हरियाणा में गैर मान्यता प्राप्त अकादमियों पर सरकार कसेगी नकेल, अगले 10 दिन के अंदर की जाएगी कार्रवाई
हरियाणा में हजारों की तादाद में गैर मान्यता प्राप्त अकादमियों पर सरकार नकेल कसने जा रही है। इन अकादमियों को अगले 10 दिन में बंद किया जाएगा। इसे लेकर शिक्षा विभाग ने निदेशक एससीईआरटी सहित सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र भी जारी किया है।

हरियाणा में हजारों की तादाद में गैर मान्यता प्राप्त अकादमियों पर सरकार नकेल कसने जा रही है। इन अकादमियों को अगले 10 दिन में बंद किया जाएगा। इसे लेकर शिक्षा विभाग ने निदेशक एससीईआरटी सहित सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र भी जारी किया है।
सरकार ने न केवल इन अकादमियों को तुरंत प्रभाव से बंद करने के आदेश जारी किए हैं, बल्कि सरकारी आदेशों को नजरअंदाज करने पर अकादमी संचालक और भवन मालिक पर भी कानूनी कार्रवाई की बात कही है।
पहले भी जारी हो चुके हैं आदेश
शिक्षा विभाग ने जारी पत्र में यह भी कहा है कि अगर इसके बाद कोई इस तरह का मामला पाया जाता है, तो जिस भवन में अकादमी चल रही है, उसे जब्त कर लिया जाएगा।
यही नहीं अकादमी संचालक और भवन मालिक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। हालांकि यह आदेश सरकार पहले भी 12 नवंबर 2024 को जारी कर चुकी है। मगर अभी तक आदेशों की पालना न होने पर सरकार ने पुन: आदेश जारी किए हैं।
विभागीय आदेशों को किया गया है नजरअंदाज
शिक्षा विभाग ने यह पत्र निदेशक एससीईआरटी, सभी जिला शिक्षा अधिकारी, सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, सभी खंड शिक्षा अधिकारी और सभी खंड मौलिक शिक्षा अधिकारी को जारी किया है।
जिसके मुताबिक राज्य में कई सारी गैर मान्यता प्राप्त अकादमियां चल रही हैं। जिन्हें बंद करवाने के लिए सरकार द्वारा बार-बार दिशा-निर्देश दिए गए हैं। परंतु इन पर अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है।
इसलिए सभी जिला अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने जिले के अधीन आने वाली सभी गैर मान्यता प्राप्स अकादमियों को अगले 10 दिन के भीतर बंद करवाना सुनिश्चित करें।
अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करे विभाग
फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन हरियाणा के अध्यक्ष डॉ. कुलभूषण शर्मा का कहना है कि पहले भी कई बार शिक्षा विभाग इस तरह के आदेश जारी कर चुका है। मगर निचले स्तर पर इन आदेशों की अधिकारियों द्वारा अनदेखी की जाती है। जिसके चलते प्रदेश में गैर मान्यता प्राप्त अकादमियों की संख्या बढ़ती जा रही है।
शिक्षा विभाग को चाहिए कि वह सबसे पहले उन जिलास्तर पर अधिकारियों की जिम्मेदारी सुनिश्चित करें, जिन्हें विभाग ने इन अकादमियों को बंद करने की जिम्मेदारी सौंपी है। क्योंकि हर बार निचले स्तर पर अधिकारियों की लापरवाही के कारण विभाग को मजाक का पात्र बनना पड़ता है।