सत्य खबर,दिल्ली
नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के आंदोलन का आज 15वां दिन है। किसानों को मनाने के लिए 6 बार बातचीत के बाद सरकार की लिखित कोशिश भी बुधवार को नाकाम हो गई। सरकार ने कृषि कानूनों में बदलाव करने समेत 22 पेज का प्रपोजल किसानों को भेजा था, लेकिन बात बनने की बजाय ज्यादा बिगड़ गई। किसानों ने सरकारी कागज को सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि अब आंदोलन तेज होगा। अब जयपुर-दिल्ली और आगरा-दिल्ली हाईवे समेत तमाम नेशनल हाईवे जाम किए जाएंगे। इस बीच सरकार के दूसरे प्रस्ताव का भी इंतजार रहेगा।
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सरकार ने किसानों के 10 अहम मुद्दों में से सबसे बड़ी मांग यानी कृषि कानून रद्द करने की मांग को सिरे से ठुकरा दिया। 5 मुद्दों पर सफाई देने की बात कही और 4 मुद्दों पर मौजूदा व्यवस्था में बदलाव का भरोसा दिया।
किसानों ने सरकार से पूछा था कि किसकी सिफारिश पर कानून आए। सरकार ने लिखित में दिया है कि 2010 में हरियाणा के उस वक्त के मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा की लीडरशिप में कमेटी बनी थी। सरकार ने हुड्डा और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के नामों का ही जिक्र किया है, जबकि कमेटी में बंगाल, बिहार और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री भी शामिल थे।
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