सत्यखबर हरियाणा (अशोक छाबड़ा) – प्रदेश में विवादित नेता भाजपा के गले की फांस बनते जा रहे हैं। इन नेताओं में कई ऐसे हैं, जो लंबे समय से भाजपा में हैं, लेकिन पार्टी की विचारधारा के विपरीत काम कर रहे हैं। इन विवादित नेताओं की वजह से भाजपा खुद को असहज महसूस कर रही है। सोशल मीडिया पर बदनामी के बावजूद भाजपा इस दुविधा में है कि वह इन पर कार्रवाई करे या नहीं। राज्य में कई ऐसे नेता सामने आए हैं। पार्टी लाइन से मेल नहीं खा रही
भाजपा विवादित नेताओं की गतिविधियां
ताजा मामला भाजपा नेत्री सोनाली फौगाट द्वारा मार्केट कमेटी के सचिव सुल्तान सिंह की पिटाई करने से जुड़ा है। इस प्रकरण में भाजपा ने देर रात तक सोनाली के विरुद्ध कार्रवाई का मन बना लिया था,लेकिन महिला नेता ने सुल्तान सिंह को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला के समर्थक के रूप में पेश किया तो भाजपा के कदम ठिठक गए। अब भाजपा पुलिस की कार्रवाई के बाद ही सोनाली फौगाट पर कार्रवाई को लेकर किसी नतीजे पर पहुंचेगी।
नेताओं की वजह से भाजपा हुई असहज
हिसार जिले की आदमपुर विधानसभा सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लडऩे वाली टिकटॉक स्टार रहीं सोनाली फौगाट की वजह से पार्टी की खूब किरकिरी हुई है। सोनाली फौगाट ने मार्केट कमेटी के सचिव सुल्तान सिंह को जिस तरह से चप्पलों से मारा और उससे पहले सचिव की सोनाली के समर्थकों ने पिटाई की, उससे पूरे प्रदेश में गलत संदेश गया है। अब मार्केट कमेटियों के सचिव भी सोनाली के विरुद्ध कार्रवाई के लिए लामबंद हो रहे हैं। कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला, कुलदीप बिश्नोई और रेणुका बिश्नोई ने सोनाली फौगाट के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं होने को आधार बनाते हुए पूरी व्यवस्था पर ही सवाल खड़े किए हैं।
सोनाली ने शुक्रवार रात इस प्रकरण में सुल्तान सिंह पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए उनका नाम रणदीप सुरजेवाला से जोड़ दिया था, जिसका पार्टी फायदा उठाने की फिराक में है। दरअसल,भाजपा नेताओं का यह विवाद नया नहीं है। सोनाली राजनीति में आने से पहले फिल्म एक्ट्रेस और टिक-टाक गर्ल के रूप में मशहूर थीं। उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कुलदीप बिश्नोई के मुकाबले आदमपुर से भाजपा के टिकट पर पहला चुनाव लड़ा तो पूरे देश में चर्चाओं में आ गई। पिछले दिनों सोनाली ने इनेलो विधायक अभय सिंह चौटाला की भी तारीफ की थी। अभय चौटाला पर सोनाली का यह टिक टॉक वीडियो प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में खूब चर्चाओं में रहा था।
कथूरिया पर कार्रवाई-सोनाली पर मेहरबानी कैसे
दूसरा किस्सा हरियाणा शुगर फेड के चेयरमैन रह चुके भाजपा नेता चंद्रप्रकाश कथूरिया का है। चंद्रप्रकाश कथूरिया लंबे समय से भाजपा के पायदार नेता माने जाते रहे हैं। चंडीगढ़ में किसी काम से आए कथूरिया को जिस तरह से फंसाया गया, उस कारण भाजपा को कथूरिया के विरुद्ध छह साल के लिए पार्टी से निष्कासन की कार्रवाई अमल में लानी पड़ी। सोशल मीडिया पर इस बात की चर्चा हो रही है कि जब कथूरिया के विरुद्ध कार्रवाई हो सकती है तो मार्केट कमेटी के सचिव को चप्पलों से मारने वाली सोनाली फौगाट को कैसे बचाया जा सकता है। इस ग्रुप यह भी प्रचार कर रहा है कि सोनाली के विरुद्ध अशोभनीय शब्दों का इस्तेमाल किया गया, जिस कारण उन्हेंं गुस्सा आया है।
निदेशक के पीए की पिटाई से गरम रहा गलियारा
सबसे अधिक चॢचत मामला हरियाणा के खेल निदेशक संजीव वर्मा के निजी सचिव के साथ मारपीट को लेकर रहा। निजी सचिव की एक मंत्री के ठिकाने पर पिटाई हुई थी। पिटाई करने वाले कौन थे,यह बात निजी सचिव ने मुख्यमंत्री कार्यालय के एक सीनियर अधिकारी को बताई। मामला उच्च स्तर पर भी पहुंचा, लेकिन हाई प्रोफाइल केस होने की वजह से भाजपा ने चुप्पी साध ली। पिटाई करने अथवा कराने वालों का तो बाल भी बांका नहीं हुआ, लेकिन खेल निदेशक संजीव वर्मा को जरूर तबदील कर ठिकाने लगा दिया गया। उनका कसूर सिर्फ इतना था कि उन्होंने अपने निजी सचिव के साथ हुई मारपीट का उच्च स्तर पर विरोध किया था।
राज्य मंत्री के रौब की वजह से बेरौब हुई भाजपा
भाजपा सरकार में एक राज्य मंत्री का रौब भी उनके हलके में खूब चर्चा में चल रहा है। कुरुक्षेत्र और पेहवा में इस राज्य मंत्री की गतिविधियों को लेकर भाजपा काफी असहज है। इस राज्य मंत्री के नजदीकियों की गाड़ी लॉकडाउन के दौरान रोकना एक थाना प्रभारी तथा चार थानेदारों पर भारी पड़ चुका है। थाना ईस्माइलाबाद की रिपोटग शाहबाद डीएसपी से हटाकर पिहोवा डीएसपी को कराने को लेकर भी कई चर्चाओं ने जन्म लिया। हिसार में भाजपा के जिला महामंत्री सुजीत कुमार की एसडीएम से बहस सोशल मीडिया पर खासी चर्चा में रही, जिसकी वजह से पार्टी को काफी परेशानी उठानी पड़ी।
भाजपा देख रही तेल और तेल की धार
भाजपा प्रभारी डा. अनिल जैन, मुख्यमंत्री मनोहर लाल और प्रांतीय संगठन महामंत्री सुरेश भट्ट ने इस तरह के तमाम मामलों को गंभीरता से लिया है। भाजपा की परेशानी यह है कि यदि वह कार्रवाई करे तो कार्यकर्ता नाराज और न करे तो पब्लिक नाराज। सोशल मीडिया आजकल ऐसा जरिया बन गया है, जिसकी आंखों से कोई बच नहीं सकता। जिस तरह से सोनाली फौगाट के विरुद्ध सोशल मीडिया पर मुहिम चल रही है, उससे पार्टी को कठोर फैसले लेने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है, लेकिन पार्टी फिलहाल तेल और तेल की धार देख रही है।
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