सत्य खबर,सीधी.A man forcibly entered the house of a tribal woman, broke her bangles, tore her saree
मध्य प्रदेश के सीधी जिले में आदिवासियों पर अत्याचार के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. सीधी जिले के एक गांव में एक बार फिर आदिवासी महिला पर अत्याचार हुआ। महिला के शोर मचाने पर वहां मौजूद अन्य महिलाओं ने न सिर्फ आरोपी युवक को पकड़ लिया, बल्कि गांव से थाने तक उसका जुलूस भी निकाला. इसके बाद महिलाओं ने उसे पुलिस के हवाले कर दिया. हालांकि आरोपी को पुलिस के हवाले करने के बावजूद पीड़ित परिवार ने पुलिस पर निष्पक्ष कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया है. पीड़ित परिवार ने इस मामले में सीधे पुलिस अधीक्षक और कलेक्टर से शिकायत कर न्याय की गुहार लगाई है. कलेक्टर के निर्देश पर वन स्टॉप सेंटर की टीम ने मामले की काउंसलिंग शुरू कर दी है.
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बता दें, यह मामला सीधी जिले से 30 किलोमीटर दूर स्थित बहरी थाना क्षेत्र के जेठुला गांव का है. यहां एक आदिवासी महिला के साथ गांव के ही एक युवक ने दुष्कर्म किया. उसने घर में घुसकर महिला से मारपीट की, उसकी चूड़ियां तोड़ दीं और साड़ी भी फाड़ दी। अचानक हुए इस हमले से पीड़िता घबरा गई. वह जोर-जोर से रोने लगी. उसकी आवाज सुनकर परिवार के लोग पड़ोसियों के साथ मौके पर पहुंच गए। उन्होंने आरोपी युवक को पकड़ लिया. इसके बाद अन्य आदिवासी महिलाओं ने मिलकर आरोपी दिनेश कुशवाह का थाने तक जुलूस निकाला.
महिलाओं ने जुलूस निकालकर आरोपी को पुलिस के हवाले कर दिया। गांव के लोगों का आरोप है कि जब आरोपी को पुलिस के हवाले किया गया तो पुलिस ने उसके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की. इसलिए हमें आदिवासी महिला की शिकायत सीधी जिले के पुलिस अधीक्षक से करनी पड़ी. ग्रामीणों ने पत्र लिखकर एसपी से न्याय की गुहार लगाई है। लेकिन जब एसपी से उसकी मुलाकात नहीं हुई तो वह सीधे कलेक्टर साकेत मालवीय के पास शिकायत करने पहुंच गया।
स्थिति की गंभीरता को समझते हुए कलेक्टर ने मामले को वन स्टॉप सेंटर को सौंप दिया है। कलेक्टर के मुताबिक पूरा मामला आदिवासियों को धमकाने से जुड़ा है. इसलिए इसे काउंसलिंग के लिए वन स्टॉप सेंटर को सौंप दिया गया है। आगे जरूरत पड़ी तो कानूनी कार्रवाई के लिए यह मामला पुलिस को सौंपा जाएगा।