सत्य खबर, चंडीगढ़।
Fake Chief Secretary of Haryana arrested, know who and where he is from
फर्जी चीफ सेक्रेटरी सर्बजीत सिंह संधू के शाही ठाठ की तस्वीरें सामने आई हैं। इनमें वह गनमैन बनाए पूर्व फौजियों के साथ नजर आ रहा है। यह तस्वीर किसी हिल स्टेशन की है। जिसमें पूर्व सैनिकों को उसने पुलिस कमांडों जैसी वर्दियां पहना रखी हैं।
एक और फोटो में वह मुस्कराते हुए लोगों को फर्जी वीजा देते नजर आ रहा है। पुलिस की जांच में सामने आया कि उसने अपने ऑफिस में 70 लाख का फर्नीचर लगा रखा था। इसके अलावा 61 बैंक अकाउंट खोले हुए थे। जिनके जरिए वह फर्जी वीजा से लोगों को 35 करोड़ ठग चुका है। इस आरोपी को मोहाली पुलिस ने कल गिरफ्तार किया था। जानिए कौन है सर्बजीत संधू
सर्बजीत संधू पंजाब में अमृतसर के घरिंडा पुलिस थाने में आते गांव अचिंत कोट का रहने वाला है। हालांकि उसने पटियाला के राजपुरा में फर्जी एड्रेस से आर्म्स लाइसेंस बनवा रखा था। संधू की उम्र 28 साल है और उसने बीए के साथ बिजनेस मैनेजमेंट की पढ़ाई की हुई है। उसके खिलाफ अमृतसर, संगरूर और गुरदासपुर में फ्रॉड के 5 केस दर्ज हैं। उसने मोहाली में 2 जगह अपने ऑफिस खोले थे। जिनमें एक मोहाली के सेक्टर 82 और दूसरा डेराबस्सी में खोला हुआ था। हालांकि पुलिस ने अब दोनों आफिस सील कर दिए हैं।
पंजाब, हरियाणा, हिमाचल में फैला नेटवर्क
फर्जी चीफ सेक्रेटरी सर्बजीत संधू का नेटवर्क पंजाब के अलावा हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में फैला हुआ था। पंजाब में संधू अपने ऑफिस के जरिए खुद एक्टिव था। हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर से उसने 35 साल के राहुल को रखा था। जो संधू के लिए फेक वीजा और दिल्ली-कर्नाटक समेत दूसरे राज्यों में फर्जी बैंक अकाउंट का अरेंज करता था। राहुल ने MBA फाइनेंस की डिग्री की है। हरियाणा में उसका साथी रवि मिश्रा था। गुरुग्राम का रहने वाला रवि मिश्रा साइंस ग्रेजुएट है और संधू के लिए फेक बैंक अकाउंट बनाने में मदद करता था। 70% खुद खा जाता, 30% दूसरे बांटते
मोहाली पुलिस की इन्वेस्टिगेशन के मुताबिक ठगी की रकम का 70% सर्बजीत संधू रख लेता था। बाकी 30% रवि और राहुल आपस में बांट लेते थे। यह भी खुलासा हुआ है कि जब ठगी का पता चलने पर लोग रुपए मांगने आते तो संधू अपने रौब और सिक्योरिटी से धमकाकर उन्हें भगा देता था।
US में कंपनी, इस झांसे में ट्रैवल एजेंट भी फंस गए
मोहाली पुलिस के मुताबिक सर्बजीत संधू कहता था कि उसकी US में संधू ट्रांसपोर्ट के नाम से रजिस्टर्ड कंपनी है। वह आसानी से US और कनाडा के वीजा अरेंज कर सकता है। इसके लिए वह लोगों को अपनी कंपनी का वर्कर बता देगा। इसी झांसे में कई ट्रैवल एजेंट तक संधू के झांसे में फंस गए।
उन्होंने कमीशन के लिए संधू के पास लोग भेजने शुरू कर दिए। जब वह फेक वीजा देता था तो उस पर VFS ग्लोबल के लिफाफे यूज करता था और उन पर बार कोड भी होता था ताकि सबको लगे कि यह एंबेसी से आया हो। इसका खुलासा तब होता, जब लोग टिकट खरीदने के बाद एयरपोर्ट पहुंचते और वहां इमिग्रेशन अथॉरिटीज उन्हें रोक लेती थी।