सत्यखबर सफीदों, (महाबीर) – पर्यावरण की बिगड़ी स्थिति के विवादों मे चर्चित रही धान की पराली को खेतों से उठाकर अनेक लोगों ने इसका हजारों टन का भण्डार जुटाया है। सफीदों-जींद स्टेट हाईवे के साथ जगह जगह भण्डारित इस पराली मे इसके व्यापारियों को जोखिम भी है इसलिए वे दिन रात इसका पहरा दे रहे हैं ताकि कोई आगजनी की घटना ना हो जाए।
ऐसे व्यापारियों ने बताया कि भण्डार मे दो सौ रूपए प्रति क्विंटल के भाव पराली की खरीद की जा रही है और खेतों से उठाने वाले लोग इसे कुछ सस्ते मे खरीद रहे हैं। उन्होने बताया कि यह गैरपीआर किश्म की धान की पराली है जो एक एकड़ बीस से पच्चीस क्विंटल पराली हो जाती है।
इन व्यापारियों का कहना था कि हरियाणा व राजस्थान के शुष्क ईलाकों मे लोग पशु चारे के रूप मे प्रयोग करने को इसे ले जाते हैं और कुछ लोग इस पराली को काटकर बेच रहे हैं जिसका भाव कुछ ज्यादा है। उनका कहना था कि सरकार इस व्यवसाय को बढावा दे तो प्रदेश भर मे पराली को जलाए जाने की समस्या को जड़मूल से मिटाया जा सकता है।
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