सत्य खबर, अहमदनगर
जहां देश में कोरोना की दूसरी लहर से हाहाकार मचा हुआ है। हर दिन 3 लाख से ज्यादा कोरोना मरीजों का आंकड़ा सामने आ रहा है तथा इस महामारी से निपटने के लिए सभी प्रकार के प्रयास किए जा रहे हैं। कोरोना वायरस को खत्म करने की कोई अचूक दवा अभी तक नहीं बन पाई है। जिसके चलते कोरोना वैक्सीन के जरिए लोगों को इस बीमारी से दूर रखने का प्रयास किया जा रहा है तथा रेमडेसिविर इंजेक्शन का इस्तेमाल किया जा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ कोरोना मरीजों को शराब पिलाकर ठीक करने का अजीबो गरीब दावा महाराष्ट्र के डॉक्टर अरुण भिसे नेे किया है। हालांकि सत्य खबर ऐसे किसी दावे का समर्थन नहीं करता है। बल्कि सभी से सावधानी रखने की अपील करता है।
डॉक्टर अरुण भिसे के मुताबिक कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद सबसे पहले नजदीकी डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। बाद में कोरोना की तीव्रता को देखते हुए टास्क फ ोर्स द्वारा बताई गई दवाइयों को लिया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि जिस दिन आपके मुंह का स्वाद चला जाए और भूख कम लगने लगे। उस दिन से जिन चीजों में 40 प्रतिशत से ज्यादा अल्कोहल है। ऐसी कोई भी शराब फि र चाहे वह देशी शराब हो, वोडका हो, ब्रांडी हो या व्हिस्की हो, उसे लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि 30 मिलीलीटर शराब और 30 मिलीलीटर पानी मिलाकर मरीज को दिया जाना चाहिए। कोरोना मरीजों को शराब देने के पीछे डा. अरुण भिसे ने कुछ कारण भी बताए हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस की ऊपरी परत लिपिड की है जो अल्कोहल के संपर्क में आने से नष्ट हो जाती है। इसी वजह से सैनिटाइजर से हाथ धोने की सलाह दी जाती है। शराब पीने के बाद वो खून की नालियों के जरिये 30 सेकंड में पूरे शरीर में पहुंचती है। फेफ ड़ों के बाद शराब हवा के संपर्क में आती है और वायुमार्ग से बाहर निकल जाती है। इस प्रक्रिया के दौरान शरीर में मौजूद कोरोना वायरस निष्क्रिय हो जाता है। कोरोना कॉल में मरीजों को काफी मानसिक तनाव होता है। इस तनाव को कम करने का काम यह शराब करती है।
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डा. भिसे ने दावा किया कि उन्होंने अब तक 40 से 50 मरीजों को शराब पीने की सलाह दी है। दवाइयों के साथ सीमित मात्रा में शराब के सेवन की भी बात वह मरीजों को बताते हैं। डा.भिसे का दावा है कि उनकी इस तकनीक से 40 से 50 मरीज अब तक ठीक हो चुके हैं। जिसमें से 10 मरीज गंभीर रूप से बीमार थे। वहीं उन्होंने यह भी दावा किया कि उनके इस उपचार से अभी तक एक भी मरीज की मौत नहीं हुई है। हालांकि डा.भिसे के इस दावे के बाद चिकिस्तक वर्ग में बहस छिड़ गई है। कुछ डाक्टर इस काफी गलत दावा करार दे रहे हैं। उनका कहना है कि इस प्रकार के दावे व ब्यान खतरनाक हो सकते हैं।
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