सत्य खबर, नई दिल्ली
कोरोना वायरस (Coronavirus) के कारण पूरी दुनिया में लाखों लोगों की जान चली गई और अब तक करोड़ों लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं. अकेले भारत में ही 5 लाख से ज्यादा लोगों की मौत कोरोना संक्रमण के कारण हो चुकी है. भारत में अब तक कोरोना की तीन लहर आ चुकी हैं. भारत में दूसरी लहर (Second Wave of Corona) का कारण बना डेल्टा वेरिएंट (Delta Variant) अब तक का सबसे खतरनाक साबित हुआ है. देश में तीसरी लहर (Third Wave of Coronavirus) लाने वाला ओमीक्रोन (Omicron) अब तक के सभी वेरिएंट्स में से सबसे तेजी से फैलने वाला वेरिएंट साबित हुआ है. हालांकि, ओमीक्रोन के कारण गंभीर संक्रमण और मौत के मामले कम ही सामने आए थे. कोरोना के दौर का सबसे बड़ा बुरा सपना डेल्टा वेरिएंट जैसा घातक और ओमीक्रोन वेरिएंट जैसा संक्रामक स्ट्रेन ही हो सकता है और यह बुरा सपना अब सच होता दिख रहा है.
कुछ समय पहले डेल्टा और ओमीक्रोन वेरिएंट का मिलाजुला रूप लैब में पकड़ा गया था. जानकारों ने इसे डेल्टाक्रोन (Deltacron) का नाम दिया था. ब्रिटेन की न्यूज वेबसाइट मिरर के अनुसार ब्रिटेन के स्वास्थ्य अधिकारियों ने अब आधिकारिक तौर पर इस वेरिएंट पर नजर रखना शुरू कर दिया है. ब्रिटेन की स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी के अनुसार पिछले ही हफ्ते डेल्टाक्रोन वेरिएंट एक मरीज में पाया गया है. माना जा रहा है कि एक मरीज में ओमीक्रोन और डेल्टा वेरिएंट का संक्रमण एक साथ हुआ था और उसके ही शरीर में यह नया वेरिएंट म्यूटेट हुआ था. हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि डेल्टाक्रोन पहली बार ब्रिटेन में ही सामने आया है या किसी अन्य देश में.
साइप्रस के वायरोलॉजिस्ट ने खोजा था डेल्टाक्रोन
करीब एक महीने पहले साइप्रस यूनिवर्सिटी के वायरोलॉजिस्ट लिओंडियोस कोस्ट्रिकिस ने बताया था कि उन्होंने डेल्टाक्रोन नाम के एक नए वेरिएंट की पहचान की है. हालांकि, उस समय कई जानकारों ने उनके दावे को खारिज कर दिया था और कहा था कि हो सकता है यह लैब में किसी गलती या कैंटैमिनेशन के कारण हुआ हो.
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डेल्टा वेरिएंट की घातक क्षमता और ओमीक्रोन वेरिएंट की संक्रामकता के बारे में तो सभी जान चुके हैं. लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं है कि डेल्टाक्रोन कितना घातक और संक्रामक है. ब्रिटेन की हेल्थ एजेंसी अभी यह स्पष्ट तौर पर बताने में असमर्थ है कि कोई अन्य मरीज इस वेरिएंट से संक्रमित पाया गया है या नहीं. हालांकि, अभी स्वास्थ अधिकारी इसको लेकर ज्यादा चिंतित नहीं हैं, क्योंकि अभी इसके ज्यादा मामले सामने नहीं आए हैं.
चिंता की बात नहीं
एक अच्छी खबर ईस्ट एंजलिया विश्वविद्यालय के संक्रामक रोग विशेषज्ञ पॉल हंटर का कहना है कि डेल्टाक्रोन ज्यादा खतरा इसलिए नहीं है, क्योंकि ज्यादातर लोगों को वैक्सीन लग चुकी है. इसके अलावा लोगों में कोरोना वेरिएंट्स के खिलाफ इम्युनिटी बढ़ी हुई है.
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