डीजी हेल्थ ने दिए आवश्यक कार्यवाही का आदेश
हाई वोल्टेज करंट से हाथ पैर गवां चुका मासूम रमन
सत्यखबर चंडीगढ़
11 साल के मासूम रमन को अब नए हाथ-पैर मिल जाएंगे। पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट से गुहार लगाने के बाद हरियाणा सरकार की नींद टूटी है। अब डायरेक्टर जनरल हेल्थ सर्विसेज हरियाणा ने पानीपत के सिविल सर्जन को रमन के कृत्रिम हाथों और पैरों को लगाने से एक वर्ष पहले इसकी पूरी व्यवस्था करने के आदेश जारी किए हैं।
हाईकोर्ट में उन्हें 20 से 26 जुलाई के बीच रमन को उसके गांव से एंबुलेंस में लाकर आवश्यक माप लेने के आदेश जारी कर दिए हैं। पानीपत निवासी 11 साल के बच्चे रमन ने आरोप लगाया है कि सरकार कोर्ट के आदेश होने के बाद भी उसके लिए कृत्रिम अंग नही खरीद रही। उसे अगले साल अंग लगने हैं, लेकिन अभी तक उनको खरीदने की योजना तक नहीं बनाई गई। हाईकोर्ट ने साल 2013 में रमन के हाई वोल्टेज तारों का शिकार होने पर हरियाणा सरकार को उसे मुआवजा देने का आदेश दिया था। इतना ही नही हाईकोर्ट ने बच्चे को चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाने व कृत्रिम अंग उपलब्ध करवाने के आदेश भी दिए थे।
हाईकोर्ट का आदेश-मनोरोगियों को तुरंत मनोचिकित्सक उपलब्ध कराएं पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ
ये है मामला
पानीपत निवासी रमन जब दो साल का था,तब 3 नवम्बर 2011 को वह उस के घर के उपर से गुजर रही 11 केवी की हाई पावर ट्रांसमिशन वायर के चपेट में आ गया था। करंट लगने के कारण उसे दोनों पांव और एक हाथ खोना पड़ा। इसके अलावा उसके शरीर के अधिकतर अंगों ने भी काम करना बंद कर दिया था। मामले में फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट ने कहा था कि जो बच्चा पहले स्वस्थ था, आज वह बिजली निगम की लापरवाही के कारण अपंग हो गया है। इसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की बनती है।
हाईकोर्ट ने याचिका पर कड़ा रुख अपनाते हुए हरियाणा सरकार से जवाब मांगा था। डायरेक्टर जनरल हेल्थ सर्विसेज ने हाईकोर्ट में हलफनामा देकर बताया कि उन्होंने सिविल सर्जन को कृत्रिम अंगों के लिए आवश्यक दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। हाईकोर्ट ने अब इस मामले में कृत्रिम अंगों का माप लेने के लिए जुलाई तक वक्त देते हुए अगली सुनवाई पर इस बारे में रिपोर्ट सौंपने के आदेश जारी किए हैं।
Aluminium recycling software Aluminium scrap end-of-life solutions Metal scrap weighing