Employees of 18 departmental unions of UT, MC protested over their demands
सत्य खबर, चण्डीगढ़
यूटी व एम सी के 18 विभागीय यूनियनों के हजारों कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लागू करवाने के लिए फैड़रेशन ऑफ यूटी इम्पलाईज एण्ड वर्करज चण्डीगढ़ के आह्वान पर आज 15 सितम्बर 2022 को शिवालिक होटल सैक्टर 17 के साथ वाले मैदान में विशाल धरना दिया व रोष प्रर्दशन किया। इस धरने में बिजली, पानी, हार्टिकल्चर, रोड़, स्वास्थ्य शिक्षा, बाल कल्याण परिषद् एम.सी. मनीमाजरा, यूटी सचिवालय समेत आदि 18 विभागीय यूनियनों के हजारों कर्मचारियों ने हिस्सा लिया।धरने में भारी संख्या में महिला कर्मचारी भी शामिल थे। धरने की अध्यक्षता फैड़रेशन के प्रधान रघबीर चन्द ने की। Employees of 18 departmental unions of UT, MC protested over their demands
अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के प्रधान सुभाष लांबा धरने के मुख्य वक्ता थे। अपने संबोधन में श्री सुभाष लांबा ने केन्द्र व राज्य सरकारों को आर्थिक व निजीकरण की नीति का खुलासा करते हुए इनके खिलाफ तीखे संघर्षो की जरूरत पर बल दिया तथा आरोप लगाया कि सरकार पिछले 70 सालों में बनाये गये सार्वजनिक क्षेत्रों को तहस नहस कर रही है।
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पुरानी पैंशन बहाली पर जोर देते हुए कहा कि सरकार न्यू पैंशन सिस्टम के आधार पर कर्मचारियों का सरेआम शोषण कर रही है तथा अलग अलग विभागों में नियमित भर्तियां करने की बजाये आउटसोर्स से भर्ती कर कर्मचारी वर्ग का ठेकेदारों से शोषण करवा रही है जिसके खिलाफ देश व्यापी मुहिम चलाई जा रही है। चण्डीगढ़ के कर्मचारियों के संघर्ष को समर्थन देते हुए कहा कि सरकार तथा प्रशासन फैड़रेशन के प्रतिनिधियों से बात कर शीघ्र मांगों का निपटारा करे नहीं तो सघर्षो का ओर तेज किया जाएगा।
धरने को फैड़रेशन के महासचिव गोपाल दत्त जोशी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजिन्द्र कटोच, उपाध्यक्ष ध्यान सिंह, भीम सेन, संयुक्त सचिव हरकेश चन्द, अमरीक सिंह, नसीब सिंह, बिहारी लाल, आदि मुख्य पदाधिकारियों के इलावा एम.सुब्रामण्यम व सोहन सिंह (एम सी हॉर्टीकल्चर), गुरमीत सिंह व सुखविन्द्र सिह (इलैक्ट्रीसिटी), हरपाल सिह व सिकंदर शर्मा (वाटर सप्लाई), गुरमेल सिंह व प्रेम पाल (एम सी रोड़), सुरिन्द्र सिंह व रणजीत सिंह (जी.एम.एस.एच. सैक्टर 16), सुनीता शर्मा व रेखा गोरा (बाल कल्याण परिषद्), भ्रात्री संगठनों में पंजाब साबओर्डिनेट सर्विसज फैड़रेशन (वैज्ञानिक) के महासचिव नारायण दत्त तिवारी, राम सरूप, उजागर सिंह मोही (पैन्शनरर्ज), गुरदीप सिंह व दिनेश प्रसाद (सीआईटीयू), धर्मेंदर राही (सीटीयू), रणबीर राणा व भाग सिंह (शिक्षा विभाग), राजीव सहगल (एलआईसी), यूटी एसएस फैड़रेशन के प्रधान रंजीत सिंह हंस आदि भारतीय सगंठनों के प्रतिनिधियों ने भी संबोधित किया।Employees of 18 departmental unions of UT, MC protested over their demands
प्रमुख मांगों में-पंजाब के वेतनमान को आधार बनाकर प्रशासन यूटी के कर्मचारियों के लिए खुद के वेतनमान नोटिफाई करें तथा कर्मचारियों के वेतनमान में आ रही त्रुटियां दूर कर वेतन बढ़ोतरी यकीनी बनायें, हर प्रकार के 3 साल पूरे कर चुके अस्थाई कर्मचारियों को नियमित करने की पॉलिसी घेषित की जाये। संशोधित पोस्टों पर काम कर रहे सभी किस्म के अस्थाई कर्मचारियों को विभाग के अधीन किया जाये तथा कर्मचारियों की भर्ती जैम पोर्टल से करने पर पाबन्दी लगाई जाये तथा ठेके बदलने पर कर्मचारियों से सरेआम पैसे मांगने वाले ठेकेदारों का ठेका रद्द किया जाये तथा उनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किये जायें, मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को 5 प्रतिशत सीलिंग खत्म कर नौकरी दी जाये।
सभी विभागों में खाली पड़ी प्रमोशन व सीधी भर्ती की पोस्टें शीघ्र भरी जायें तथा पोस्टें समय पर न भरने व प्रमोशन न करने वाले अधिकारियों की जिम्मेवारी फिक्स कर उनके खिलाफ कार्यवाही की जाये, 2-2, , 3-3 सालों तक प्रोवेशन क्लीयर न करने के कारण रोकी गई इन्क्रीमेंट का ब्याज सहित भगतान किया जाये, एम सी से रिटायर हुए कर्मचारियों की पेंशन को 2-2 सालों से हल न करने वाले विभागी तथा अकाउन्टेंट जनरल (महालेखाकार) के जिम्मेवार अध्किारियों के खिलाफ कार्यवाही की जाये, डेलीवेज कर्मचारियों का संशोधित वेतनमान शीघ्र दिया जाये, भारतीय बाल कल्याण परिषद के कर्मचारियों का रोका हुआ डी सी रेट बहाल किया जाये, सी व डी कैटेगरीज के फील्ड कर्मचारियों को आई सी टी से छूट दी जाये, बराबर काम के आधार पर बराबर वेतन दिया जाये तथा 1996 के बाद भर्ती कर्मचारियों को भी रेगुलर बराबर वेतन तथा भत्ते दिये जाये, बिजली, पानी, स्वास्थ्य आदि विभागों का निजीकरण करना बन्द किया जाये।
बिजली कर्मचारियों पर दर्ज मुकद्मे वापिस लिए जायें, कारण बताओं नोटिस रद्द किये जाये तथा बदले की भावना से कार्यवाही कर नौकरी से निकाले अस्थाई कर्मचारियों को नौकरी पर बहाल किया जाये।Employees of 18 departmental unions of UT, MC protested over their demands
धरने के दौरान प्रशासक के सलाहकार को मांगों का ज्ञापन दिया गया लेकिन मांगों पर प्रशासन का कोई साकारात्मक रवैया ना देखते हुए सघर्ष को तेज करने का फैसला किया गया जिसमें सभी विभागों में लड़ीवार धरने व रोष प्रर्दशन करने के बाद फैड़रेशन की सीक्रेट मीटिंग बुलाकर कर गर्वनर हाउस तक रोष मार्च की तिथि का ऐलान किया जाएगा।
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