सत्य खबर
हरियाणा सरकार ने आरटीए (क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण) सचिव का पद तुरंत प्रभाव से खत्म कर दिया है। अब जिलों में डीटीओ (जिला परिवहन अधिकारी) कमान संभालेंगे। डीटीओ का जिम्मा किसी भी आईएएस, आईपीएस, आईएफएस, एचसीएस, एचपीएस या प्रथम श्रेणी अधिकारी को स्वतंत्र तौर पर दिया जाएगा। किसी को इस पद का अतिरिक्त कार्यभार नहीं मिलेगा। इसी के साथ 11 जिलों में आटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक लगाए जाएंगे।
सीएम मनोहर लाल ने पत्रकारों से बातचीत में यह अहम निर्णय शनिवार को सांझा किए। उन्होंने कहा कि डीटीओ के पद पर ईमानदार अधिकारियों को छांटकर लगाया जाएगा। रजिस्ट्रियों में भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए उठाए गए कदमों के बाद भ्रष्ट तंत्र पर यह एक और प्रहार है। वे नवरात्र के शुभ अवसर पर शुद्धिकरण का मन बना चुके हैं और आरटीए के बाद हर विभाग जहां पर भ्रष्टाचार की गुंजाइश है, उसको खत्म करेंगे।
उन्होंने कहा कि आरटीए दफ्तरों में सरकार ने 250 बिचौलिए (अनडिजायरेबल कांटेक्ट मैन) चिह्नित किए हैं। इनका प्रवेश डीटीओ कार्यालयों में निषेध होगा। इनकी नामों की सूची जिलावार डीटीओ कार्यालय के बाहर चस्पा की जाएंगी ताकि ये सांठगांठ कर किसी का काम न करवा सकें। 22 जिलों में डीटीओ की नियुक्ति 2 दिनों के अंदर-अंदर कर दी जाएगी। तहसील कार्यालयों में बिचौलियों से मुक्ति के बाद अब आम जनता को आरटीए कार्यालयों में भी इनसे छुटकारा मिलेगा, चाहे अब ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना हो या फिर वाहन पासिंग करानी हो।
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मनोहर लाल ने बताया कि वे स्वयं वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से डीसी को सरकार के इस निर्णय से अवगत करवाएंगे। मुख्यमंत्री ने इस बात के संकेत दिए कि आरटीए के बाद किन्हीं और विभागों का भी वे चयन करेंगे जहां पर भ्रष्टाचार की अधिक संभावना है, उस पर भी अंकुश लगाया जाएगा। जिलों में नए पार्किंग स्थल बनाने व ट्रांसपोर्ट नगर स्थापित करने का काम भी डीटीओ के जिम्मे होगा। शहरी निकाय व अन्य विभाग ये काम नहीं देखेंगे। नो पार्किंग में वाहन खड़ा करने के चालान भी डीटीओ करेंगे। 2 माह में सिस्टम पूरी तरह से दुरुस्त कर लिया जाएगा।
छह स्थानों पर मालवाहक वाहनों की होगी जांच
सीएम ने कहा कि माल ढोने वाले वाहनों की फिटनेस की जांच करने के लिए रोहतक के बाद छह और स्थानों अंबाला, करनाल, हिसार, गुरुग्राम, फरीदाबाद एवं रेवाड़ी में वाहनों के जांच एवं प्रमाणीकरण केंद्र खोले जाएंगे। इस पर डेढ़ सौ करोड़ रुपये खर्च होंगे।
11 जिलों में आटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक लगाए जाएंगे
अब डीएल बनाना आसान नहीं होगा। वाहन चलाने में दक्ष होने पर ही लाइसेंस बनेगा। सरकार 11 जिलों कैथल, झज्जर के बहादुरगढ़, रोहतक, फरीदाबाद, नूंह, भिवानी, करनाल, रेवाड़ी, सोनीपत, पलवल और यमुनानगर में आटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक बनाने जा रही है। इन कंप्यूटरीकृत मशीनों से ड्राइविंग स्किल्स का टेस्ट लिया जाएगा और लाइसेंस बनवाने वालों को किसी दलाल के पास जाने की जरूरत नहीं होगी। इसके लिए कुल 30 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
वाणिज्यिक वाहनों की ओवरलोडिंग भी भ्रष्टाचार का मुख्य कारण है, इस पर अंकुश लगाने के लिए सड़कों पर पोर्टएबल धर्मकांटे लगाएंगे, जिससे वाहन चालक को भी पता नहीं लगेगा कि कब उसके वाहन के वजन का तोल हो चुका। उन्होंने कहा कि इसके लिए 45 पोर्टएबल धर्मकांटे खरीद लिए गए हैं। इनकी सफलता के बाद पूरे प्रदेश में और भी पोर्टएबल धर्मकांटे लगाए जाएंगे। आगे से वाणिज्यिक वाहनों की चेकिंग व पासिंग करने वाले वाहन निरीक्षक के शरीर पर कैमरे लगाए जाएंगे, जिससे सारी कार्रवाई रिकॉर्ड की जाएगी और इसकी निगरानी मुख्यालय स्तर पर होगी। कैमरे में बातचीत की पूरी रिकॉर्डिंग उपलब्ध रहेगी।
ई-रवाना को वाहन सॉफ्टवेयर से जोड़ा जाएगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि खनन वाहनों में आमतौर पर ओवरलोडिंग की समस्या की शिकायतें मिलती हैं , इसके लिए ‘ई-रवाना’ सॉफ्टवेयर पहले ही तैयार किया जा चुका है। अब इसको परिवहन विभाग के ‘वाहन’ सॉफ्टवेयर के साथ समेकित किया जाएगा। वर्तमान में आरटीए कार्यालय में पंजीकृत वाणिज्यिक वाहनों की संख्या लगभग सवा लाख है और आरटीए कार्यालय में कर्मचारियों की संख्या सिर्फ 627 है। एक साल के अंदर आरटीए कार्यालयों के लिए नई भर्ती की जाएगी। तक तक प्रतिनियुक्ति पर कर्मचारी भेजकर काम चलाएंगे।
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