Tau Devi Lal wanted to Bansilal officer to jail
सत्यखबर, ब्यूरो रिपोर्ट। ताऊ देवीलाल साल 1977 में पहली बार मुख्यमंत्री बने। मुख्यमंत्री बनने के कुछ महीने बाद ही अपने राजनीतिक विरोधी बंसीलाल को गिरफ्तार करवाया। बंसीलाल को कोर्ट परिसर में हथकडिय़ां लगाकर ले जाया गया। चौधरी देवीलाल ने बंसीलाल के प्रधान सचिव रहे शशिकांत मिश्रा को भी जेल भेजने का खाका तैयार किया। मिश्रा पर 50 से अधिक केस दर्ज हुए। कई महीनों जांच चलीं। तब तक मिश्रा को किसी अहम पद पर नियुक्ति नहीं दी गई। पर एकाएक ऐसा क्या हुआ कि ताऊ का मन बदल गया। छुट्टी पर जाने के लिए देवीलाल से मिलने पहुंचे मिश्रा को देवीलाल ने अपना प्रधान सचिव बना दिया। यह किस्सा बड़ा रोचक है। जाहिर है कि जिस अफसर से ताऊ खार खाए बैठे थे। ऐसे में ऐसा क्या हुआ कि देवीलाल ने उन्हें ही सबसे पॉवरफुल पोस्ट दे दी। सियासी किस्सों की सीरिज में मिश्रा और देवीलाल का वो रोचक किस्सा।Tau Devi Lal wanted to Bansilal officer to jail
दरअसल 1932 में जन्मे शशिकांत मिश्रा 1956 बैच के आईएएस थे। उनकी पहली पोस्टिंग संयुक्त पंजाब में हुई। 1966 में हरियाणा का गठन होने के बाद उन्हें हरियाणा कॉडर मिला। चौधरी बंसीलाल साल 1968 में हरियाणा के तीसरे मुख्यमंत्री बने। मिश्रा के कामकाज से चौधरी बंसीलाल काफी प्रभावित थे। उन्होंने मुख्यमंत्री बनने के बाद मिश्रा को अपना प्रधान सचिव नियुक्त किया। बंसीलाल के मुख्यमंत्री रहने के 1975 तक वे इस पद पर रहे। हरियाणा में गांव-गांव में बिजली पहुंचाने, सडक़ों का निर्माण करने, नहरों के जाल बिछाने की सफल कहानी के पीछे एसके मिश्रा की बड़ा अहम रोल था। साल 1977 में जनता पार्टी को बहुमत मिला और चौधरी देवीलाल पहली बार मुख्यमंत्री बने। मुख्यमंत्री बनते ही उन्होंने चौधरी बंसीलाल और उसके बाद एसके मिश्रा के खिलाफ कई फाइलें खोल दीं। बंसीलाल पर एक दर्जन से अधिक केस दर्ज हुए। भ्रष्टाचार के एक मामले में बकायदा बंसीलाल को गिरफ्तार किया गया।
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एक खुली जीप में उन्हें कोर्ट तक लाया गया। खैर मिश्रा पर तो 50 से अधिक केस देवीलाल ने दर्ज करवाए। मिश्रा पर कई महीने जांच चली। इससे पहले चौधरी देवीलाल ने मुख्यमंत्री की शपथ लेने के बाद चंडीगढ़ में पहली पत्रकार वार्ता में भी ऐलान कर दिया कि मिश्रा जरूर जेल जाएंगे। जांच चलती रही। इसी बीच मिश्रा ने स्टडी लीव पर जाने के लिए आवेदन कर दिया। आईसीसीआर के एक प्रोजेक्ट पर जाने के लिए स्टडी लीव के लिए की ओर से किए गए आवेदन पर हरियाणा सरकार की ओर से काफी समय तक कोई फैसला नहीं लिया गया। बीबीसी के सीनियर पत्रकार रेहान फेजल की एक रिपोर्ट के अनुसार ऐसे में मिश्रा ने चौधरी देवीलाल से मुलाकात करने का मन बनाया। मिश्रा को यह डर था कि अगर वे देवीलाल से मुलाकात के लिए अपाइटमैंट मांगेंगे तो इसके लिए वे कतई राजी नहीं होंगे। ऐसे में मिश्रा बिना अपाइटमेंट लिए देवीलाल से मिलने पहुंच गए। मुलाकात हुई। मिश्रा ने देवीलाल से कहा कि उन्हें छुट्टी चाहिए। पर देवीलाल बोले आप वापस आ जाओ।Tau Devi Lal wanted to Bansilal officer to jail
मिश्रा ने कहा कि आज तो मुझे जेल भेज रहे थे, पर अगर आपको मेरे पर भरोसा है तो मैं वापस आ जाता हूं, जहां मर्जी आए लगा दीजिए। इस पर देवीलाल ने कहा कि आप मेरे प्रधान सचिव के तौर पर वापस आईए। बेशक बंसीलाल के खास विश्वासपात्रों में होने के चलते देवीलाल मिश्रा से खार खाते थे पर वे उनकी काबिलियत से भी वाकिफ थे। यही वजह है कि एक बार आईएएस रामएस वर्मा को देवीलाल ने कहा कि मुझे पता है काम तो मिश्रा और आप करते हैं, नाम बंसीलाल का होता है। इस बात का जिक्र खुद वर्मा ने अपनी किताब माई एन्काऊंटर्स विद थ्री लाल्स ऑफ हरियाणा में किया है। तो ऐसे लाजवाब लीडर थे चौधरी देवीलाल और ऐसे बाकमाल अफसर थे शशिकांत मिश्रा।Tau Devi Lal wanted to Bansilal officer to jail
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