premenstrual syndrome: मासिक धर्म से पहले नींद की कमी और रात में बेचैनी? जानें इसके पीछे का कारण।
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premenstrual syndrome: मासिक धर्म से पहले नींद न आना और रात में बेचैनी महसूस करना महिलाओं में एक आम समस्या है। इसे प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (PMS) कहा जाता है। PMS मासिक धर्म से पहले महिलाओं में दिखने वाले लक्षणों का समूह है, जिसमें शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की समस्याएं शामिल होती हैं। नींद की कमी और बेचैनी PMS के लक्षणों में से एक हैं। आइए विस्तार से समझते हैं कि यह समस्या क्यों होती है और इससे कैसे निपटा जा सकता है।
PMS के कारण और इसके प्रभाव
प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (PMS) महिलाओं के मासिक चक्र से जुड़ा एक ऐसा समय है जब उनके शरीर और मन में कई प्रकार के बदलाव देखने को मिलते हैं। PMS से जुड़े लक्षण हर महिला में अलग-अलग हो सकते हैं। कुछ महिलाओं में ये लक्षण हल्के होते हैं, जबकि कुछ को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
PMS के सामान्य लक्षण
- मूड स्विंग्स: बार-बार मन का बदलना।
- शारीरिक दर्द: स्तनों में दर्द, मांसपेशियों में ऐंठन और पेट में दर्द।
- थकान और चिड़चिड़ापन: ऊर्जा की कमी और छोटी-छोटी बातों पर चिड़चिड़ापन।
- अनिद्रा: रात को नींद न आना या बार-बार जाग जाना।
- पाचन समस्या: पेट फूलना और अपच।
गंभीर लक्षण
एक शोध के अनुसार, मासिक धर्म से पहले 75% महिलाएं PMS के लक्षणों से प्रभावित होती हैं और इनमें से 3-8% को गंभीर लक्षणों का सामना करना पड़ता है। इन गंभीर लक्षणों में डिप्रेशन और अत्यधिक चिंता प्रमुख हैं।
नींद की समस्या और PMS का संबंध
PMS के दौरान महिलाओं को नींद की समस्या क्यों होती है, इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं।
हार्मोनल असंतुलन
मासिक धर्म से पहले हार्मोन (एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन) के स्तर में बदलाव होता है। ये हार्मोन शरीर के नींद चक्र को प्रभावित करते हैं। प्रोजेस्टेरोन का स्तर घटने से नींद में बाधा आती है।
मानसिक तनाव
PMS के कारण मूड स्विंग्स और चिंता बढ़ती है, जो महिलाओं को रातभर जागने पर मजबूर कर देती है।
शारीरिक असुविधा
पेट दर्द, स्तनों में सूजन और मांसपेशियों में दर्द जैसी समस्याएं महिलाओं को आराम से सोने नहीं देती।
शोध में क्या कहा गया?
2017 में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, PMS से पीड़ित 20.1% महिलाओं में अनिद्रा पाई गई। इन महिलाओं ने पेट दर्द, थकान, मूड स्विंग्स, चिंता और चिड़चिड़ापन जैसी समस्याओं की भी शिकायत की।
PMS के दौरान नींद की समस्या से कैसे निपटें?
नींद की कमी और बेचैनी जैसी समस्याओं को कम करने के लिए कुछ प्रभावी उपाय हैं।
1. संतुलित आहार लें
- ताजे फल, सब्जियां और साबुत अनाज खाएं।
- चीनी और कैफीन का सेवन कम करें।
- मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थ जैसे केला और नट्स लें, जो मांसपेशियों को आराम पहुंचाते हैं।
2. व्यायाम करें
- हल्के योग और मेडिटेशन से तनाव कम होता है और नींद में सुधार होता है।
- हर दिन कम से कम 30 मिनट वॉक करें।
3. नींद का समय तय करें
- सोने और उठने का एक निश्चित समय तय करें।
- सोने से पहले मोबाइल और लैपटॉप से दूरी बनाएं।
4. गर्म पानी से स्नान करें
- सोने से पहले गर्म पानी से स्नान करने से शरीर को आराम मिलता है।
- स्नान के बाद हल्का गर्म दूध पीना भी फायदेमंद है।
5. ओवर-द-काउंटर सप्लीमेंट्स
- मेलाटोनिन सप्लीमेंट्स अनिद्रा में मददगार हो सकते हैं।
- डॉक्टर की सलाह से विटामिन बी6 और मैग्नीशियम सप्लीमेंट्स लें।
6. तनाव प्रबंधन तकनीकें अपनाएं
- डीप ब्रीदिंग और रिलैक्सेशन एक्सरसाइज करें।
- ध्यान (मेडिटेशन) से मन शांत रहता है।
डॉक्टर की सलाह कब लें?
यदि PMS के कारण नींद की समस्या लंबे समय तक बनी रहती है और यह आपकी दिनचर्या को प्रभावित कर रही है, तो डॉक्टर से संपर्क करें।
डॉक्टर से संपर्क करने के लक्षण
- अत्यधिक थकान और ऊर्जा की कमी।
- गंभीर चिंता और डिप्रेशन।
- हर महीने PMS के कारण सामान्य जीवन प्रभावित होना।
डॉक्टर हार्मोनल थेरेपी या अन्य दवाओं का सुझाव दे सकते हैं, जिससे PMS के लक्षण कम हो सकें।
प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम महिलाओं के लिए एक चुनौतीपूर्ण समय हो सकता है, खासकर जब यह नींद और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। हार्मोनल असंतुलन, मानसिक तनाव और शारीरिक असुविधा जैसे कारण इस समस्या को और बढ़ा सकते हैं। हालांकि, संतुलित जीवनशैली, सही खानपान और नियमित व्यायाम से इस समस्या को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। यदि समस्या गंभीर हो, तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
महिलाओं को यह समझना चाहिए कि PMS के दौरान खुद का ख्याल रखना बहुत जरूरी है। जागरूकता और सही उपायों से आप इस समस्या से प्रभावी ढंग से निपट सकती हैं।