Pranjal shouting from the balcony for 25 minutes
सत्यखबर, अहमदाबाद।
अहमदाबाद के शाहीबाग (Shahibagh of Ahmedabad) इलाके में शनिवार को 11 मंजिला बिल्डिंग की 7वीं फ्लोर के एक फ्लैट में आग लग गई। इस हादसे में 15 साल की लड़की की मौत हो गई। बालकनी में वह 25 मिनट तक फंसी रही और लोगों से बचाने की गुहार लगाती रही, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। इस घटना के वीडियो भी सामने आए हैं।
वहीं, परिवार के चार लोगों को बचा लिया गया, उनका इलाज चल रहा है। अधिकारियों का कहना है कि आग लगने का कारण अभी पता नहीं चला है।Pranjal shouting from the balcony for 25 minutes
सुबह 7:28 बजे की है घटना
पुलिस के अनुसार, अहमदाबाद फायर ब्रिगेड को सुबह 7:28 बजे फोन मिला था। इसमें बताया गया कि शाहीबाग स्थित गिरधर नगर सर्किल के पास स्थित ऑर्किड ग्रीन फ्लैट्स की 7वीं मंजिल में आग लगी है। सूचना के बाद एम्बुलेंस समेत दमकल की 15 गाड़ियां मौके पर पहुंच गईं और आग बुझाने का काम शुरू किया।
आग लगने के वक्त फ्लैट में पांच लोग थे। चार बाहर निकलने में सफल रहे, जबकि प्रांजल कमरे में फंस गई, फिर बालकनी की तरफ चली गई और जान बचाने की गुहार लगाने लगी।
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100% बर्न इंजरी हो चुकी थी प्रांजल को, अस्पताल में मौत
चश्मदीदों के मुताबिक, सुबह 8 बजे के करीब बचाव कार्य शुरू हुआ। दमकल कर्मियों की एक टीम 8वीं मंजिल पर पहुंची। वहां से रस्सी बांधकर दो लोग उस बालकनी तक पहुंचे। उन्होंने लड़की को बाहर निकाला। इसके बाद सिविल अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टर के मुताबिक, उसे 100% बर्न इंजरी हो चुकी थी। इसी वजह से उसकी मौत हो गई।
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ऑर्किड ग्रीन फ्लैट में आग बुझाने का जो वीडियो सामने आया है। उसमें साफ देखा जा सकता है कि फायर फाइटर्स कैनन से निकल रहा पानी 5वीं मंजिल तक ही पहुंच रहा था। जबकि, आग 7वीं मंजिल में लगी थी। इससे आग फैलती गई और समय रहते उस पर काबू नहीं पाया जा सका।
घटना के चश्मदीद ने बताया कि दो दमकल कर्मी स्नोर्कल लैडर (सीढ़ी) खोलने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन वह खुल ही नहीं रही थी। इसी के चलते मैं उन्हें अगली बिल्डिंग में ले गया और वहां से कैनन चलाने को कहा। अगर समय पर सीढ़ी खुल जाती तो प्राची को बालकनी से निकाला जा सकता था।
चीफ फायर ऑफिसर का दावा- लैडर खुली थी
अहमदाबाद पश्चिम के चीफ फायर अधिकारी जयेश खराड़ी का दावा- ‘स्नोर्कल लैडर समय पर खुल गई थी। इसी के जरिए दो दमकल कर्मियों को बिल्डिंग तक पहुंचाया गया।’ उधर, चश्मदीदों का कहना है कि अगर लैडर खुल गई थी तो प्राची को बालकनी से ही बाहर क्यों नहीं निकाला जा सका। दमकल कर्मियों को फ्लैट के अंदर क्यों दाखिल होना पड़ा। जबकि प्राची तो फ्लैट की बालकनी में मौजूद थी।Pranjal shouting from the balcony for 25 minutes
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