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Haryana News: हरियाणा में पानी की कमी के कारण संयुक्त जल संघर्ष समिति ने सड़क पर उतरने का किया फैसला

Haryana News: हरियाणा में पानी की भारी कमी और स्थिति की बिगड़ती हालत को लेकर संयुक्त जल संघर्ष समिति ने 2 मई को आंदोलन करने का ऐलान किया है। किसान संगठन 2 मई सुबह 10 बजे स्मृति वन पार्क, एचएयू गेट नंबर 4 के सामने इकट्ठा होंगे। इसके बाद एक भड़काऊ मार्च मिनी सचिवालय तक निकाला जाएगा। समिति के अध्यक्ष बिजेंद्र बेनीवाल और पगड़ी संभाल जट्टा किसान संघर्ष समिति के महासचिव संदीप सिवाच ने कहा कि इस समय कपास की बुवाई का सबसे अहम समय है, लेकिन नहरों में पानी नहीं है। पिछले एक महीने से नहरें सूखी पड़ी हैं और किसान बुरी तरह परेशान हैं। हिसार जिले में करीब 2.30 लाख हेक्टेयर में कपास की बुवाई की जाती है, जो खरिफ फसलों में सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है।

किसानों को पानी के बिना हो रही भारी परेशानी

संघर्ष समिति के महासचिव सतबीर पूनिया ने कहा कि जब से भाखड़ा का पानी आया है, तब से यह पहली बार हो रहा है कि लोग पीने के पानी के लिए हर बूंद के लिए तरस रहे हैं। समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुरेंद्र आर्य ने कहा कि हरियाणा और पंजाब की सरकारों को जनता के हित में सोचने की जरूरत है। सरकार को केवल भाषण देने के बजाय ठोस कदम उठाने चाहिए। पानी की गंभीर समस्या से जूझ रहे किसान और आम लोग अब आंदोलन करने को मजबूर हो गए हैं। इस स्थिति में सरकार की ओर से कोई ठोस प्रयास नहीं किए जा रहे हैं।

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Haryana News: हरियाणा में पानी की कमी के कारण संयुक्त जल संघर्ष समिति ने सड़क पर उतरने का किया फैसला

कांग्रेस की सांसद कुमारी शैलजा ने गुरुवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री नवाब सिंह सैनी को पत्र लिखकर लोगों को पीने के पानी की समस्या से राहत देने की मांग की है। सांसद शैलजा ने पत्र में कहा कि जिले की अधिकांश पानी की टंकियों के जलाशय सूख चुके हैं। नहरों में जो पानी छोड़ा गया था, वह अंतिम छोर तक नहीं पहुंचा, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की भारी किल्लत हो रही है। लोग पानी के लिए 600 से 1200 रुपये तक के टैंकर खरीदने को मजबूर हो रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि नहरों में पानी छोड़ा जाए ताकि गांवों के जलाशय भर सकें और किसानों को सिंचाई के लिए पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके।

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यहां पानी की स्थिति सबसे गंभीर है

पानी की सबसे गंभीर स्थिति नथूसरी चोपटा, गुसाईं आना, कुमहरिया, हजीरा, जसनिया, गंजा रूपणा, कागदाना, जमाल, गिगोरानी, खेड़ी, राजपुरा साहनी, जोदकिया, रामपुर बागड़िया, कैरावली, डाबड़ा कला, मानक दीवान, रंधावा, निर्वान, शेरनवाली, करमसाना, बकरियानवाली, मोड़िया और मधोसिंघाना गांवों में देखी जा रही है। इसके अलावा रानिया, ऐलनाबाद और डबवाली क्षेत्र के गांवों में भी पानी की गंभीर समस्या है। चुताला जैसे बड़े गांव में भी पानी की कमी हो रही है। अधिकतर गांवों को पानी की आपूर्ति ट्यूबवेल से होती है, लेकिन वहां का पानी खारा होने के कारण लोग पानीजनित बीमारियों का शिकार हो रहे हैं।

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