सत्य खबर, गुरुग्राम,सतीश भारद्वाज :
Gurumaa said that there should be no bribery in work, no false testimony and no violation of the rights of the poor.
गुरू द्रोण की नगरी गुरुग्राम में आनंदमूर्ति गुरूमां ने सत्संग के तीसरे दिन गुरूमां ने कहा कि हर व्यकित अपनी कमाई का दसवां अंश सेवा में लगाएं। मंदिर कमेटियों को शिक्षा देते हुए गुरूमां ने कहा कि मंदिर, गुरुद्वारा कमेटियां पाठशाला, अस्पताल बनवाएं ना कि उनमें सोने से सजावट कराएं। ठाकुर जी की मूर्ति को आपके कपड़ों, आभूषणों, मिष्ठानों की जरूरत नहीं है, वह सिर्फ पूजन के लिए हो। हर मंदिर, गुरुद्वारा कमेटी दान के धन से एफडी ना कराएं, ऐसे स्थान बनाएं जिनकी सोसायटी को इनकी जरूरत है। मंदिर में करोड़ों चढ़ाते हैं, पड़ोस में बच्चे फीस नहीं दे पा रहे। ऐसे चढ़ावे का क्या लाभ।
गुरूमां ने प्रवचन में कहा कि कोई चीज नहीं जिसकी एक्सपायरी डेट ना हो। हमारे शरीर की भी एक्सपायरी डेट है। व्यक्ति कभी नहीं मरता, उसका शरीर मरता है। मन भी नहीं करता। मन की आयु की गणना नहीं हो सकती। यह अनादी काल से है। सृष्टियां कई बनीं, प्रलय हो गया। शरीर कई बनें और मिट गए। जीवों का पाप-पुण्य नई सृष्टि को प्रगट करने का माध्यम बन जाता है। उन्होंने कहा कि रामजी के चरित्र के साथ रामायण ज्ञान का भी बोध कराती है। जितनी वृद्धि श्रीराम की पूजा करने में आती है, उतनी वृद्धि रामायण ग्रंथ के माध्यम से मिलने वाले ज्ञान को लेकर भी ग्रहण करें।
आनंदमूर्ति गुरूमां ने कहा कि लोग आजकल पढऩा ही भूल गए। टीवी, रील, फेसबुक, वाट्सअप पर झूठ देखते हैं। ऐसा ना करके रोज सुबह उठकर स्मरण करके, भजन करने के बाद, आसन, प्राणायाम के बाद ग्रंथ को खोलकर बैठो। जिससे हमको प्रेम है, उसकौ ले लो। चाहे गीता को ले लो। मंदिर गये, आरती की वह तो अच्छा है, पर श्रीकृष्ण के उपदेश को भी ग्रहण करो। ना चिंतन, ना मनन, ना जप, ना सुमिरन करते। लोग कहते हैं हमारे पास समय नहीं है। जिस ईश्वर की कृपा से जीवन मिला है, उसके लिए समय नहीं है तो यह बेईमानी है। जैसे शरीर को अन्न, जल, दूध, फल की आवश्यकता है जीने के लिए, ऐसे ही हमारे मन, बुद्धि को ज्ञान की आवश्यकता है जीने के लिए। इसे ग्रहण करना चाहिए। चिंतामुक्त होकर जीवन जीना ही तो हम सिखा रहे हैं। तला, मीठा, फास्टफूड खाकर स्वास्थ्य खराब कर रहे हैं।
सूर्योदय से पहले जागना, शौच से निवृत होकर आसन करना, पूर्व की दिशा में मुंह करके मंत्र सहित प्राणायाम, सुपाचय भोजन करो, कामकाज में रिश्वतखोरी ना हो, झूठी गवाही मत दो, गरीब का हक मत खाओ। गुरूमां ने कहा कि तुम रिश्वत खाते हो तो लाख माथे पर तिलक लगा लो, मेरी नजर में तुम धार्मिक व्यक्ति नहीं हो। किसी गरीब का, भाई-बहन का हक खाते हो तो ना गुरुओं को, ना ईश्वर को धोखा दे सकते है। अगर हमारा जीवन नैतिक नहीं है तो हम धार्मिक कैसे हो सकते हैं। धर्म थोड़ी आरती, यज्ञ करने का नाम नहीं है। धर्म तुम्हारा जीवन होना चाहिए। खूब मेहनत करके कमाओ और दसवां हिस्सा जनसेवा में लगा दो।
आनंदमूर्ति गुरूमां ने कहा कि कैंसर कितना फैल रहा है। गरीब आदमी को कैंसर हो जाए तो वह कैसे इलाज करे। तुरंत प्रभाव से सफेद चीनी, मैदा, रिफाइंड खाना बंद करो। एक दिन जल का उपवास करो। यही कैंसर से बचने का तरीका है। एक रिसर्च में कहा गया है कि अगर साल में पांच दिन सिर्फ जल का उपवास कर लोगे तो शरीर में कैंसर होने की संभावना को भी खत्म कर लोगे। हमारे भारत में उपवास जीवन जीने का हिस्सा होता था। उपवास में दूध पीया जाता है। फल खाया जाता है। इतना कुछ खाकर भी हम व्रत कहते हैं।
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इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के हरियाणा प्रांत संघ चालक पवन जिंदल, विजय हरियाणा के प्रांत प्रचारक सहित कई भाजपा नेताओं तथा पत्रकारो ने गुरूमां का अभिनंदन करके आशीर्वाद लिया।
Gurumaa said that there should be no bribery in work, no false testimony and no violation of the rights of the poor.