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Haryana : पहलवान बजरंग पुनिया व बृजभूषण सिंह में फिर छीड़ी जुबानी जंग, जानिए किसने क्या कहा

सत्य खबर, रोहतक ।

ऑल इंडिया किसान कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष एवं पूर्व पहलवान बजरंग पूनिया ने भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह को चेतावनी दी है। बजरंग पूनिया ने एक चैनल से बातचीत में कहा, ‘हिम्मत है तो बृजभूषण सिंह हरियाणा आकर दिखाएं। यहां आपका स्वागत है। सभी का अधिकार है, आइए आप।यहां आकर चुनाव प्रचार करें। यहां की जनता तय करेगी कि आपका किस तरह स्वागत किया जाएगा। मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा, सिर्फ विनेश ही चुनाव लड़ रही है।’

इससे पहले बृजभूषण सिंह ने कहा था, ‘मैं पहले ही कहता था कि ये दोनों (बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट) कांग्रेस के हाथ में खेल रहे हैं। दोनों कांग्रेस की ही कठपुतली हैं। मैं BJP हाईकमान से अपील करूंगा कि मुझे हरियाणा में चुनावी प्रचार-प्रसार के लिए भेजा जाए। मैं हरियाणा में विनेश के खिलाफ प्रचार करूंगा।’

वहीं भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष संजय सिंह ने कहा कि बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आंदोलन करने वाले तीनों पहलवानों पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज होना चाहिए।

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एक दिन पहले शुक्रवार को बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट कांग्रेस में शामिल हुए थे। जिसके बाद बृजभूषण सिंह और संजय सिंह ने बजरंग और विनेश पर निशाना साधा।

वहीं एक मीडिया चैनल से बातचीत में भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष संजय सिंह ने कहा कि पूरा देश जानता है कि ये पूरा आंदोलन कांग्रेस के इशारे पर हो रहा था। इसकी पटकथा कांग्रेस कार्यालय में लिखी गई। इसका मास्टरमाइंड दीपेंद्र हुड्डा का परिवार था। इस विरोध की नींव उस दिन रखी गई थी, जब प्रधानमंत्री ने बृजभूषण शरण सिंह की तारीफ करते हुए कहा था कि कुश्ती सुरक्षित हाथों में है।

संजय सिंह ने आगे कहा कि ये पूरी साजिश इसलिए भी रची गई, क्योंकि ओलिंपिक में कुश्ती के 4-5 मेडल आने वाले थे। विरोध का असर उन मेडल पर भी पड़ा। ओलिंपिक वर्ष में 2 साल तक कुश्ती की कोई गतिविधि नहीं हुई। हमारे पहलवान अभ्यास नहीं कर पाए।

अब ये (बजरंग-विनेश) कांग्रेस में शामिल हो गए। बृजभूषण शरण सिंह भाजपा से जुड़े थे, मैं किसी पार्टी या व्यक्ति से जुड़ा नहीं हूं, लेकिन उन्होंने मेरा भी विरोध किया। इसलिए यह पूरा विरोध राजनीति से प्रेरित था।

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संजय सिंह ने कहा कि बजरंग पूनिया का कहना है कि आंदोलन में अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन लोगों को फोन करते तो सब कुछ ठीक हो जाता। ऐसे में क्या छेड़खानी के आरोप भी खत्म हो जाते? इससे साबित होता है कि आंदोलन अपने ईगो के लिए हुआ।

साक्षी मलिक का चुनाव नहीं लड़ना व्यक्तिगत निर्णय है, लेकिन खेल का उन्होंने बंठाधार तो कर ही दिया है। वह भी उनके साथ हैं। हरियाणा के 99% खिलाड़ी हमारे साथ हैं। भारत सरकार से यह मांग की कि पूरे आंदोलन की जांच कराई जाए और तीनों पहलवानों पर देशद्रोह का मुकदमा चलाया जाए।

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