सत्यखबर
मोदी सरकार ने पिछले 7 सालों में UPA के 10 सालों के शासन के मुकाबले ज्यादा अध्यादेशों को लागू किया है. अध्यादेश किसी भी कानून की तुरंत जरूरत के मुताबिक उसे लागू करने का एक अस्थायी तरीका है. पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च और लोकसभा सचिवालय के पास मौजूद डाटा के मुताबिक मई 2004 से मई 2014 के बीच 61 अध्यादेशों को लागू किया गया था. ये दौर कांग्रेस गठबंधन सरकार के पूरे दो कार्यकाल का था.
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वहीं 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से अब तक 76 अध्यादेशों को मंजूरी दी गई. मोदी सरकार इस वक्त अपने दूसरे कार्यकाल में है और करीब 7 साल से सत्ता में है. किसी भी अध्यादेश को लाने के लिए पहले उसे केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी दी जाती है. उसके बाद राष्ट्रपति की सहमति के बाद वो अस्थाई कानून का रूप ले लेता है. संसद सत्र न चलने की स्थिति में त्वरित कानून लाने के लिए अध्यादेश लाया जा सकता है. अध्यादेश को संसद के पारित किए गए कानून से रिप्लेस किया जाना होता है. अध्यादेश सभी सरकारों द्वारा इस्तेमाल में लाया जाना वाला एक कानूनी तरीका है. हालांकि मोदी सरकार के लाए गए कुछ अध्यादेशों पर हंगामा जरूर मचा.
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