राष्‍ट्रीय

India-Bangladesh Relations: भारत-बांग्लादेश तनाव: वे 7 कारण जिनसे सीमा पर सक्रिय हुई बांग्लादेश सेना, तनाव बढ़ा

India-Bangladesh Relations: भारत और बांग्लादेश के बीच तनावपूर्ण संबंधों की शुरुआत पूर्व बांग्लादेश प्रधानमंत्री शेख हसीना के तख्तापलट के बाद से हुई है। दोनों देशों के बीच लंबे समय से सौहार्दपूर्ण संबंध रहे हैं, लेकिन हाल ही में पहली बार सीमा पर तनाव की स्थिति देखने को मिली है। भारत और बांग्लादेश सीमा पर निर्माण कार्यों को लेकर यह विवाद खड़ा हुआ है, जिसमें बांग्लादेश बॉर्डर गार्ड (BGB) की आपत्ति ने दोनों देशों के रिश्तों में खटास ला दी है।

सीमा पर निर्माण कार्य को लेकर विवाद

सीमा पर तनाव का मुख्य कारण अंतरराष्ट्रीय सीमा पर निर्माण कार्य है। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, बीएसएफ (BSF) द्वारा की जा रही निर्माण गतिविधियों को BGB द्वारा बाधित किया जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि उत्तर और दक्षिण बंगाल की सीमा पर छह से सात स्थानों पर निर्माण कार्य का विरोध किया गया है, जिन पर पहले आपसी सहमति से काम शुरू हुआ था।

मालदा में विवाद की स्थिति

हाल ही में मालदा जिले के सबदलपुर गांव में विवाद हुआ, जहां चार साल पहले निर्माण कार्य को लेकर सहमति बनी थी। बीएसएफ के एक अधिकारी ने बताया, “यह निर्माण कार्य सीमा स्तंभ से 150 मीटर के दायरे में एकल पंक्ति की बाड़ का था, जिसके लिए बीजीबी की सहमति ली गई थी। लेकिन जब बीएसएफ ने कार्य शुरू किया, तो बीजीबी और स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया।”

इस विरोध के कारण भारतीय और बांग्लादेशी ग्रामीणों के बीच झड़प की स्थिति पैदा हुई। हालांकि, कोई हिंसा नहीं हुई, लेकिन नारेबाजी और तनावपूर्ण माहौल ने स्थिति को गंभीर बना दिया।

वरिष्ठ अधिकारियों की वार्ता

तनाव के बावजूद, दोनों देशों की सेनाओं के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच बातचीत हुई। 9 जनवरी को कोलकाता के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर मुख्यालय में बीएसएफ के महानिरीक्षक और बीजीबी के क्षेत्रीय कमांडर के बीच बैठक हुई। यह एक पूर्व निर्धारित अनौपचारिक बैठक थी।

Amit Shah बिना दवा जी रहे हैं स्वस्थ जीवन! जानिए उनका फिटनेस मंत्र
Amit Shah बिना दवा जी रहे हैं स्वस्थ जीवन! जानिए उनका फिटनेस मंत्र

हालांकि इस बैठक के बावजूद, कोचबिहार के मेखलीगंज में बीएसएफ के निर्माण कार्य को बीजीबी के जवानों द्वारा 13 जनवरी को फिर से बाधित किया गया।

India-Bangladesh Relations: भारत-बांग्लादेश तनाव: वे 7 कारण जिनसे सीमा पर सक्रिय हुई बांग्लादेश सेना, तनाव बढ़ा

बांग्लादेश द्वारा भारतीय उच्चायुक्त को तलब किया गया

सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच, बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को 14 जनवरी को तलब किया। बांग्लादेश ने भारत पर आरोप लगाया कि वह भारत-बांग्लादेश सीमा के पांच स्थानों पर सीमा समझौते का उल्लंघन करते हुए बाड़ लगाने का प्रयास कर रहा है।

बैठक का विवरण

उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को दोपहर करीब तीन बजे मंत्रालय में बुलाया गया। उनकी बांग्लादेश के विदेश सचिव जशिम उद्दीन के साथ बैठक लगभग 45 मिनट तक चली। हालांकि, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने इस बैठक को लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया।

प्रणय वर्मा का बयान

बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा ने कहा कि, “सीमा सुरक्षा को लेकर भारत और बांग्लादेश के बीच एक समझौता है। बीएसएफ और बीजीबी के बीच इस मुद्दे पर संवाद जारी है। हमें उम्मीद है कि इस समझौते को लागू किया जाएगा और सीमा अपराधों से निपटने के लिए सहयोगात्मक दृष्टिकोण अपनाया जाएगा।”

Mithun Chakraborty की मांग ने मचाई हलचल! क्या बंगाल में लगेगा राष्ट्रपति शासन?"
Mithun Chakraborty की मांग ने मचाई हलचल! क्या बंगाल में लगेगा राष्ट्रपति शासन?

विवाद के पीछे प्रमुख कारण

  1. पूर्व सरकार की सहमति: बीएसएफ द्वारा शुरू किए गए निर्माण कार्य पहले की सरकार के कार्यकाल में हुए समझौतों पर आधारित थे, लेकिन वर्तमान प्रशासन ने इसका विरोध शुरू कर दिया है।
  2. स्थानीय विरोध: बीजीबी के साथ स्थानीय लोग भी निर्माण कार्य का विरोध कर रहे हैं, जिससे दोनों ओर के ग्रामीणों के बीच तनाव बढ़ रहा है।
  3. राजनीतिक अस्थिरता: शेख हसीना के तख्तापलट के बाद से बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति अस्थिर है, जो इस विवाद का एक बड़ा कारण है।
  4. आरोप-प्रत्यारोप: बांग्लादेश का आरोप है कि भारत सीमा समझौते का उल्लंघन कर रहा है, जबकि भारत इसे आपसी सहमति के तहत किए जा रहे निर्माण के रूप में देखता है।

सीमा विवाद का संभावित समाधान

दोनों देशों के बीच सीमा विवाद को सुलझाने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:

  • कूटनीतिक वार्ता: बीएसएफ और बीजीबी के बीच उच्च स्तरीय वार्ता को बढ़ावा देना।
  • स्थानीय समस्याओं का समाधान: सीमा पर रहने वाले लोगों की समस्याओं और उनकी चिंताओं को दूर करना।
  • समझौतों की समीक्षा: दोनों देशों द्वारा पूर्व में किए गए समझौतों की समीक्षा और पुनः सहमति।

भारत और बांग्लादेश के बीच सीमा विवाद दोनों देशों के संबंधों को प्रभावित कर रहा है। हालात को नियंत्रण में रखने और तनाव को समाप्त करने के लिए दोनों देशों को मिलकर काम करना होगा। इस विवाद को हल करने के लिए आपसी संवाद और सहयोग सबसे प्रभावी माध्यम हो सकता है।

भारत और बांग्लादेश की सरकारों और सुरक्षा बलों को इस विवाद को जल्द सुलझाने की दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे ताकि दोनों देशों के संबंध पहले की तरह सौहार्दपूर्ण बने रहें।

Back to top button