सत्य खबर । नई दिल्ली/हरियाणा
दिल्ली हाईकोर्ट ने हरियाणा व दिल्ली में कथित तौर पर कई हत्याओं और आर्म्स एक्ट के मामलों में शामिल राजेश बवानिया गैंग के गुर्गे को अपने मृतक भाई की विधवा पत्नी से शादी करने के लिए चार दिन की अंतरिम जमानत दी है।
जस्टिस विभु बाखरू की सिंगल जज बेंच ने शुक्रवार को शेखर को 25,000 रुपये के निजी मुचलके व इतनी ही राशि के दो जमानतियों के बदले 23 नवंबर से 26 नवंबर तक अंतरिम जमानत पर रिहा करने की इजाजत दे दी।
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि याचिकाकर्ता को 27 नवंबर को या उससे पहले आत्मसमर्पण करना होगा। रिहा किए जाने पर वह सीधे अपने गांव में जाएगा और खुद को उक्त गांव तक ही सीमित कर लेगा। याचिकाकर्ता कृषि भूमि को पत्नी के नाम पर करने के सीमित उद्देश्य को छोड़कर गांव से बाहर नहीं जाएगा।
याचिकाकर्ता अपनी वापसी पर तुरंत जेल अधिकारियों को आत्मसमर्पण करेगा और किसी अन्य जगह नहीं जाएगा। याचिकाकर्ता प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पीड़ित के किसी भी गवाह या परिवार के सदस्यों से संपर्क नहीं करेगा।
याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील अमित साहनी ने कहा कि गांव के बुजुर्गों ने 25 नवंबर, 2020 को अपने चचेरे भाई की विधवा के साथ आरोपी शेखर की शादी तय कर दी है, इसी आधार पर उसके लिए अंतरिम जमानत मांगी गई है।
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शेखर की ओर से यह तर्क दिया गया था कि उसके लिए अपने चचेरे भाई की विधवा पत्नी से शादी करना आवश्यक है, ताकि वह उसके और उसके नाबालिग बेटे की देखभाल कर सके। जब अदालत ने उससे पूछा कि याचिकाकर्ता अपनी होने वाली पत्नी की देखभाल कैसे करना चाहता है, उसके वकील वकील अमित साहनी ने कहा कि याचिकाकर्ता कृषि भूमि का मालिक है, जिसे उसकी शादी के समय उसकी पत्नी के नाम पर ट्रांसफर किया जाएगा।
याचिकाकर्ता ने उक्त जमीन के दस्तावेजों की फोटोकॉपी भी अदालत में प्रस्तुत की जिसे वह शादी के तुरंत बाद अपनी पत्नी के नाम पर ट्रांसफर करना चाहता है। साहनी ने कहा कि उक्त संपत्ति को हस्तांतरित करने की आवश्यक व्यवस्था भी कर ली गई है।
याचिका में कहा गया है कि आवेदक के समुदाय में यह प्रचलित रिवाज है कि अगर एक भाई अपने पीछे किसी बच्चे को छोड़ जाता है, तो उसकी विधवा भाभी की शादी मृतक के अविवाहित भाई या चचेरे भाई से कर दी जाती है।
अभियोजन पक्ष की ओर से अंतरिम जमानत का विरोध करते हुए यह दलील दी गई थी कि आरोपी कुख्यात राजेश बवानिया गैंग से जुड़ा हुआ है जो दिल्ली और हरियाणा सहित विभिन्न राज्यों में आर्म्स एक्ट, मर्डर और हत्या के प्रयास आदि के कई मामलों में शामिल है।
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