सत्य खबर, गुरुग्राम, सतीश भारद्वाज :Eminent persons will be appointed to stop the complaints of CM Window on loading of ATR.
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने आज सीएम विंडो शिकायत निवारण प्रक्रिया से जुड़े प्रतिष्ठित नागरिकों के लिए नई नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया। यह संशोधित प्रक्रिया एक सप्ताह के भीतर पूरी होने की संभावना जताई जा रही है। प्रतिष्ठित नागरिक सीएम विंडो पर प्राप्त शिकायतों के निपटारे के लिए सरकार द्वारा चुने गए जन प्रतिनिधि होते हैं। सीएम के ओएसडी भूपेश्वर दयाल ने जानकारी देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुरूप सभी प्रतिष्ठित नागरिकों की नियुक्ति 23 अक्टूबर 2023 से प्रभावी की जाती है। परिणामस्वरूप, सभी प्रतिष्ठित नागरिकों को सलाह दी जाती है, कि वे अपने सामान्य कर्तव्यों का पालन न करें।
दयाल ने स्पष्ट किया कि प्रतिष्ठित नागरिकों द्वारा प्रतिहस्ताक्षरित कार्रवाई रिपोर्ट प्राप्त करने से संबंधित आवश्यक औपचारिकताएं अगले आदेश तक स्थगित कर दी गई हैं। उन्होंने कहा कि कार्रवाई रिपोर्ट जमा करने की समय सीमा तदनुसार संशोधित की जाएगी।बता दे की प्रदेश के मुख्यमंत्री ने आम प्रदेशवासियों की शिकायत पर जल्द कार्रवाई करने के लिए सीएम विंडो की शुरुआत की थी। जिनकी मॉनिटरिंग के लिए कुछ एमिनेट्स पर्सन की नियुक्ति कर शिकायतकर्ता और संबंधित विभाग से तालमेल कर समस्याओं का समाधान करना था। मगर बात गुरुग्राम की करते हैं तो गुरुग्राम में नियुक्त एमिनेंट पर्सन केवल विभाग की तरफदारी करने में ज्यादा लग रहे हैं। शिकायतकर्ता की तो सुनने को अपनी तोहीन समझते हैं। गुरुग्राम में नियुक्त एमिरेट्स पर्सन अधिकतर विवादों में ही रहे हैं। जो केवल अधिकारियों द्वारा बनाई गई रिपोर्ट पर ही आंख बंद करके साइन कर रहे हैं।
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यहां तक तो ऐसे भी मामले सामने आए हैं, जिनमें पुलिस वालों ने दूसरी पार्टियों से मिलकर किसी के फर्जी साइन करा कर एसीपी, डीसीपी के साइन करा कर सीएम विंडो को ही बंद करा दिया गया है। वहीं एक ही शिकायत की दो तीन दफा रिपोर्ट सीएम विंडो पर अपलोड कर दी। जिनकी शिकायत सीएम ऑफिस यहां तक भी उनके ओएसडी भुवनेश्वर दयाल के कानों तक भी पहुंचाई गई फिर भी उस पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया। वहीं सरकार अपनी वाहवाही लूटने में लगी हुई है, मगर हकीकत में सीएम विंडो पर आने वाली शिकायत पर ना मात्र की ही कार्रवाई हो रही है। गुरुग्राम में तो इस तरह के दर्जनों मामले मिल जाएंगे जिसमें एमिनेंट पर्सन की और अधिकारियों की मिली भगत खुलकर सामने नजर आ रही है। वहीं जनहित के मुद्दों पर सीएम विंडो पर दी गई दरखास्तों की भी कई कई महीनो तक रिपोर्ट विभाग द्वारा नहीं भेजी जा रही है, जिससे भूमाफियाओं और क्राइम करने वाले दबंग लोगों के हौसले बुलंद हो रहे हैं। ऐसे मामलों की चर्चाएं लघु सचिवालय, नगर निगम पुलिस विभाग, एचएसवीपी के दफ्तर में रोजाना नागरिकों में आम चर्चा का विषय बनी रहती है।