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ईडी 300 करोड़ के धोखाधड़ी के आरोपी को लायेगी भारत,जानिए कौन है ये आरोपी

सत्य खबर, चंडीगढ़ । 

चंडीगढ़ में बैंकों से 300 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी कर थाईलैंड में छिपे सुखविंदर सिंह छाबड़ा की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं क्योंकि अब ईडी इस आरोपी को भारत लाने की तैयारी कर रही है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मामले की जानकारी चंडीगढ़ स्थित प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की विशेष अदालत में दी।

छाबड़ा पर इंडियन ओवरसीज बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा से करीब 300 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में फरार रहने का आरोप है। सी.बी.आई. व ईडी द्वारा दर्ज किए गए मामले के बाद मनी लॉन्ड्रिंग की धाराओं के तहत जांच शुरू की गई। मामले में कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है।

हांगकांग की कंपनी को फायदा 

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उक्त मामले में पी.एम.एल.ए. मनी लॉन्ड्रिंग का मामला विशेष अदालत में चल रहा है। आरोपियों को थाईलैंड से लाने के लिए ईडी पहले समन भेजेगी। इसके बाद गृह मंत्रालय की मदद से आगे की कार्रवाई की जाएगी। जानकारी के मुताबिक इंडियन ओवरसीज बैंक के अधिकारियों और कुछ कारोबारियों की मिलीभगत से बैंकों को करोड़ों का नुकसान पहुंचाया गया।

आरोपी बैंक अधिकारियों ने हांगकांग की कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया। दिल्ली सीबीआई ने घोटाला उजागर होने के बाद सुखविंदर सिंह छाबड़ा समेत 50 आरोपियों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मामला दर्ज किया था.

घोटाले का खुलासा सीबीआई ने किया था

दिल्ली सीबीआई ने 8 अगस्त 2016 को इस घोटाले का खुलासा किया था। आरोप था कि इंडियन ओवरसीज बैंक की चंडीगढ़ शाखा के फॉरेक्स डिपार्टमेंट में 2010 से तैनात आशु मेहरा और अन्य लोगों ने मिलकर हांगकांग की कंपनी को फायदा पहुंचाया। इसके चलते इंडियन ओवरसीज बैंक समेत पंजाब नेशनल बैंक, दुबई और बैंक ऑफ बड़ौदा बहामास ब्रांच को 47.86 मिलियन अमेरिकी डॉलर का लोन मिला।

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जांच में पता चला कि हांगकांग स्थित कंपनी मेसर्स कलर वेब लिमिटेड ने भुगतान के लिए पीएनबी से संपर्क किया था। अधिकारियों की अनुमति के बिना बैंक ऑफ बड़ौदा की दुबई और बहामास शाखाओं को लेटर ऑफ कम्फर्ट जारी किए गए। उसके आधार पर दोनों बैंकों ने विदेश में उन कंपनियों को करोड़ों रुपये का भुगतान जारी कर दिया। बाद में आरोपी कंपनी ने उक्त बैंकों से लिया गया ऋण वापस नहीं किया।

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