Haryana Expressway: हरियाणा वासियों की बल्ले-बल्ले, बनकर तैयार हुआ ये नया एक्सप्रेसवे
देशभर में एक तरफ रोड कनेक्टिविटी का काम जोरो-शोरों पर है, वहीं दूसरी तरफ दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे को लेकर राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का सपना अभी दो साल और पूरा नहीं होगा।
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देशभर में एक तरफ रोड कनेक्टिविटी का काम जोरो-शोरों पर है, वहीं दूसरी तरफ दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे को लेकर राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का सपना अभी दो साल और पूरा नहीं होगा। जी हां…राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी सपना है दिल्ली से मुंबई का सफर केवल 12 घंटे में तय करने का। लेकिन यह सपना अभी पूरा होने में दो साल और लग सकते हैं।
इसके पीछे का कारण यह है कि कई जगहों पर काम बहुत धीमी रफ़्तार से चल रहा है। जानकारी के अनुसार गुजरात के 87 किलोमीटर के तीन हिस्सों में काम बहुत धीमा है।
खबरों के अनुसार इस एक्सप्रेसवे में 35 किलोमीटर के एक हिस्से में अभी काम शुरू भी नहीं हुआ है। बाकी दो हिस्सों में भी काम बहुत धीरे चल रहा है, एक में सिर्फ 7% और दूसरे में 35% काम हुआ है। इसी वजह इस प्रोजेक्ट को पूरा होने में भी कम से कम दो साल और लग सकते है।
कई हिस्सों में बाटकर बनाया जा रहा एक्सप्रेसवे
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे की लम्बाई लगभग 1,382 किलोमीटर है। इस एक्सप्रेसवे को छोटे-छोटे हिस्सों में बांटकर बनाया जा रहा था। इन हिस्सों के लिए अलग-अलग ठेके दिए गए थे। शुरू में बताया गया था कि यह प्रोजेक्ट का मार्च 2024 तक पूरा हो जाएगा। लेकिन बाद में इसे बढ़ा कर अक्टूबर 2025 कर दिया गया। लेकिन यह इस बार भी पूरा नहीं होगा।
यह एक्सप्रेसवे दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र से होकर गुजरेगा। पूरा होने पर दिल्ली से मुंबई का सफ़र सिर्फ 12 घंटे में तय हो जाएगा। दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले, सड़क परिवहन राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने कहा था कि परियोजना का काम 2026 तक पूरा होगा। उन्होंने जमीन अधिग्रहण और तकनीकी समस्याओं को देरी का कारण बताया था।
हरियाणा में काम पूरा
अधिकारियों का कहना है कि हरियाणा में काम पूरा हो गया है। राजस्थान वाले हिस्से मार्च-अप्रैल 2026 तक पूरे हो जाएँगे। एक अधिकारी ने कहा, “इससे अगले साल मार्च तक दिल्ली से वडोदरा तक बिना रुके सफ़र किया जा सकेगा। गुजरात में देरी से चल रहे काम को तेज़ करने के लिए सभी लोग मिलकर काम कर रहे हैं।”
उनके मुताबिक महाराष्ट्र के ज़्यादातर हिस्से साल के अंत तक पूरे हो जाने चाहिए। सिर्फ़ 21 किलोमीटर लंबा जवाहरलाल नेहरू पोर्ट लिंक वाला हिस्सा बचा रहेगा। पहले इसे MSRDC को बनाना था, लेकिन अब हाईवे मंत्रालय ने NHAI को यह काम सौंप दिया है।