सत्य खबर, नई दिल्ली। केंद्र सरकार की ‘अग्निपथ’ योजना का देश का कई राज्यों विरोध-प्रदर्शन हो रहा है. विरोध-प्रदर्शन के बीच सेना ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि ‘अग्निपथ’ योजना युवाओं के लिए फायदेमंद है. DMA के एडिशनल सेंक्रेटरी लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने बताया कि 1989 से ही सुधार की मांग उठ रही थी. बीते दो साल से अग्निपथ योजना को लेकर चर्चा चल रही थी. हम चाहते हैं कि जोश-होश का तालमेल बना रहे. उन्होंने कहा कि आम जवानों की तरह ही अग्निवीरों को भी भत्ता दिया जाएगा. ‘लेफ्टिनेंट जनरल पुरी ने कहा कि ‘अग्निवीर’ को सियाचिन और अन्य क्षेत्रों जैसे क्षेत्रों में वही भत्ता और सुविधाएं मिलेंगी जो वर्तमान में नियमित सैनिकों पर लागू होती है. सेवा शर्तों में उनके साथ कोई भेदभाव नहीं होगा.
उन्होंने कहा कि ‘अग्निवीर’ भी हमारे जैसे कपड़े पहनेंगे, लंगर में साथ खाना खाएंगे. उन्होंने बताया कि देश की सेवा में बलिदान देने वाले ‘अग्निवीरों’ को एक करोड़ रुपये का मुआवजा मिलेगा. प्रेस कॉन्फ्रेंस में लेफ्टिनेंट पुरी ने कहा कि आज के जो युवा हैं वो ज्यादा टेक सेवी हैं. अब ज्यादातर युद्ध ड्रोन से लड़े जाते हैं. दो साल से अग्निपथ योजना पर चर्चा चल रही थी. वहीं, एयर मार्शल एसके झा ने कहा कि दिसंबर के अंत तक अग्नवीर के पहले बैच को वायुसेना में शामिल कर लिया जाएगा और 30 दिसंबर से पहले बैच की ट्रेनिंग शुरू हो जाएगी. उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना में 24 जून से ‘अग्निवीरों’ के पहले बैच को लेने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. यह एक ऑनलाइन सिस्टम है. उसी के तहत उसपर रजिस्ट्रेशन शुरू होगा. एक महीने बाद 24 जुलाई से फैज-1 ऑनलाइन परीक्षाएं शुरू हो जाएंगी. वहीं, नौसेना के वाइस एडमिरल डीके त्रिपाठी ने कहा कि हमने अपनी भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है. 25 जून तक हमारा एडवरटाइजमेंट सूचना और प्रसारण मंत्रालय में पहुंच जाएगा. एक महीने के अंदर भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. 21 नवंबर को हमारे पहले ‘अग्निवीर’ हमारे ट्रेनिंग संस्थान में रिपोर्ट करेंगे. वाइस एडमिरल डीके त्रिपाठी ने कहा कि नौसेना में हम महिला ‘अग्निवीर’ भी ले रहे हैं. उसके लिए हमारी ट्रेनिंग में जो संशोधन करना है उसके लिए काम शुरू हो चुका है. हमें 21 नवंबर का इंतजार है, मुझे आशा है कि महिला और पुरुष ‘अग्निवीर’ आईएनएस चिल्का पर रिपोर्ट करेंगे.
तीनों सेना प्रमुख संग राजनाथ सिंह की बैठक
इससे पहले ‘अग्निपथ’ योजना को लेकर गृह मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) की अध्यक्षता में तीनों सेना के प्रमुखों की लगातार दूसरे दिन बैठक हुई. बैठक को लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया, लेकिन बताया जा रहा है कि बैठक में प्रदर्शनकारियों को शांत करने के तरीकों पर चर्चा की गई.
सिंह ने आवश्यक योग्यता मानदंडों को पूरा करने वाले ‘अग्निवीरों’ के लिए रक्षा मंत्रालय की नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण के प्रस्ताव को शनिवार को मंजूरी दी थी. गृह मंत्रालय ने भी नयी भर्ती योजना के तहत चार साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद ‘अग्निवीरों’ के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और असम राइफल्स में 10 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा की है. भारतीय वायुसेना ने नयी योजना के संबंध में रविवार को विस्तार से जानकारी दी. भारतीय नौसेना और थलसेना भी जल्द ही ऐसा कर सकती हैं.
सरकार ने प्रदर्शनकारियों को शांत करने के प्रयास के तहत गुरुवार रात ‘अग्निपथ’ योजना के तहत भर्ती के लिए ऊपरी आयु सीमा को वर्ष 2022 के लिए 21 से बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया था. इसने मंगलवार को इस योजना की शुरुआत करते हुए कहा था कि साढ़े सत्रह साल से 21 साल तक की आयु के युवाओं को चार साल के कार्यकाल के लिए शामिल किया जाएगा, जबकि उनमें से 25 प्रतिशत को बाद में नियमित सेवा में शामिल किया जाएगा. नयी योजना के तहत भर्ती होने वाले युवाओं को ‘अग्निवीर’ कहा जाएगा.
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