सत्यखबर तरावड़ी (रोहित लामसर) – होली पर्व जोर जबरदस्ती नही बल्कि शालीनता का त्यौहार हैं, इस दिन कुछ लोग जोर जबरदस्ती से चेहरे व शरीर पर कैमिकलयुक्त रंग लगा देते हैं, जो चेहरे को बदरंग कर देते हैं, जिससे हमारे जीवन में अंधेरा हो जाता है। हमें होली पर इनसे बचते हुए प्यार और शालीनता के साथ होली पर्व मनाना चाहिए। होली पर्व भाईचारे का प्रतीक है। हमें भाईचारा कायम रखते हुए सभी के साथ मिलजुल कर होली पर्व की मुबारकबाद देनी चाहिए। होली पर्व मनाने को लेकर बातचीत करते हुए लाहौरिया ज्वैलर्स से सुबोध गोयल व आर.एल. फूड से संदीप गुप्ता ने कहा कि होली जोर जबरदस्ती का नही बल्कि प्यार और शालीनता का त्यौहार है। उनमें भी होली मनाने को लेकर काफी उत्साह है। लेकिन वह लोगों को जल बचाने को लेकर जागरूक करेंगे।
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ग्रीन पार्क से तरूण बंसल व कैमिस्ट एंड ड्रग एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. प्रवीण गुप्ता ने कहा कि होली को रंगो से जरूर खेंलें मगर शालीनता से ही खेलें। होली के दिन चारों और खुशी का माहौल होता है, लेकिन कुछ लोग छतों पर चढक़र पानी के गुब्बारे भरकर सडक़ों पर फैंकते है, जो काफी खतरनाक है। यह सब नही करना चाहिए। मोदी मिशन पी.एम. अगेन से बिट्टू त्यागी एवं युवा समाजसेवी अरूण जैन ने बताया कि फाग के दिन कुछ युवा हाथों में काला तेल व अनेक प्रकार के रंग लेकर मोटरसाईकिलों पर शोर करते हुए हुड़दंगबाजी करते है। जोकि सरासर गलत है।
वह यह सब करके त्यौहार की शालीनता को भी खत्म कर देते है, जिससे हमारी संस्कृति व सभ्यता पर प्रभाव पड़ता है। युवा समाजसेवी रवि धनखड़ व हरियाणा नंबरदार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष अनिल सुल्तानपुर नंबरदार ने कहा कि कैमिकल युक्त रंग लगाने से चेहरे बदरंग हो जाते है। कपड़े खराब हो जाते है। नहाने व कपड़े धोने में बड़ी मात्रा में पानी बर्बाद होता है। इसलिए होली को पानी से न खेलकर बल्कि फूलों के साथ एक-दुसरे को तिलक लगाकर ही होली खेंलें। सभी ने कहा कि वह होली पर सभी को जल बचाने के लिए पे्ररित करते हुए फूलों की होली खेलेंगे।
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