सत्य खबर,चंडीगढ़।
Case of investigating officers of Haryana Police again in discussion
हरियाणा पुलिस के 372 जांच अधिकारियों (IO) के सस्पेंशन मामले की फाइल गृहमंत्री अनिल विज के ऑफिस पहुंच गई है। होम डिपार्टमेंट के अफसरों ने फाइल की समीक्षा शुरू कर दी है। रिपोर्ट में जिला वार संबंधित आईओ द्वारा केस को पेंडिंग रखने के कारणों की जानकारी दी गई है।
अभी तक की समीक्षा में केसों के पेंडिंग होने का कारण ज्यादातर मामलों में कोर्ट केस होना बताया गया है, लेकिन कुछ केस ऐसे भी मिले हैं, जिनमें डिस्ट्रिक्ट पुलिस से स्टेट क्राइम व दूसरे जिलों में ट्रांसफर होने से केसों के निपटान में देरी होने का कारण दिया गया है।
कुछ IO के मामले में देरी की वजह स्पष्ट नहीं की गई है। ऐसे में माना जा रहा है इस तरह के कई आईओ पर गाज गिर सकती है। एक वर्ष से मुकदमों को लंबित रखने के मामले में विज के आदेशों पर अब तक 372 में से 99 आईओ को सस्पेंड किया जा चुका है।
13 जिलों में IO के काम में मिली लापरवाही
गृहमंत्री के निर्देशों के तहत 13 जिलों के 372 आईओ में से 99 ही निलंबित किए गए हैं। इनमें पंचकूला जिले में 10 में से 9, पानीपत में 3 में से 2, गुरुग्राम में 60 में से 14, फरीदाबाद में 32 में से 13, अंबाला में 30 में से 8, यमुनानगर में 57 में 6, करनाल में 31 में से 6, हिसार में 14 में से 3, सिरसा में 66 में से 27, जींद में 24 में से 7, रेवाड़ी में 5 में से 1, रोहतक में 31 में से 2 और सोनीपत में 9 में से 1 आईओ के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है।
इन आईओ में डीएसपी स्तर के 9 अधिकारी भी शामिल हैं। जिनका मामला पेंडिंग हैं।
विज ने बुलाई होम डिपार्टमेंट की रिव्यू मीटिंग
गृहमंत्री अनिल विज की अध्यक्षता में गृह विभाग की हाई लेवल बैठक रखी गई है। इसमें गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद और डीजीपी शत्रुजीत कपूर के अलावा पुलिस की सभी विंग के प्रमुख मौजूद होंगे। बैठक में प्रदेश में मौजूदा कानून-व्यवस्था के साथ-साथ एनफोर्समेंट विंग की कार्यप्रणाली और क्राइम ग्राफ के आंकड़ों पर खास चर्चा की जाएगी।
10 और आईओ हो सकते हैं सस्पेंड
गृहमंत्री अनिल विज ने कहा कि आईओ पर कार्रवाई के मामले की रिपोर्ट मेरे पास आ गई है। मेरे स्टाफ की ओर से रिपोर्ट की समीक्षा की जा रही है। रिपोर्ट में यदि किसी भी आईओ की ओर से मुकदमों के निपटान में हीलाहवाली की बात पाई जाती है तो उन पर कार्रवाई होना तय हैं। बताया जा रहा है कि निलंबन की कार्रवाई से बचे 273 आईओ में से 10 से अधिक के खिलाफ विज निलंबन का फैसला ले सकते हैं।
Case of investigating officers of Haryana Police again in discussion