blood clotting in body be alert for these
सत्य खबर, शरीर में खून का दौड़ना बेहद जरूरी होता है. लेकिन इसको लेकर तमाम सावधानियों भी देखनी पड़ती है. शरीर में खून का थक्का बनना काफी फायदेमंद साबित होता है. ब्लड क्लॉट यानी खून का थक्का होने पर खून तरल पदार्थ से एक जेल में बदलने लगता है जिसका स्वरूप एक थक्के जैसा होता है. इसे थ्रोम्बोसिस भी कहते हैं. चोट या कहीं कट लग जाने की स्थिति में ब्लड क्लॉटिंग जरूरी होती है क्योंकि ये शरीर से ज्यादा खून निकलने से रोकता है, लेकिन जब ये क्लॉटिंग शरीर के अंदर नसों में होने लगती है तो खतरनाक बन जाती है. नसों की ब्लड क्लॉटिंग खतरनाक होती है. इसकी वजह से हार्ट अटैक और हार्ट स्ट्रोक हो सकता है. इस लिए ऐसी परिस्थिती में विषेश ध्यान देना चाहिए.
कहां-कहां हो सकती है ब्लड क्लॉटिंग
ब्लड क्लॉट कई तरह के होते हैं. ज्यादातर पैर के निचले हिस्से में ब्लड क्लॉटिंग देखने को मिलती है, लेकिन हाथ, हृदय, पेल्विस, फेफड़े, ब्रेन, पेट और शरीर के अन्य हिस्सों में भी हो सकती है. इसके अलावा नसों और धमनियों में भी ब्लड क्लॉट हो सकता है.blood clotting in body be alert for these
कोविड-19 के दुष्प्रभाव से ज्यादा बढ़ा ये खतरा
कोविड-19 के दुष्प्रभावों में से एक रक्त के थक्के जमना है, जिससे धमनियों में थक्का बनने का खतरा भी बढ़ जाता है, जिसके चलते दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है. कोविड-19 के बाद के प्रभावों पर किए गए एक अध्ययन के अनुसार, जो लोग वायरस से संक्रमित हुए, उनमें करीब एक साल बाद खून के थक्के बनने का खतरा काफी ज्यादा पाया गया. इसके बाद की गई अन्य स्टडीज में भी इस बात की पुष्टि की गई कि कोरोना वायरस के कारण खून के थक्के बनने का खतरा काफी ज्यादा होता है जिसके कारण हृदय संबंधित बीमारियों का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है.
खून के ऐसे थक्कों का जमना हो सकता है जानलेवा
नसों और धमनियों के जरिए शरीर में रक्त का संचार होता है. धमनियों में बनने वाले रक्त के थक्के को आर्टेरियल क्लॉट कहते हैं. आर्टेरियल क्लॉट की वजह से दर्द और लकवा हो सकता है. इसकी वजह से दिल का दौरा या स्ट्रोक भी हो सकता है.नसों में होने वाले ब्लड क्लॉट को वेनस क्लॉट कहा जाता है. इस तरह की क्लॉटिंग धीरे-धीरे बढ़ती है जो जानलेवा भी हो सकती है. मस्तिष्क में खून का थक्का बनने से खून का प्रवाह रुक जाता है जिसकी वजह से ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है.
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शरीर में खून का थक्का बनने पर कई तरह के लक्षण दिखने लगते हैं. ऐसे में जरूरी है कि आप अपने शरीर में दिखने वाले इन लक्षणों को नजरअंदाज करने की गलती ना करें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. आइए जानते हैं शरीर में दिखने वाले ब्लड क्लॉट के लक्षण-
ब्लड क्लॉटिंग के लक्षण
स्किन का कलर बदलना – अगर कोई थक्का आपके हाथ या पैर की नसों को बंद कर देता है, तो वह नीले या लाल रंग के दिख सकते हैं. नसें डैमेज होने के कारण आपकी स्किन फीकी पड़ सकती है.
सूजन- जब कभी भी खून का थक्का आपके शरीर में ब्लड के फ्लो को रोकता या कम करता है तो यह कोशिकाओं में जमने लगता है जिससे इनमें सूजन आने लगती है. आपके हाथ या पेट में भी खून का थक्का बन सकता है. इसके ठीक होने के बाद, तीन में से एक व्यक्ति में सूजन बनी रहती है और कभी -कभी रक्त वाहिकाओं के डैमेज होने के कारण दर्द और घाव भी हो सकता है.
छाती में तेज दर्द- अगर आपको अचानक से छाती में तेज दर्द होता है तो इसका मतलब है कि आपके शरीर के अंदर बनने वाला खून का थक्का टूट चुका है. या यह इस बात का भी संकेत हो सकता है कि आपकी धामनियों में मौजूद खून के थक्के के कारण आपको हार्ट अटैक आ सकता है. ऐसा होने पर, आपको भी अपनी बाहों में दर्द महसूस हो सकता है, खासकर बाईं ओर.
सांस लेने में दिक्कत- अगर आपको सांस लेने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है तो यह फेफड़ों और हृदय में क्लॉटिंग का संकेत हो सकता है. इसके चलते आपके हार्टबीट काज्यादा बढ़ सकता है और आप बेहोश भी हो सकते हैं. इसे काफी गंभीर लक्षण माना जाता है.
लगातार खांसी आना- लगातार आने वाली खांसी भी शरीर में खून का थक्का बनने का एक लक्षण है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अगर सीने में दर्द के साथ ही आपको सूखी खांसी या कभी-कभी बलगम या खून आने की समस्या का सामना करना पड़ता है तो जरूरी है कि आप जल्द से जल्द डॉक्टर को दिखाएं.
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