्यटन स्थल बन चुका है, बल्कि अपनी सांस्कृतिक धरोहर और ऐतिहासिक महत्व के लिए भी विश्वभर में जाना जाता है। इस सम्मेलन के जरिए ओडिशा की संस्कृति और परंपरा को अंतरराष्ट्रीय मंच पर लाया जाएगा।
भविष्य की दिशा
इस कार्यक्रम के माध्यम से भारत और विदेशों में बसे भारतीयों के बीच संवाद बढ़ेगा और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलेगा। यह आयोजन भारत सरकार के “वसुधैव कुटुम्बकम्” के सिद्धांत को भी प्रगति में ले जाने का एक कदम है, जिससे विश्वभर के भारतीयों को एक मंच पर लाकर उनके विचारों और योगदानों को सम्मानित किया जा रहा है। इसके अलावा, यह कार्यक्रम भारत को एक मजबूत वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित करने में भी मदद करेगा।
यह आयोजन न केवल भारत के लिए गर्व की बात है, बल्कि यह विदेशों में बसे भारतीयों के लिए भी एक बड़ा अवसर है। इसके माध्यम से वे अपनी जड़ों से जुड़ने के साथ-साथ भारत के विकास में योगदान देने के लिए प्रेरित होंगे। इस सम्मेलन के सफल आयोजन से यह स्पष्ट होता है कि भारत हमेशा वैश्विक मंच पर अपनी स्थिति मजबूत करने की दिशा में कदम उठा रहा है।