सत्यखबर, झज्जर (कुमार सन्नी) – नागालेंड की राजपुताना राईफल में तैनात झज्जर के भिंडावास जिले के जवान अतुल कुमार का नम आंखो के साथ अंतिम संस्कार किया गया। शहीद अतुल का शव आज सुबह करीब चार बजे उनके पैतृक गांव में पहुंचा, जहां शहीद अतुल के शव को नम आंखो के साथ उनके वारिसों व ग्रामीणो ने मुखाग्नि दी। हैरानी की बात ये थी कि शहीद के अंतिम संस्कार में ना कोई प्रशासनिक अधिकारी दिखाई दिया और ना ही कोई नेता।
आपको बतो दे कि अतुल की शादी की घर में तैयारियां चल रही थी, इसी बीच सैन्य अधिकारियों का परिवार वालों को फोन आया कि अतुल को गोली लग गई है और अब वह इस दुनिया में नहीं रहा है। अतुल झज्जर जिले के गांव भिंडावास का निवासी था। अपने मां-बाप का इकलौता पुत्र अतुल सेना में सिपाही था और इन दिनों नागालैंड की राजपुताना राईफल में डयूटी कर रहा था। सूचना मिलने पर घर में मातम छा गया। जिसका आज अंतिम संस्कार किया गया।
शहीद अतुल के पिता गजराज भी सेना में कार्यरत है और वह इन दिनों बागडोला आसाम में डयूटी कर रहे है। घर में एक बहन है जिसका भाई की मौत की सूचना पाने के बाद रो-रोकर बुरा हाल है। अतुल के पिता ने बताया अतुल कुछ ही दिन पहले छुटटी काटकर गया था। अगले ही दिन सूचना मिली की अतुल शहीद हे गया। गोली लगने से उसकी मौत हो गई है। जिसके बाद घर में मातम छा गया। आज अतुल का शव गांव में लाया गया है। जिसका अंतिम संस्कार किया गया।
नायाब सुबेदार प्रेमाराम ने बताया कि अतुल कुमार को डयूटी पर गए पचास मिनट ही हुए थे कि तभी एक बडा ब्लास्ट हुआ, जिसमें अुतल की मौत की खबर आई। जिसकी जांच अभी चल रही है।
बीस वर्षीय अतुल बीती चार सितम्बर को ही अपने गांव से छुट्टियां काट कर डयूटी पर गया था। सात सितम्बर को उसने डयूटी भी ज्वाईन कर ली थी। लेकिन एक अनहोनी घटना ने अतुल को हमेशा-हमेशा के लिए छीन लिया। घर में अतुल अपने पिछे 80 साल के दादा चतर सिंह व 78 साल की दादी मेवा देवी है। जो अपने पोते के ब्याह देखने के लिए सपने संजो रखे है। लेकिन जैसे ही उन्हें अतुल की मौत के बारे में पता चला तो उनके सपनो पर पानी फिर गया।
Aluminum recycling handling Aluminium turning scrap recycling Scrap metal reclamation and reprocessing facility
Scrap aluminium procurement Scrap aluminium distribution Metal recycling company