सफीदों, (महाबीर मित्तल)
नगर के आर्य समाज मंदिर में रविवार को मासिक वैदिक सत्म्संग का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में कन्या गुरुकुल पिल्लूखेड़ा के संचालक स्वामी धर्मदेव महाराज का सानिध्य प्राप्त हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता आर्य समाज सफीदों के अध्यक्ष यादविंद्र बराड़ ने की। मंच का संचालन समाज के महामंत्री संजीव आर्य ने किया। सहारनपुर (उत्तर प्रदेश) से आईं भजनोपदेशिका बहन संगीता आर्या ने भजनों के माध्यम से आर्य समाज की अलख जगाई। सत्संग में पूर्व प्रात: विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ विशाल यज्ञ का आयोजन किया गया। जिसमें श्रद्धालुओंं ने अपनी आहुति डालकर सुख-शांति की कामना की। अपने संबोधन में स्वामी धर्मदेव महाराज ने कहा कि इंसान का जीवन वेदानुकूल होना चाहिए। वेद के अनुसार आचरण करके मनुष्य परोपकारी बन जाता है।
परोपकार के द्वारा मनुष्य अपने जीवन को सार्थक कर सकता है। उन्होंने कहा कि मनुष्य को जीवन की हर स्थिति में खुश रहने का प्रयास करना चाहिए। जीवन में कभी भी स्थितियां एक जैसी नहीं रहती। अपने संबोधन में भजनोपदेशिका बहन संगीता आर्या ने कहा कि आज संसार में भौतिक उन्नति की ओर भाग रहा है, लेकिन इस दौड़ में मानव के नैतिक मूल्यों का पतन होता जा रहा है। मानव नास्तिकता की ओर बढ़ता जा रहा है जिससे समाज में भ्रष्टाचार और पाखंड आदि बुराइयां बढ़ती जा रही हैं। समाज में सुख शांति का वातावरण बनाने के लिए आज वेद ज्ञान के प्रचार की आवश्यकता है। सत्संग के उपरांत विशाल ऋषि लंगर का आयोजन किया गया, जिसमें सैंकड़ों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया।
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