सत्य खबर, गुरुग्राम, सतीश भारद्वाज :Corrupt officials of Gurugram Corporation again wreaked havoc in village Molaheda.
एक तरफ तो प्रदेश की भाजपा सरकार सबका साथ सबका विकास करने के दावे करती नहीं थक रही है वहीं दूसरी तरफ गुरुग्राम नगर निगम में बैठे भ्रष्ट और लापरवा अधिकारी ऊंची पहुंच वाले राजनेताओं के दबाव में आकर गरीबों पर जमकर कहर बरसा रही है। जिसका जीता जागता नजारा धार्मिक पर्व भैया दूज के शुभ अवसर पर निगम क्षेत्र के गांव मोलाहेडा में देखने में आया जहां निगम जॉन 2 की एनफोर्समेंट विंग के लापरवाह अधिकारियों ने एक बुजुर्ग की दादालाई सामलात परिवार द्वारा बनाई गई गली में बलपूर्वक जबरदस्ती पुलिस साथ लेकर जेसीबी से उनका दरवाजा तोड़ दिया। वहीं मकान रिपेयर के लिए डाली गई सामग्री को भी मिट्टी में मिला दिया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार निगम वार्ड 3 के अंतर्गत आने वाले गांव मोलाहेडा में बीते बुधवार को निगम इंफोर्समेंट विंग के एसडीओ संजोग शर्मा, एसडीओ हितेश दहिया, जेई राहुल शर्मा वगैरा तथा दर्जनभर अस्थाई कर्मचारी दिनेश वगैरा ने पुलिस साथ लेकर जेसीबी मशीन से जबरदस्ती गांव के पूर्व की तरफ नरेंद्र,विधासागर वगैरा की दादा लाई शामलात गली में अंदर घुसकर बिना अनुमति के जेसीबी से तोड़फोड़ की। वहीं मकान रिपेयर के लिए मंगाई गई सामग्री को भी इधर-उधर फेंक दिया। ग्रामीणों ने बताया कि अचानक नरेंद्र वगैरा के मकान के पास भारी भरकम पुलिस बल के साथ निगम अधिकारीयों ने पहुंचकर जमकर दबंगी दिखाई। जबकि निगम अधिकारियों को पीड़ित परिजनों ने सभी दस्तावेज दिखाएं और कहा कि यह उनकी दादालाई सामलात की जमीन है, इसमें निगम नगर का कोई लेना देना नहीं है, लेकिन निगम अधिकारियों ने उनकी एक नहीं सुनी और बलपूर्वक गली में घुसकर तोड़फोड़ की कार्रवाई की। जिसका विरोध भी परिजनों ने किया लेकिन निगम अधिकारियों के सर पर जू तक नहीं रेंगी। पीड़ित परिजनों ने सरकारी आदेश की प्रति भी मांगी। मगर वह भी उन्होंने उपलब्ध नहीं कराई केवल एक शिकायत पत्र लिखा हुआ दिखाया, जिसमें राजस्व विभाग की कोई जानकारी नहीं थी। पीड़ित परिवार ने बताया कि निगम अधिकारियों का यह सौतेला व्यवहार भ्रष्टाचार के कारण फैल रहा है। उनकी निजी जमीन में भी निगम अधिकारी दखल अंदाजी कर रहे हैं।
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वही एक निगम अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उनके पड़ोसी श्रीकांत वगैरा ने उनके खिलाफ शिकायत की थी।
बता दें कि गांव मोलाहेडा में निगम अधिकारियों की दबंगी का यह पहला ही मामला नहीं है, इससे पहले भी दक्षिण की तरफ फिरनी नंबर 49 पर भ्रष्ट अधिकारीयों ने रिश्वत न देने के चक्कर में कहर बरसा चुके हैं। जिसकी जांच अलग-अलग विभागों में इस समय चल रही है। वही गांव के पूर्व पंच नाहर सिंह, भीम सिंह,चरण, गंगाराम, कंवरपाल, ईश्वर वगैरा के खिलाफ सरेआम रास्ते में अवैध कब्जा तथा बिना अनुमति के नक्शा पास कराए मकान की दर्जनों शिकायत है इंफोर्समेंट विंग के कार्यालय में कई सालों से धूल चाट रही है। वही सीएम विंडो पर भी नाहरसिंह की शिकायत दर्ज कराई हुई है। जिनपर इंफोर्समेंट विंग के भ्रष्ट और लापरवाह अधिकारी मोटा सुविधा शुल्क लेकर मौन बने हुए हैं। जिनकी जानकारी आरटीआई से मांगने पर भी नहीं मिल रही है। वही जागरूक नागरिकों को फर्जी केस में फसाने की धमकियां भी भ्रष्टाचार के आरोपी अधिकारी दे रहे हैं। वही ग्रामीणों ने दबी जबान में बताया कि इसमें सीएम के ओएसडी तथा राजस्थान के एक एमपी की भूमिका लग रही है। वही एसडीओ संजोग शर्मा और एसडीओ हितेश दहिया पर गांव सिकंदरपुर, चकरपुर में भी गलत तोड़फोड़ करने के मामले में पहले भी भ्रष्टाचार के आरोप लगा चुके हैं।
जब इस मामले के बारे में निगम के ज्वाइंट कमिश्नर संजीव सिंगला से फोन पर संपर्क किया गया तो संपर्क नहीं हो सका। जिससे उनका पक्ष नहीं लिखा जा सका। वही एसडीओ हितेश दहिया ने फोन ही नहीं उठाया।
गौरतलब है कि निगम कमिश्नर पीसी मीणा आए दिन अधिनस्थ कर्मचारी और अधिकारियों के साथ बैठके करते रहते हैं लेकिन फिर भी जनहित के कार्यों में उसका कोई असर दिखाई नहीं दे रहा है। और अधिकारियों की मनमानी खुब चल रही है।
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